अफ़ग़ानिस्तान का घटनाक्रम निश्चित ही महत्वपूर्ण है, लेकिन जिस तरह से हमारे न्यूज़ चैनल दिन-दिन भर उसकी ख़बरें दिखा रहे हैं, डिबेट कर रहे हैं, उसे देखकर भ्रम होता है कि हम भारत में हैं या अफ़ग़ानिस्तान में!
आज भारत में बेरोज़गारी और महंगाई जिस तरह चरम पर है। गरीब के साथ मध्यवर्ग भी परेशान है। किसान-मज़दूर रात-दिन आंदोलन कर रहे हैं और लड़ाई के नए मोर्चे खुल रहे हैं। उसे देखते हुए हमारे तथाकथित मुख्यधारा के मीडिया में इस सबकी कवरेज़ और बहस ना के बराबर है और अगर है तो बहुत प्रमुखता से नहीं है। इन दिनों प्रमुखता से दो ही चीज़ें हैं एक हैं सरकारी विज्ञापन और दूसरे अफ़गानिस्तान की ख़बरें।