NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मोदी के जन्मदिन को बेरोज़गारी दिवस मनाने और पुतला जलाने पर 15 के ख़िलाफ़ मामले दर्ज
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को ‘बेरोज़गारी दिवस’ के तौर पर मनाने और उनका पुतला जलाने पर एक संगठन के अध्यक्ष सहित 15 लोगों पर दंगे के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Sep 2020
शामली

अब अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर प्रदर्शन करना भी गैरकानूनी बनाया जा रहा है। यूपी में तो इसका चलन बेहद बढ़ गया है। जी हां, 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को देशभर में युवाओं ने बेरोज़गारी दिवस के तौर पर मनाया लेकिन शामली में इसे लेकर भी पुलिस में मुकदमा दर्ज हो गया है।

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक उत्तर प्रदेश के शामली जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को ‘बेरोजगारी दिवस’ के तौर पर मनाने और उनका पुतला जलाने पर एक संगठन के अध्यक्ष सहित 15 लोगों पर दंगे के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि शामली जिले के भाजपा अध्यक्ष सतेंद्र तोमर की शिकायत के आधार पर 11 अज्ञात लोगों और चार नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने कहा कि भारतीय समाज रक्षक युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रिंस कोरी और 14 अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा) और 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

झिंझाना थाना क्षेत्र के अंतर्गत दरगाहपुर गांव की इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

UttarPradesh
Narendra modi
Narendra Modi Birthday
shamli
National Unemployment Day

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़


बाकी खबरें

  • भाषा
    श्रीलंका में हिंसा में अब तक आठ लोगों की मौत, महिंदा राजपक्षे की गिरफ़्तारी की मांग तेज़
    10 May 2022
    विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला करने के लिए सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उकसाने का आरोप लगाया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को दूसरी बार मिला ''द पुलित्ज़र प्राइज़''
    10 May 2022
    अपनी बेहतरीन फोटो पत्रकारिता के लिए पहचान रखने वाले दिवंगत पत्रकार दानिश सिद्दीकी और उनके सहयोगियों को ''द पुल्तिज़र प्राइज़'' से सम्मानित किया गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी
    10 May 2022
    केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के आचरण पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि वे इस घटना से पहले भड़काऊ भाषण न देते तो यह घटना नहीं होती और यह जघन्य हत्याकांड टल सकता था।
  • विजय विनीत
    पानी को तरसता बुंदेलखंडः कपसा गांव में प्यास की गवाही दे रहे ढाई हजार चेहरे, सूख रहे इकलौते कुएं से कैसे बुझेगी प्यास?
    10 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्टः ''पानी की सही कीमत जानना हो तो हमीरपुर के कपसा गांव के लोगों से कोई भी मिल सकता है। हर सरकार ने यहां पानी की तरह पैसा बहाया, फिर भी लोगों की प्यास नहीं बुझ पाई।''
  • लाल बहादुर सिंह
    साझी विरासत-साझी लड़ाई: 1857 को आज सही सन्दर्भ में याद रखना बेहद ज़रूरी
    10 May 2022
    आज़ादी की यह पहली लड़ाई जिन मूल्यों और आदर्शों की बुनियाद पर लड़ी गयी थी, वे अभूतपूर्व संकट की मौजूदा घड़ी में हमारे लिए प्रकाश-स्तम्भ की तरह हैं। आज जो कारपोरेट-साम्प्रदायिक फासीवादी निज़ाम हमारे देश में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License