...वरना ये लहूलुहान हो जाएंगे, क्योंकि घर वापसी के लिए बस हम देंगे नहीं, दूसरों को देनें नहीं देंगे। ट्रेन में किराया लेंगे और हवाई जहाज में बैठने की तुम्हारी हैसियत नहीं।
पाकीज़ा फ़िल्म का मशहूर डायलॉग है, “अपने पांव ज़मीन पर मत रखना...” इसे अधूरा ही छोड़ते हुए अगर इसमें सरकार की तरफ़ से ग़रीब मज़दूरों के लिए यह जोड़ दिया जाए कि ...वरना ये लहूलुहान हो जाएंगे, क्योंकि घर वापसी के लिए बस हम देंगे नहीं, दूसरों को देनें नहीं देंगे। ट्रेन में किराया लेंगे और हवाई जहाज में बैठने की तुम्हारी हैसियत नहीं, तो कुछ ग़लत नहीं होगा। वैसे इस कार्टून को देखकर आपको 2019 में चुनाव से पहले हमारे प्रधान सेवक द्वारा कुंभ के दौरान सफाईकर्मियों के पांव धोने की भी याद आ रही होगी। लेकिन सच्चाई यही है कि आज कोरोना काल में भी सफाईकर्मी पहले की तरह सुरक्षा उपकरणों को तरस रहा है। गटर में मर रहा है।