NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: हमारा 'तीर' किसी दूसरे के तरकश में चला गया!
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर सुर बदला है। अपनी सहयोगी बीजेपी से अलग पेगासस मामले में उन्होंने जांच की वकालत की है। उधर उनकी पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा द्वारा उन्हें ‘पीएम मटेरियल’ कहे जाने पर भी खूब सियासी हलचल है। यानी नीतीश ने 'तीर' छोड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि तीर नीतीश की पार्टी जदयू का चुनाव चिह्न भी है।
आज का कार्टून
03 Aug 2021
cartoon

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर सुर बदला है। अपनी सहयोगी बीजेपी से अलग पेगासस मामले में उन्होंने जांच की वकालत की है। नीतीश का कहना है कि सच्चाई बाहर लाने के लिये फोन टैपिंग से जुड़े सभी पहलू की जांच की जानी चाहिये। हालांकि नीतीश के लिए बीजेपी से अलग जाकर स्टैंड लेना पहली बार नहीं है, लेकिन ये भी सच है कि वे बार-बार लौटकर फिर बीजेपी के ही शरणागत हो जाते हैं।

समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि फोन टैपिंग से जुड़े सभी पहलू की जांच की जानी चाहिये ताकि सच्चाई बाहर आ सके ।

मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में सोमवार को आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान फोन टैपिंग से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि फोन टैपिंग की बात काफी दिनों से सामने आ रही है और इस पर पहले ही चर्चा हो जानी चाहिए थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ से इससे जुड़े एक-एक पहलू को देखकर उचित कदम उठाया जाना चाहिए। फोन टैपिंग को लेकर संसद में कुछ सदस्यों ने अपनी बातें रखी हैं। इससे जुड़े सभी पहलू की जांच की जानी चाहिये ताकि सच्चाई बाहर आये ।’’

नीतीश ने कहा कि फोन टैपिंग को लेकर सरकार ने अपना जवाब संसद में दिया है।

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताये जाने पर प्रतिक्रया देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे हमारी पार्टी के साथी हैं, वे कुछ भी बोल देते हैं लेकिन हमारे बारे में यह सब कहने की जरुरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम तो सेवक हैं जनता की सेवा कर रहे हैं। ऐसी मेरी कोई न तो आकांक्षा है और न ही कोई इच्छा है।’’

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से दिल्ली में हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ‘‘उनके प्रति हमारे मन में आज से नही बल्कि एक जमाने से सम्मान का भाव रहा है। हम सभी लोग एक जमाने में एक ही दल में रहे हैं, बाद में सभी अलग-अलग दलों में चले गये लेकिन रिश्ता अभी भी बना हुआ है।’’

चौटाला से मुलाकात को लेकर भाजपा की नाराजगी पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘इसको लेकर किसी को भी कोई नाराजगी नहीं है। कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। हमलोगों की समाजवादी पृष्ठभूमि है। पुराने संबंध वाले व्यक्ति से मुलाकात करने में भला किसी को क्यों ऐतराज होगा।’’

cartoon click
cartoon
Irfan ka cartoon
Pegasus
BJP
Nitish Kumar

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License