NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
“संघर्ष विराम की घोषणा सरकार की, हमारा संघर्ष जारी रहेगा”
किसान आंदोलन की एक ख़ासियत यह रही कि विभिन्न संगठन अपने अलग-अलग झंडों के साथ शामिल हुए। जिसको लेकर कहीं कोई ऐतराज नहीं रहा और यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती रही। लखनऊ महापंचायत में इस विविधता और उसकी रायशुमारी में वही अद्भुत एका सामने दिखा।
ओंकार सिंह
24 Nov 2021
kisan


अंतत: तीनों कृषि बिल वापस लेने के प्रधानमंत्री मोदी के “मास्टर स्ट्रोक” फैसले पर संयुक्त किसान मोर्चा ने संघर्ष जारी रखने का हल्ला बोल फैसला सुना दिया है। 22 नवम्बर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डेन में करीब 40 किसान संगठनों के लोगों के भारी जुटान में आयोजित किसान महापंचायत में भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पूरे भारत में इस संघर्ष को जारी रखने की बात कही।

टिकैत ने कहा, "संघर्ष विश्राम की घोषणा हमने नहीं करी, सरकार ने करी। हमारे लिए मसला जारी रहेगा।" उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी सहित सीड बिल, बिजली बिल सुधार आदि पर किसानों की सभी मागें जब तक पूरी नहीं होती मसले बने रहेंगे। उन्होंने कहा, " सरकार को संघर्ष में मरने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देना होगा।"

टिकैत ने कहा, "कुछ लोगों को हमें समझाने में 12 महीने लगे और कटाक्ष के साथ कानून वापसी की। बात तो करी लेकिन बांटने का काम किया कि कुछ लोगों को वह समझा नहीं पाए।" उन्होंने कहा कि वह लोगों को हिंदू, मुस्लिम, जिन्ना में उलझाए रखेंगे और देश को बेचते रहेंगे।

भकियू नेता ने कहा, "डेयरी व बिजली बिल सुधारों के बहाने सरकार 22 से गांव में दूध बेचने और पालतू जानवरों के लिए भी कनेक्शन की बाध्यता बनाने जा रही है। ये हमारी खेती को बेच देंगे।" उन्होंने कहा, "1968 के कृषि आधार वर्ष पर तीन कुंतल गेहूँ में तीन तोला सोना मिलता था। आज भी ऐसा कर दे, तो सरकार ऐसे कई कानून लाए कोई फर्क नहीं पड़ता।"

किसान महापंचायत में जय किसान मंच के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले 70 साल में यह पहला किसान आंदोलन है जिसने सफलता पाई है। यह समय जीत का जश्न मनाने का है और आगे की जंग में जज्बा दिखाने का है। उन्होंने कहा, "कानून मर गए लेकिन डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला। देश के प्रधानमंत्री को अहंकार की बीमारी है, जनता उसका इलाज करती है।" उन्होंने कहा, "हम लड़ रहे हैं, जीत रहे हैं। आगे भी लड़ेंगे और जीतेंगे।"

योगेंद्र यादव ने कहा, "तपस्या की बात प्रधानमंत्री के मुंह को शोभा नहीं देती। महंगाई और मुश्किलों की मार में तपस्या तो किसान कर रहा है।" उन्होंने कहा, "एमएसपी पर दान नहीं किसानों को दाम चाहिए, दाम की गारंटी चाहिए।" उन्होंने सिंघु बॉर्डर को किसानों की शहादत के स्मारक के रूप में स्थापना दिलाने की बात कही।

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा, "सत्याग्रह में सत्य की जीत होती है, यह हार-जीत का विषय नहीं है। किसान आंदोलन ने तय कर दिया कि देश में आंदोलन की दशा-दिशा गांधीवादी होगा। सरकार ने भरसक चाहा आंदोलन हिंसक हो, ऐसा नहीं हुआ।"

उन्होंने कहा, "देश में तीन प्रतिशत कर्मचारी की बात मान ली जाती है, साठ प्रतिशत किसान की बात नहीं मानी जाती। किसान चाहे तो हर महीने सरकार बदल सकती है। हमें यह जज्बा पैदा करना करना होगा, हमें यह लड़ाई इस स्तर पर लानी होगी।"

महापंचायत में किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी की बात जोरशोर से उठाई। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, "लखीमपुर घटना का मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री के परिवार का है। उनका बेटा जेल में है लेकिन मोदी सरकार ने अभी तक उन्हें इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर उन्हें भरोसा नहीं है।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से जुटे किसान और किसान प्रतिनिधियों ने क्या कहा-

किसान आंदोलन की एक खासियत यह रही कि विभिन्न संगठन अपने अलग-अलग झंडों के साथ शामिल हुए। जिसको लेकर कहीं कोई ऐतराज नहीं रहा और यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती रही। महापंचायत में इस विविधता और उसकी रायशुमारी में वही अद्भुत एका सामने दिखा।

लखनऊ से महापंचायत में शामिल जगत पाल, संतराम और रामअधार रावत ने सरकार की बिल वापसी की मंशा पर कहा कि यह सब लिखित में मान्य होगा। उन्होंने कह कि एमएसपी पर सरकार को कानून बनाना होगा साथ ही किसानों की कर्जमाफी, बिजली बिल माफी की मांगों के अलावा किसानों के शहादत को सम्मान देना होगा।

मिर्जापुर से महापंचायत में शामिल रामसूरत सिंह, छन्नू, अवधेश नारायन, कंचन फौजी आदि ने यूपी चुनाव को लेकर कहा कि भाजपा जीती तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जबरन प्रतिकूल फसल उगाने का दबाव बनाया जाता है। लोगों से केले की खेती के लिए कहा गया, जबकि यहां सिवान चार महीना पानी में डूबे रहते हैं। ऐसे में केला की खेती कैसे होगी?

उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने मसाला और सफेद मूसली की खेती की लेकिन बाजार नहीं मिला। काले चावल को यह कहकर बढ़ावा दिया गया कि यह शुगर फ्री है और 300 से 500 रुपये किलो की  दर से बिकेगा, लेकिन कोई 100 रुपये में  नहीं पूछा।

मुरादाबाद से आए किसान प्रतिनिधि चौधरी नौ सिंह ढिल्लो कहते हैं कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे। उन्होंने कहा कि किसानों को महंगा बीज देकर मद्दी में खरीदारी की जाती है। इसलिए एमएसपी की एक रेट पर खरीद और एक प्रतिशत की मार्जिन पर बेच हो।

उन्होंने कहा, "किसानों की शहादत पर ना आंसू ना खेद, कैसा प्रधानमंत्री है ये? मुरादाबाद के ही प्रीतम सिंह ने सरकारी क्रय केंद्र की पर्ची दिखाते हुए बताया कि महीने हो गये अभी तक धान की कीमत नहीं मिली। उन्होंने कहा, "15 प्रतिशत किसान का धान बिकेगा, बाकी लुटेगा।"

यूपी में चुनाव को लेकर मुरादाबाद के रामपाल व अन्य किसानों ने कहा कि वह चुनाव में उसे जिताएंगे जो उनका काम करेगा। उन्होंने कहा, " जो किसान की बात करेगा वही देश पर राज करेगा।"

बहराइच से किसान महापंचायत में पहुंची महिला किसान रंजना चौहान ने कहा कि जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होंगी वह बैठेगा नहीं। उसे किसानों का बिजली बिल और कर्ज माफ करना होगा। उन्होंने कहा, "यह सरकार हमारे समझ से परे है। इस बार धान हाथ से काट के आए हैं और सस्ती में बिक गया। गन्ने का पिछला भुगतान अभी नहीं मिला। का करें? कौनो सुनवाई नाहीं!”

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

इसे भी पढ़ें : लखनऊ में किसान महापंचायत: किसानों को पीएम की बातों पर भरोसा नहीं, एमएसपी की गारंटी की मांग


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License