दिल्ली के दरवाज़े पर बैठे किसानों के छोड़कर भाजपा और गृहमंत्री अमित शाह को अब बंगाल के किसान याद आ रहे हैं। और ख़ूब याद आ रहे हैं।
दिल्ली के दरवाज़े पर बैठे किसानों के छोड़कर भाजपा और गृहमंत्री अमित शाह को अब बंगाल के किसान याद आ रहे हैं। और खूब याद आ रहे हैं। उनके घर भी जाया जा रहा है, खाना भी खाया जा रहा है। अगर पार्टी में किसान नहीं होंगे तो उन्हें ढूंढकर लाया जाएगा, मंच पर बिठाया जाएगा, लेकिन यहां आंदोलित किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं। काश!, बंगाल की जगह पूरे देश में चुनाव होते...तो मोदीजी, शाह जी किसान के घर जाने की बजाय खुद ही किसान बन जाते।