NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
छत्तीसगढ़ : आईएएस के ख़िलाफ़ दुष्कर्म का आरोप, मुख्यमंत्री ने दिए निलंबन और जांच के आदेश
छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी जनक प्रसाद पाठक के ख़िलाफ़ एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। तो वहीं भूपेश बघेल सरकार ने आरोपी अधिकारी को निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Jun 2020
 Janak Prasad Pathak

“उन्होंने एक दिन मुझे बुलाया और कहा कि तुम्हें आना ही होगा, अगर पति की नौकरी बचाना चाहती हो तो। मैं उनके ऑफिस गई और काम के बारे में बात ही कर रही थी कि उन्होंने मुझे कोने में बुलाया, और इसके बाद मुझे अंदर के कमरे में धकेलते हुए दरवाजा बंद कर मेरे साथ बलात्कार किया।”

ये आरोप छत्तीसगढ़ की उस पीड़ित महिला के हैं, जिन्होंने जांजागीर-चंपा के तत्कालीन कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि आईएएस पाठक उन्हें लगातार फोन किया करते थे। व्हाट्सएप पर कॉल, अश्लील फ़ोटो और वीडियो आदि भी भेजा करते थे। फिलहाल मामला संज्ञान में आने के बाद आईएएस अधिकारी पाठक के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार, 4 जून को भूपेश बघेल सरकार ने आरोपी अधिकारी पाठक को सस्पेंड भी कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस के मुताबिक बुधवार, 3 जून को पीड़िता ने इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज करवाई है। जिसमें कहा गया है कि वह पहली बार 13 मार्च को एनजीओ के एक काम के सिलसिले में तत्कालीन कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक से उनके चैंबर में मिली थी। इसके बाद पाठक ने उन्हें काम हो जाने का आश्वासन दिया और महिला वहां से चली गई। बातचीत के दौरान ही पाठक ने महिला का फोन नंबर ले लिया था।

अश्लील मैसेज और वीडियो पुलिस को सौंपे

महिला का आरोप है कि इसके बाद आईएएस पाठक उसे लगातार फोन करने लगे। व्हाट्सएप कॉल से लेकर अश्लील मैसेज और वीडियो भी भेजना शुरू कर दिया। महिला ने कलेक्टर के साथ अपनी बातचीत की रिकार्डिंग और कुछ तस्वीरें भी पुलिस को दी है। महिला ने जो बातचीत और मैसेज के सबूत दिये हैं, उसमें कलेक्टर की उससे नियमित बात होती थी। जानकारी के अनुसार महिला से कलेक्टर आपत्तिजनक बातें किया करते थे, और पर्सनल तस्वीरों की भी डिमांड किया करते थे। महिला ने जांजगीर महिला थाने में पूर्व  कलेक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है।

पति को नौकरी से निकालने की धमकी

पीड़िता का ये भी कहना है कि कलेक्टर पाठक लगातार उसे बुला रहे थे, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण उसने आने में असमर्थता जताई। इस पर कलेक्टर पाठक ने महिला के पति को नौकरी से निकालने की धमकी तक दे दी, जो कि सरकारी विभाग में ही कार्यरत है। जिसके बाद पीड़त महिला 15 मई को पाठक से मिलने कलेक्टरेट ऑफिस गई। जहां बातचीत के दौरान ही कलेक्टर ने उसे पकड़ लिया और चैंबर के अंदर बने कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

बता दें कि जनक प्रसाद पाठक 27 मई तक राज्य के जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर थे। इसके बाद सरकार ने 27 मई को उनका तबादला कर आयुक्त (भू अभिलेख) बना दिया था। पाठक को जैसे ही कलेक्टर के पद से हटाया गया, पीड़ित महिला ने पूरे मामले की शिकायत वर्तमान कलेक्टर यशवंत कुमार से की। शिकायत के बाद कलेक्टर यशवंत कुमार ने एसपी पारूल माथुर को जांच के निर्देश दिए। 

पुलिस का क्या कहना है?

जांजगीर चांपा जिले के पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि जिला के पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ 33 वर्षीय महिला की शिकायत पर बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया गया है।

जांजगीर की एसपी पारूल माथुर के अनुसार महिला ने लिखित आवेदन दिया था कि पिछले महीने की 15 तारीख को जनक प्रसाद पाठक ने महिला के पति को नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी देकर कलेक्ट्रेट परिसर में उसके साथ बलात्कार किया था। महिला ने आरोप लगाया है कि पाठक ने उसके मोबाइल में अश्लील मैसेज भी भेजा है। आवेदन के आधार पर महिला का बयान ले लिया गया है। साथ ही उसके मोबाइल में किए गए वाट्सऐप मैसेज की कॉपी के आधार पर पूर्व कलेक्टर के खिलाफ धारा 376, 506, 509 (ख) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

सरकार ने क्या किया ?

पीड़िता द्वारा पाठक के खिलाफ 3 जून को मुकदमा दर्ज करवाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव आरपी मंडल को आरोपी अधिकारी को निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गुरुवार, 4 जून की शाम 2007 बैच के आईएएस अधिकारी पाठक को निलंबित कर दिया गया है।

suspension-ias.jpg

बड़े रसूख वाले अक्सर महिलाओं का शोषण करते हैं!

सामाजिक कार्यकर्ता और महिलावादी संगठन से जुड़ी ऋचा सिंह मानती हैं कि अक्सर बड़े ओहदों पर बैठे रसूख वाले लोग महिलाओं का शोषण करते हैं। वे समाज में सार्वजनिक मंचों से महिला सशक्तिकरण के बड़े-बड़े भाषण तो देते मिल जाएंगे लेकिन वास्तविकता ये है कि आज भी कई बड़े अधिकारी महिलाओं को अपने बराबर नहीं देखना चाहते, उनके ऑर्डर नहीं फॉलो करना चाहते और अगर कोई मदद मांगने आए तो बस उसकी बेबसी का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

ऋचा कहती हैं, “पितृसत्ता की सोच पढ़ाई-लिखाई से नहीं खत्म होती। आप चाहें जितना शिक्षित समाज बना लें वो पितृसत्ता की जड़ों को नहीं खत्म कर सकता। घरेलू हिंसा, यौन शोषण, बलात्कार के ज्यादातर मामलों में आपको बड़े लोगों का ही हाथ मिलेगा। हमारे सामने आईएएस-आएपीएस अधिकारियों से लेकर डॉक्टर, जज, बड़े-बड़े नेताओं और संपादकों के कई उदाहरण हैं।”

ऋचा आगे बताती हैं, “अगर सिर्फ छत्तीसगढ़ की ही बात करें तो पाठक दुष्कर्म के आरोप में फंसने वाले राज्य के तीसरे आईएएस अधिकारी है। इससे पहले 2002 में जशपुर के कलेक्टर आईएएस एमआर सारथी पर रेप के आरोप लगे थे। थोड़ा और पीछे चलें तो छत्तीसगढ़ गठन के कुछ साल बाद ही बिलासपुर के एडिशनल कलेक्टर पर भी अपनी घरेलू सहायिका से दुष्कर्म के आरोप लगे थे। हालांकि इन लोगों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई हुई, ये शायद अब किसी को नहीं पता। तो बस इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बतौर समाज हम कहां खड़े हैं और हमारा भविष्य क्या है।”

Chhattisgarh
bhupesh baghel
IAS Suspension
IAS Janak Prasad Pathak
rape case
crimes against women
exploitation of women

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

यूपी: बुलंदशहर मामले में फिर पुलिस पर उठे सवाल, मामला दबाने का लगा आरोप!

दिल्ली गैंगरेप: निर्भया कांड के 9 साल बाद भी नहीं बदली राजधानी में महिला सुरक्षा की तस्वीर


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    शहरों की बसावट पर सोचेंगे तो बुल्डोज़र सरकार की लोककल्याण विरोधी मंशा पर चलाने का मन करेगा!
    25 Apr 2022
    दिल्ली में 1797 अवैध कॉलोनियां हैं। इसमें सैनिक फार्म, छतरपुर, वसंत कुंज, सैदुलाजब जैसे 69 ऐसे इलाके भी हैं, जो अवैध हैं, जहां अच्छी खासी रसूखदार और अमीर लोगों की आबादी रहती है। क्या सरकार इन पर…
  • रश्मि सहगल
    RTI क़ानून, हिंदू-राष्ट्र और मनरेगा पर क्या कहती हैं अरुणा रॉय? 
    25 Apr 2022
    “मौजूदा सरकार संसद के ज़रिये ज़बरदस्त संशोधन करते हुए RTI क़ानून पर सीधा हमला करने में सफल रही है। इससे यह क़ानून कमज़ोर हुआ है।”
  • मुकुंद झा
    जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!
    25 Apr 2022
    “आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"
  • रवि शंकर दुबे
    कांग्रेस और प्रशांत किशोर... क्या सोचते हैं राजनीति के जानकार?
    25 Apr 2022
    कांग्रेस को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए प्रशांत किशोर को पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है। इसको लेकर एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं।
  • विजय विनीत
    ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?
    25 Apr 2022
    "चंदौली के किसान डबल इंजन की सरकार के "वोकल फॉर लोकल" के नारे में फंसकर बर्बाद हो गए। अब तो यही लगता है कि हमारे पीएम सिर्फ झूठ बोलते हैं। हम बर्बाद हो चुके हैं और वो दुनिया भर में हमारी खुशहाली का…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License