NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
योगी सरकार ने जिस कम्पनी को 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर का दिया ऑर्डर उसी को केंद्र ने किया बंद
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जिस कम्पनी को 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने का ऑर्डर देकर वाहवाही लूटी, उसी बीपीसीएल कम्पनी को महीने भर में ही बंद करने का फरमान सुना दिया गया है।
गौरव गुलमोहर
03 Jun 2021
योगी सरकार ने जिस कम्पनी को 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर का दिया ऑर्डर उसी को केंद्र ने किया बंद

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जिस कम्पनी को 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने का ऑर्डर देकर वाहवाही लूटी, उसी बीपीसीएल कम्पनी को महीने भर में ही बंद करने का फरमान सुना दिया गया है। प्रयागराज की भारत पम्प्स कम्प्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल) को केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बंदी का आदेश आ चुका है। और सभी कार्यरत कर्मचारियों को जबरदस्ती वीआरएस देकर हमेशा-हमेशा के लिए घर भेज दिया गया है।

ऐसे में योगी सरकार द्वारा कम्पनी को दिए गए 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर का ऑर्डर भी अधर में लटक चुका है। जबकि कुछ दिन पहले ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कम्पनी का दौरा कर आश्वासन दे चुके हैं कि बीपीसीएल द्वारा प्रयागराज ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी सिलेंडर की भारी कमी जल्द ही पूरी होगी।

लगभग 20 करोड़ से अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में महामारी से अभी तक कुल 20497 लोगों की जान जा चुकी है और प्रतिदिन औसतन 2500 संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। जबकि कई रिपोर्ट्स का दावा है कि वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है। वैज्ञानिकों की मानें तो भारत को कोरोना की तीसरी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है।

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिर्जापुर पत्रकार वार्ता में दावा करते हुए कह चुके हैं कि "लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर भविष्य की चिंता हमारे सामने है। हर जनपद ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकें इसे ध्यान में रखते पर्याप्त मात्रा में आज ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं। हमने कहा है कि हर जनपद में एक नोडल अधिकारी तैनात करिये जो ऑक्सीजन प्लांट की समीक्षा कर सके और उन्हें समय सीमा के अंतर्गत स्थापित कर सकें।"

अब सबसे बड़ा सवाल है कि यदि योगी सरकार सभी जनपदों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करती है तो उससे निकलने वाले मेडिकल ऑक्सीजन को स्टोर कैसे करेगी? जबकि प्रति दिन पांच हजार सिलेंडर बनाने की क्षमता वाली बीपीसीएल को ही बंद कर दिया गया।

सिलेंडर का ऑर्डर देकर लूटी वाह-वाही और कम्पनी बन्द

नवम्बर, 2019 में एनडीए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) समेत पांच सरकारी कंपनियों के विनिवेश को मंज़ूरी दे दी थी। बीपीसीएल में केंद्र की हिस्सेदारी 53.29 फीसदी तक है। इसी के तहत पिछले साल 9 दिसंबर को प्रयागराज की मिनी रत्न कही जाने वाली भारत पम्प्स कम्प्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल) कम्पनी का केंद्र ने क्लोजर कर दिया।

वहीं हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बुधवार को 12,851 करोड़ रुपये के लाभांश की घोषणा की। यह मुनाफ़ा सात गुना बढ़कर 19,041.67 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें से आधे से अधिक राशि सरकार को जाएगी।

केंद्र द्वारा भारत पम्प्स कम्प्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल) का क्लोजर करने के बाद भी योगी सरकार ने महामारी के ऑक्सीजन और सिलेंडर की भारी कमी को पूरा करने के लिए पब्लिक सेक्टर की बीपीसीएल को 3 मई को 2500 मेडिकल सिलेंडर का ऑर्डर दे दिया और कम्पनी उस दिशा में काम भी शुरू कर चुकी थी।

कमर्चारियों की मानें तो ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के विजिट करने के बाद पूर्व में अवकाश प्राप्त कर चुके कुछ अनुभवी कर्मचारियों को भी वापस काम पर बुला लिया गया। पुरानी बंद पड़ी मशीनों की रिपेयरिंग, ग्रीसिंग कर चलाया जा चुका था और स्टॉक में पड़े लगभग 1500 सिलेंडर पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यदि लाइसेंस दे तो दो दिन के अंदर कम्पनी सरकार को 1500 ऑक्सीजन सिलेंडर सौंप सकती है।

नैनी स्थित बीपीसीएल कम्पनी में कई नेता और मंत्री का दौरा भी कर चुके हैं। अख़बारों और सोशल मीडिया में सरकार के इस कदम की सराहना भी हो रही है और लोगों में उम्मीदें जगने लगी थी कि प्रदेश में जल्द ही ऑक्सीजन संकट खत्म होगा। लेकिन अचानक 13 मई की रात सभी कार्यरत कर्मचारियों को वीआरएस दिए जाने के लिए सीएमडी की ओर से कम्पनी को मेल आ गया और ऑर्डर का काम पूरी तरह बंद हो गया।

पिछले महीने प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कम्पनी का निरीक्षण कर कमर्चारियों की सराहना करते हुए कहा कि "बीपीसीएल ने अब तक मिले वर्कआर्डर का 90 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। संकट के समय में कर्मचारियों ने सराहनीय कार्य किया। सभी कर्मचारियों व अधिकारियों के हितों की रक्षा की जाएगी। कंपनी के संचालन में किसी भी तरह की अड़चन नहीं आने देंगे।"

लेकिन इसी बीच कुल 140 कर्मचारियों को जबरदस्ती वीआरएस यानी स्वैच्छिक अवकाश पर भेजने और ऑक्सीजन सिलेंडर का काम अधर में लटकने की ख़बरें आने लगीं। अभी तक कम्पनी के कुल 100 कर्मचारियों को वीआरएस मिल चुका है। सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में ही बचे अन्य 40 लोगों को भी वीआरएस देकर हमेशा के लिए अवकाश पर भेज दिया जाएगा।

बीपीसीएल के पूर्व अध्यक्ष फूलचंद दूबे कहते हैं कि "सस्ती लोकप्रियता लूटने के लिए इलाहाबाद के सांसद और मंत्री तुरन्त ही वाह-वाही लूटने लिए बीपीसीएल में विजिट करने लगे। 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर का ऑर्डर बीएचईएल बनारस की शाखा को ट्रांसफर कर सभी कर्मचारियों को वीआरएस दे दिया गया। बाद में भाजपा के जो नेता कम्पनी में विजिट करने लगे थे वो कर्मचारियों से मिलने के लिए मना करने लगे।"

केंद्र ने महामारी के बीच सैकड़ों कमर्चारियों से छीना रोजगार

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमिक के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी की दूसरी लहर में अभी तक लगभग एक करोड़ भारतीय अपनी नौकरी खो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर महामारी के दौरान एलपीजी और अन्य ईंधन उत्पादों की महत्वपूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाने वाली बीपीसीएल को बंद कर, सौ से अधिक कर्मचारियों को अवकाश पर भेज दिया गया है।

प्रयागराज नैनी स्थिति बीपीसीएल एक मिनी रत्न तमगा प्राप्त कम्पनी है। बीपीसीएल पम्प और कम्प्रेशर बनाने की इकलौती सार्वजनिक प्रतिष्ठान है। इस कम्पनी को पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नन्दन बहुगुणा के प्रयासों से 1969 में स्थापित किया गया था। एक समय तक इस कम्पनी में लगभग 2000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे। अब यह संख्या 50 के नीचे आ गई है। वहीं सीएमआई के आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर के चलते अप्रैल के मुकाबले मई महीने में बेरोजगारी दर चार फीसदी बढ़कर 12 फीसदी हो गई है।

बीपीसीएम के कर्मचारी नागेंद्र सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया कि "बीपीसीएल के आठ साल से बंद प्लांट को चलाया गया और ऑक्सीजन सिलेंडर ऑर्डर कैंसल करके बीएचईएल को दे दिया गया। बीएचईएल कह रही है कि वह बीपीसीएल की टेक्नॉलजी तो लेगी लेकिन उसके कर्मचारियों को नहीं लेगी।"

सिंह आगे जीवन के कठिन हो जाने जी बात करते हुए कहते हैं कि "हमें 36 महीने का डीए दिया जा रहा है। जिसके तहत लगभग दस-पन्द्रह लाख मिलेंगे। बच्चे बड़े हो रहे हैं उन्हें पढ़ाना-लिखाना है। उसमें घर भी चलाना होगा। आगे क्या होगा कुछ पता नहीं। सरकार की ऐसी नीति है कि समझ नहीं आ रहा है। जबकि ओएनजीसी और पीआईएल ने सरकार को नोट लिखकर दिया कि बीपीसीएल को बंद न किया जाए। इसके बावजूद बन्द कर दिया गया।"

एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर कमल ने बीपीसीएल को बंद करने को पीएम मोदी के लिए आपदा में अवसर बताया। वो कहते हैं कि "स्वास्थ्य मंत्री ने कम्पनी का दौरा किया और कहा गया कि कुछ ही दिनों ऑक्सीजन सिलेंडर बंटने लगेगा लेकिन पता चला कि वह कम्पनी ही बंद हो गई। चिंता की बात है कि राज्य सरकार ने कम्पनी को सिलेंडर बनाने का ऑर्डर दिया और केंद्र सरकार ने कम्पनी को ही बंद कर दिया। ये सब आपस में ही तय नहीं कर पा रहे हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है।"

कमल कम्पनी के बन्द होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहते हैं कि "इस तरह के उद्योग लगने से क्षेत्र का अप्रत्याशित तौर पर विकास होता है। निश्चित तौर पर इलाहाबाद का विलास बाधित होगा। पीएम मोदी पहले ही आपदा में अवसर की बात कह चुके हैं। तो आपदा आम जनता के लिए है और अवसर भाजपा के लिए है। महामारी की आड़ में अवसर तलाश कर पब्लिक सेक्टर को बेच रहे हैं।"

कम्पनी के अधिकारियों से हमने इस सम्बंध में बात करने की कोशिश की लेकिन अधिकारी समय से पहले वीआरएस दिए जाने के सम्बंध में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

(गौरव गुलमोहर स्वतंत्र पत्रकार है)

UttarPradesh
Yogi Adityanath
yogi government
Modi Govt
COVID-19
Oxygen shortage
UP Health Care Facilities

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License