NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
छत्तीसगढ़: गांधी जयंती पर लगाए गए पोस्टर से चिढ़ी बीजेपी, दर्ज कराई शिकायत
रायपुर में नागरिक समाज द्वारा 'काश सबके मन में होते बापू' शीर्षक से लगाए गए पोस्टर में भाजपा और संघ के नेताओं द्वारा गांधी को लेकर किए गए गलतबयानी को हूबहू छापा गया था।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
04 Oct 2019
gandhi jyanti and bjp
साभार :दैनिक भास्कर

रायपुर के नागरिक समाज ने गाँधी जयंती यानी 2 अक्टूबर पर  शहर भर में 'सबको सन्मति दे भगवान' नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया। आयोजकर्ताओं के मुताबिक इस आयोजन का यह मकसद था कि गांधी से जुड़े सच का समाज में प्रसार किया जाए और झूठ का पर्दाफ़ाश किया जाए।

इसके लिए शहर के कई इलाकों में भाजपा, संघ और इससे जुड़े संगठन के नेताओं के ऐसे बयान पोस्टर पर छपवाकर गली मुहल्ले में लगवा दिए जो गाँधी पर गलत बयानी से जुड़े थे। शहर की गलियों में ऐसे पोस्टरों को देखकर हुए भाजपा और संघ से जुड़े संगठन के लोगों ने इन पोस्टरों को फाड़ दिया और थाने में लिखित शिकायत दर्ज कर दी कि इन पोस्टरों को लगाने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज की जाए।

गांधी पर गलत बयानी से जुड़े इन पोस्टरों को रायपुर के 'ग्लोबल गाँधी फैमिली' नाम से जुड़े नागरिक समाज के लोगों ने 'काश सबके मन में होते बापू' के शीर्षक के अंतर्गत छपवाया।

'काश मन में होते बापू' के शीर्षक के साथ छपे पोस्टर के कुछ नमूने ऐसे हैं-  भाजपा की तरफ से भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान कि 'नाथूराम गोडसे अमर थे और रहेंगे', आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में छपी यह बात कि  नाथूराम गोडसे लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, गांधी की हत्या जनता के आक्रोश की अभिव्यक्ति थी, अखिल भारतीय हिन्दू महसभा के राष्ट्रिय सचिव का यह बयान कि महात्मा नाथू राम गोडसे अमर रहे , गांधी का खून ही गन्दा था। मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान कि ''बहुत चतुर बनिया था वो'', हरियाणा के मंत्री का अनिल विज का यह बयान कि गांधी  का नाम ऐसा है जिसके जुड़ने से खादी डूब गयी है।

इसके ठीक विपरीत उन बयानों को भी शहर की गलियों में पोस्टर के तौर पर लगवाया जो बापू के लिए दुनिया के जाने- लोगों माने शख्सों ने दिए थे। इन पोस्टरों का शीर्षक 'जिनके मन में बापू हैं' दिया।

इस शीर्षक के तहत गांधी के लिए स्वतंत्रता संघर्ष सेनानी सुभाष चंद्र बोस के बयान, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, विश्व प्रसिद्ध भौतिकविद अल्बर्ट आईइंस्टन जैसे लोगों की बात रखा। जैसे अल्बर्ट आइंस्टीन का यह बयान कि आने वाली पीढ़ियों को मुश्किल से यह यकीन होगा कि हाड़ -मांस से बना ऐसा कोई इंसान इस धरती पर कभी चला था।

इस पर राज्य भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का बयान मीडिया चैनलों पर चल रहा है।  इनका कहना है कि इस आयोजन के पर्दे के पीछे के लोग सामने आये। हम मुकाबला थाने पर आकर नहीं करेंगे, हम मुकाबला मैदान में आकर करेंगे, चौक पर आकर करेंगे। उस समय देख लिया जाएगा कि किसमें कितना दम है? लेकिन इस तरह से किसी का भी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का अपमान कार्यकर्त्ता सहन नहीं करेंगे।  

इसका जवाब देते हुए इस आयोजन के एक सदस्य विनयशील का बयान भी स्थानीय मीडिया चैनल पर चल रहा है। इस बयान में विनयशील कह रहे हैं कि हमने क्या किया? हमने हूबहू संघ, भाजपा और गोडसे समर्थक नेताओं का बयान छाप दिया। गांधी जी भी होते तो यही कहते कि हिंसा और हत्या के मूल्य का समर्थन मत करो। गांधी जी उसके लिए सन्मति की प्रार्थना करते, वही आज हमने किया है।  

इस पर न्यूज़क्लिक ने इस आयोजन के सदस्य विनयशील से बात की।  विनयशील ने कहा कि मेरे उपर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग रखी गयी है। 2 अक्टूबर को हमने 'सबको  सन्मति दे भगवान' के नाम प्रार्थना सभा का आयोजन किया और गांधी जयंती मनाई। और हमने भी इस मामले के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज की है। हमारा मकसद यह भी था कि गांधी जी का नाम लेकर मौजूदा सत्ता जिस तरह का ढोंग रच रही है, उसे जनता के सामने लाया जाए।  

इसलिए हमने शहर भर में भाजपा और संघ के नेताओं के गाँधी से जुड़े बयानों का पोस्टर छपवा दिया। इस पर भाजपा का यह कह रही है कि इससे उनके नेताओं का अपमान हुआ है। वह इस कार्यक्रम के नेताओं के साथ जमीन पर आकर मुकाबला करेगी। शाम को भाजपा के कुछ समर्थक प्रार्थना सभा पर हुडदंग करने के मकसद से आये भी लेकिन हमने उनसे झड़प करने से इंकार किया। हम राम भजन गाने लगे। बेबस होकर उन्हें वहां से लौटना पड़ा।

Chhattisgarh
gandhi jyanti
BJP
Mahatma Gandhi
Nelson Mandela
Subhash chandra bose
bjp worker

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License