उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए गतिविधियां बहुत तेज़ हो गई हैं। नये-पुराने सियासी रिश्ते बन और बिगड़ रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के बीच गठबंधन की चर्चा ज़ोर से चल पड़ी। हालांकि आरएलडी और उसकी सहयोगी रही समाजवादी पार्टी ने इसे खारिज कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए गतिविधियां बहुत तेज़ हो गई हैं। नये-पुराने सियासी रिश्ते बन और बिगड़ रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के बीच गठबंधन की चर्चा ज़ोर से चल पड़ी। हालांकि आरएलडी और उसकी सहयोगी रही समाजवादी पार्टी ने इसे खारिज कर दिया है। लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की मुलाक़ात से यह अटकलें चल पड़ीं थीं। दरअसल प्रियंका रविवार को गोरखपुर में प्रतिज्ञा रैली के बाद दिल्ली जाने के लिए लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पहुंची और उसी दौरान रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी भी दिल्ली जाने के लिए वहां पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई और दोनों एक ही विमान से दिल्ली रवाना हुए। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और रालोद में गठबंधन के कयास लगने शुरू हो गये। हालांकि सपा और आरएलडी नेताओं ने दावा किया है कि आरएलडी का गठबंधन सपा के साथ ही होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने बताया कि यह शिष्टाचार भेंट थी।
इधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सोमवार समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी और आरएलडी के बीच गठबंधन मुकम्मल है और उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा।