NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छत्तीसगढ़: माकपा ने कहा यह ज़मीन पर उतारने वाला बजट नहीं
“पिछले वर्ष मनरेगा में 2600 करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया था, लेकिन इस वर्ष के बजट में मात्र 1600 करोड़ रुपये ही आवंटित किये गए हैं। यह कटौती 38% से अधिक है।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Mar 2021
भूपेश बघेल
Image Courtesy : Social Media

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को प्रदेश का वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। राज्य का इस बार का बजट 97,106 हजार करोड़ का रहा.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश किए गए इस बजट को जन कल्याण के मदों में कटौती कर के काँग्रेस इसे ऊँचाई पाने वाला बजट करार दे रही है।

माकपा ने कहा है कि भाजपा ने पिछले 15 सालों में जिन कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को लागू किया था, उससे हटने की कोई झलक इस बजट में नहीं दिखती है। यही कारण है कि इसमें  योजनाएं, घोषणाएं और वादे तो हैं, लेकिन इसे जमीन में उतारने के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान तक नहीं है। पिछले वर्ष विभिन्न विभागों को आवंटित बजट का 20% से 35% तक खर्च नहीं हुआ है, इसलिए बजट का आकार भी कोई मायने नहीं रखता और इतने बड़े बजट में पूंजीगत व्यय को मात्र 14% ही रखा जाना अर्थव्यवस्था की रफ्तार को कम करेगा।

आज पेश बजट पर जारी अपनी प्रतिक्रिया में माकपा राज्य सचिवमंडल ने कहा है कि प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि अब छत्तीसगढ़ भी देशव्यापी मंदी की गिरफ्त में है। इसके साथ ही जीएसटी लागू होने का कुप्रभाव भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है, जहां केंद्र सरकार ने राज्यों के आर्थिक संसाधनों को हड़प लिया है और उसने राज्य को 18000 करोड़ रुपयों की अदायगी नहीं की है। इसलिए प्रदेश की इस बदहाल अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र की मोदी सरकार भी जिम्मेदार है।

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा, “मनरेगा जैसी सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार प्रदान योजना के बजट आवंटन में कटौती की गई है, जिससे रोजगार सृजन में भारी गिरावट आएगी। पिछले वर्ष मनरेगा में 2600 करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया था, लेकिन इस वर्ष के बजट में मात्र 1600 करोड़ रुपये ही आवंटित किये गए हैं। यह कटौती 38% से अधिक है। बस्तर टाइगर फ़ोर्स में 2500 लोगों की भर्ती इस क्षेत्र के सैन्यीकरण को ही बढ़ाएगी और आदिवासी जनजीवन को दुश्वार बनाएगी, जबकि एक लाख से ज्यादा खाली पड़े सरकारी पदों को भरने के बारे में इस सरकार ने पूरी तरह से चुप्पी ही साध ली है।”

उन्होनें आगे बताया, “बजट में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए भी कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि न्याय योजना के बावजूद कृषि संकट इतना गहरा है कि प्रदेश में फिर किसान आत्महत्याएं शुरू हो चुकी हैं और फसल बीमा के प्रावधान से उन्हें कोई मदद नहीं मिलने वाली है, क्योंकि यह केवल निजी कंपनियों और कार्पोरेटों के मुनाफे ही बढ़ाएगी।”

माकपा नेता परते का मानना है कि नगरनार संयंत्र को राज्य सरकार द्वारा खरीदने का प्रस्ताव पारित करने वाली सरकार ने इस मद में एक पैसा भी नहीं रखा है। इससे स्पष्ट है कि यह सरकार अपने ही प्रस्तावों के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वनाधिकार के तमाम दावों के बावजूद सच्चाई यही है कि प्रदेश के आदिवासी व गरीब किसान बड़े पैमाने पर विस्थापन का शिकार हो रहे हैं। 

माकपा ने अपने विज्ञप्ति में कहा है कि वह जल, जंगल, जमीन, खनिज, रोजी-रोटी, खेती-किसानी से जुड़े मुद्दों पर आम जनता को लामबंद कर संघर्ष तेज करेगी। 

Chhattisgarh
bhupesh baghel
Budget 2021
CPIM

Related Stories

छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया

छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार

भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'


बाकी खबरें

  • ram_navmi
    अफ़ज़ल इमाम
    बढ़ती हिंसा व घृणा के ख़िलाफ़ क्यों गायब है विपक्ष की आवाज़?
    13 Apr 2022
    हिंसा की इन घटनाओं ने संविधान, लोकतंत्र और बहुलतावाद में विश्वास रखने वाले शांतिप्रिय भारतवासियों की चिंता बढ़ा दी है। लोग अपने जान-माल और बच्चों के भविष्य को लेकर सहम गए हैं।
  • varvara rao
    भाषा
    अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की
    13 Apr 2022
    बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की वह याचिका बुधवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चिकित्सा आधार पर स्थायी जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।
  • CORONA
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 1,088 नए मामले, 26 मरीज़ों की मौत
    13 Apr 2022
    देश में अब तक कोरोना से पीड़ित 5 लाख 21 हज़ार 736 लोग अपनी जान गँवा चुके है।
  • CITU
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन
    13 Apr 2022
    ये सभी पिछले माह 39 दिन लंबे चली हड़ताल के दौरान की गई कार्रवाई और बड़ी संख्या आंगनवाड़ी कर्मियों को बर्खास्त किए जाने से नाराज़ थे। इसी के खिलाफ WCD के हेडक्वार्टस आई.एस.बी.टी कश्मीरी गेट पर प्रदर्शन…
  • jallianwala bagh
    अनिल सिन्हा
    जलियांवाला बाग: क्यों बदली जा रही है ‘शहीद-स्थल’ की पहचान
    13 Apr 2022
    जलियांवाला बाग के नवीकरण के आलोचकों ने सबसे महत्वपूर्ण बात को नज़रअंदाज कर दिया है कि नरसंहार की कहानी को संघ परिवार ने किस सफाई से हिंदुत्व का जामा पहनाया है। साथ ही, उन्होंने संबंधित इतिहास को अपनी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License