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भारत
राजनीति
ईंधन की कीमतों में कमी लाने के लिए प्रयास करे केन्द्र : विजयन
विजयन ने कहा कि केवल 2021 में ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 19 बार वृद्धि की गयी है। पिछले छह वर्षों के दौरान पेट्रोल और डीजल पर केन्द्र की ओर से लगाया जाने वाला कर 307 प्रतिशत तक बढ़ा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Jun 2021
Pinarayi Vijayan

देशभर में लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। जिसको लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है।  केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को ऐसी नीतियों को लागू करने से बचना चाहिए जिसके परिणामस्वरूप ईंधन की कीमतों में बेकाबू वृद्धि हो रही है।

विजयन ने विधायक सी एच कुनहम की ओर से विधानसभा में लाए गए एक प्रस्ताव के संबंध में यह बयान दिया। प्रस्ताव में केन्द्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले कर को घटाने का आग्रह किया गया है, ताकि ईंधनों की कीमतों में कमी की जा सके।

विजयन ने कहा, ‘‘ केन्द्र सरकार की ओर से नियमित रूप से ईंधनों की कीमतों में वृद्धि करने से महंगाई लगातार बढ़ रही है, जिसका सीधा असर आर्थिक विकास पर पड़ता है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने से केरल जैसे राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। केन्द्र को ऐसी नीतियां लागू करने से बचना चाहिए, जिसके कारण ईंधनों की कीमतों में अनियंत्रित वृद्धि हो रही है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में कमी का लाभ घरेलू स्तर पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत बाजार में कम होती है, तो केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क बढ़ाती है, जिसके कारण लोगों को कोई फायदा नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि केवल 2021 में ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 19 बार वृद्धि की गयी है। पिछले छह वर्षों के दौरान पेट्रोल और डीजल पर केन्द्र की ओर से लगाया जाने वाला कर 307 प्रतिशत तक बढ़ा है।

पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में 100 रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है।   देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। हालांकि, इससे पहले पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के दौरान दो सप्ताह से अधिक समय तक दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया।

तेल विपणन कंपनियों द्वारा जारी मूल्य अधिसूचना में कहा गया है कि ईंधनों के दाम पूरे देश में एक साथ बढ़ाये गये हैं लेकिन राज्यों में इन पर लगने वाले बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर अलग होने से यह वृद्धि अलग अलग हो सकती है।

सरकार ने मार्च 2020 के मध्य में पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि की थी तब से दोनों ईंधनों के दाम में घटबढ रुकी हुई थी। इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने उत्पाद शुल्क वृद्धि को ग्राहकों पर डालने के बजाय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आने वाली गिरावट के साथ उसका समायोजन किया। इससे दाम स्थिर रहे। हालांकि जानकारों का कहना था कि जिस स्तर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई, उसकी तुलना में भारतीय उपभोक्ता को कोई भी लाभ नहीं दिया गया।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

Pinarayi Vijayan
Modi government
Narendra modi
Petrol & diesel price
Inflation

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