NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
चेल्सी मैनिंग की कानूनी टीम ने उनकी रिहाई के लिए नई याचिका दायर की
व्हिसलब्लोअर मैनिंग जिन्होंने अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी युद्ध अपराधों को दुनिया के सामने लाया था वह अब विकिलीक्स के जूलियन असांजे के मामले में गवाही देने से इनकार करने पर न्यायिक हिरासत में है।
पीपल्स डिस्पैच
20 Feb 2020
Chelsea Manning

व्हिसलब्लोअर और पूर्व सैन्य खुफिया अधिकारी चेल्सी मैनिंग की कानूनी टीम ने एक संघीय न्यायाधीश द्वारा उनके ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों से उनकी रिहाई के लिए एक नई याचिका दायर की है। 19 फरवरी को मोइरा मेल्टज़र-कोहेन की अगुवाई में मैनिंग की डिफेंस टीम ने नए साक्ष्य के आधार पर ये याचिका दायर की है जिसमें शामिल विशेषज्ञों और संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत निल्स मेल्ज़र के उनके व्यक्तित्व प्रोफाइल की हालिया रिपोर्ट उन पर लगे प्रतिबंधों की निंदा करते हैं।

वर्जीनिया के पूर्वी जिले के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज एंथनी ट्रेंगा द्वारा उन पर लगाए गए प्रतिबंध न केवल नजरबंदी के हैं बल्कि रोजाना जुर्माना वाले भी हैं जिससे वह संभावित रूप से दिवालिया हो सकती हैं। इस प्रतिबंध की मंशा जांच की गवाही में मैनिंग के साथ जबरदस्ती करने की रही है।

संघीय न्यायाधीश द्वारा इस तरह के प्रतिबंधों का इस्तेमाल "आज्ञा न मानने वाले गवाह" के लिए कानून द्वारा किया जाता है। इन्हें अदालत की अवमानना में पकड़ा जा सकता है। मेल्टज़र-कोहेन ने कहा कि यह केवल तभी स्वीकार्य है जब ये प्रतिबंध सहयोग करने को संभव बना सकते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि, "यदि अनुपालन असंभव है, या तो क्योंकि बड़ी पीठ अब अस्तित्व में नहीं है, या क्योंकि गवाह असंगत है, तो सजा प्रतिरोधी से एक दंडात्मक मंजूरी में बदल दिया गया है और इस तरह कानून का उल्लंघन हो रहा है।"

मैनिंग और उनकी कानूनी टीम दोनों ने तर्क दिया है कि इन प्रतिबंधों के माध्यम से मैनिंग को इसके अनुपालन के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। अपनी नई याचिका में उन्होंने डॉ. सारा बॉयड की एक विशेषज्ञ रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसने इस तथ्य की पुष्टि की है कि गवाही देने के लिए "मैनिंग अपने सिद्धांत के खिलाफ कार्य करने में असमर्थ है...।" वकीलों ने तर्क दिया कि ऐसे मामले में उनके साथ जबरदस्ती करने का प्रयास संभव नहीं है।

मैनिंग को न्यायाधीश ट्रेंगा द्वारा एक निर्णायक मंडल के समक्ष गवाही देने से इनकार करने के कारण उनके खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों के हिस्से के रूप में जेल में रखा गया है क्योंकि उन्हें विकिलीक्स की संघीय जांच के लिए सम्मन जारी किया गया था। जब उन्होंने पहली बार गवाही देने से इनकार कर दिया था तब से वह 8 मार्च 2019 से करीब करीब लगातार हिरासत में रहीं।

उन पर 17 मई 2019 से प्रतिदिन 1,000 अमरीकी डॉलर का जुर्माना भरने की भी मंजूरी दी गई है। यह जुर्माना तब लागू किया गया जब उन्होंने दूसरी बार गवाही देने से इनकार कर दिया था। उनके वकीलों के अनुसार, ये जुर्माना अब तक कुल 2,30,000 अमरीकी डॉलर से अधिक हो गया है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Chelsea Manning
Afganistan
Iraq
America
UN

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को शीर्ष मानवाधिकार संस्था से निलंबित किया

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

बाइडेन ने फैलाए यूक्रेन की सीमा की ओर अपने पंख

यमन के लिए यूएन का सहायता सम्मेलन अकाल और मौतों की चेतावनियों के बीच अपर्याप्त साबित हुआ

यूक्रेन-रूस अपडेट: चीन ने की यूक्रेन को मदद की पेशकश, रूस पर प्रतिबंधों को भी बताया गलत


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License