NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बॉर्डर राज्यों में केंद्र ने बढ़ाया BSF का दायरा, पंजाब-पश्चिम बंगाल ने बताया राज्यों पर हमला
पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगे हुए राज्यों में BSF अब 50 किलोमीटर तक के दायरे में गिरफ्तारी कर सकती है, तलाशी कर सकती है, जांच कर सकती है, सामान जब्त कर सकती है। पहले बॉर्डर राज्यों पर सुरक्षा की दृष्टि से ये सीमा केवल 15 किलोमीटर भर थी। इसके बाद का क्षेत्र संबंधित राज्य के हिस्से आता था। ये सब काम वहां की पुलिस देखती थी। लेकिन अब BSF की पहुँच का विस्तार हो गया है। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Oct 2021
bsf

केंद्र सरकार के एक फैसले पर विपक्ष द्वारा कड़ी आपत्ति जताई जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक फैसला लेते हुए BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स) की पॉवर बढ़ा दी है। पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगे हुए राज्यों में BSF अब 50 किलोमीटर तक के दायरे में गिरफ्तारी कर सकती है, तलाशी कर सकती है, जांच कर सकती है, सामान जब्त कर सकती है। पहले बॉर्डर राज्यों पर सुरक्षा की दृष्टि से ये सीमा केवल 15 किलोमीटर भर थी। इसके बाद का क्षेत्र संबंधित राज्य के हिस्से आता था। ये सब काम वहां की पुलिस देखती थी। लेकिन अब BSF की पहुँच का विस्तार हो गया है। जहाँ पुलिस और BSF के अधिकार क्षेत्रों में टकराव का जन्म होता है। BSF अब पचास किलोमीटर तक के क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाने और गिरफ्तारी से पहले राज्य सरकार से या राज्य पुलिस से कोई अनुमति नहीं लेगी।

इस फैसले के बाद से संबंधित राज्यों की सरकारों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के बाद से राज्यों ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र में घुसने वाला हमला बताया है। कई राजनीतिक दलों ने इसे तर्कहीन और संविधान की भावना के खिलाफ वाला फैसला करार दिया है। 

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी और उप मुख्‍यमंत्री ओपी सोनी ने भी केंद्र सरकार से इस फैसले को वापस लेने की अपील करते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी ने एक ट्वीट करते हुए कहा है- "मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, ये संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील करता हूं।" 

ये भी देखें: 'पंजाब की राजनीति 20:20 मैच की तरह हो गई है'

आपको बता दें कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगे सीमावर्ती राज्‍यों में बीएसएफ नशीले पदार्थों अवैध घुसपैठ और हथियारों की तस्‍करी को रोकने के लिए अभियान चलाती है। BSF के लिए पहले 15 किमी तक का क्षेत्र था, जिससे उसे कई बार दिक्कतें आती थीं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि इससे कई बार अपराधी उसकी पहुँच से बाहर निकल जाते थे। लेकिन अब बॉर्डर से उसे 50 किमी तक के एरिया में तलाशी करने की आजादी मिल गई है। लेकिन सरकार द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले को राजनीतिक दृष्टि से भी देखा जा रहा है। इसे नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्यों पर कब्ज़ा करने की पहल के रूप में भी देखा जा रहा है। 

मोदी सरकार के इस फैसले के बाद BSF को राज्‍य पुलिस को सूचित करने की जरूरत नहीं रह जाएगी। चूँकि BSF केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है, इसलिए केंद्र सरकार की इन राज्यों के पचास-पचास किलोमीटर क्षेत्र में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पहुँच हो गई है। जिसे राज्यों पर, संविधान के फेडरल सिस्टम यानी संघीय ढाँचे पर भी हमला माना जा रहा है, जिसमें केंद्र और राज्य अपनी अपनी भूमिका अदा करते हैं।

कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना की है और इसे संवैधानिक व्‍यवस्‍था का अतिक्रमण बताया है। उन्होंने कहा है कि इस फैसले के बाद आधे पंजाब पर BSF का अतिक्रमण हो जाएगा।

वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने भी केंद्र के इस फैसले को संवैधानिक ढाँचे का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा है कि क़ानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है, लेकिन केंद्र अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से राज्य के विषयों में हस्तक्षेप करने की कोशिश में लगा हुआ है।

ये भी पढ़ें: पंजाब में हर किसी को दलित मुख्यमंत्री पसंद क्यों हैं

BSF
punjab
West Bengal
BJP
Modi Govt
Narendra modi
Amit Shah

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License