NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
चिली: फुटबॉल प्रशंसक की मौत के बाद सरकार-विरोधी आंदोलन तेज
राजधानी सैंटियागो में एक पुलिस ट्रक को जला दिया गया, कम से कम 20 पुलिस स्टेशनों में आग लगा दी गई और 40 से अधिक पुलिस अधिकारियों पर सेंटियागो के शहरों में गुस्साए लोगों ने हमला कर दिया।
पीपल्स डिस्पैच
31 Jan 2020
Chile Protest

चिली में राष्ट्रीय पुलिस बल कारबिनेरोस के एक ट्रक ने 28 जनवरी की रात राजधानी सेंटियागो में एक फुटबॉल स्टेडियम के बाहर 37 वर्षीय युवक जॉर्ज नेको मोरा को टक्कर मार दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। जॉर्ज नेको मोरा चिली की लोकप्रिय फुटबॉल टीमों में से एक कोलो-कोलो का प्रशंसक था। उसकी मौत से प्रशंसकों में आक्रोश की लहर फैल गई, सरकार की असंवेदनशीलता और पुलिस की बर्बरता के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए।

इस घटना के बाद से कारबिनेरोस के दमन के खिलाफ चिली में कई प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों ने 29 जनवरी को साल 2020 की सबसे हिंसक रात का अनुभव किया। राजधानी सैंटियागो में एक पुलिस ट्रक को जला दिया गया, कम से कम 20 पुलिस स्टेशनों में आग लगा दी गई और 40 से अधिक पुलिस अधिकारियों पर सेंटियागो के शहरों में गुस्साए लोगों ने हमला कर दिया।

इस दिन पुलिसिया दमन का एक और मामला सामने आया। कोलो कोलो फुटबॉल टीम के एक और प्रशंसक 24 वर्षीय एरियल जेसुस मोरेनो को पुलिस ने सिर में गोली मार दी। जेसुस मोरेनो सेंटियागो के पडेर हर्टाडो शहर में कारबिनेरोस के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा था।

चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा की नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के खिलाफ बीते तीन महीने से लोग लामबंद हो रहे हैं, एक नए समावेशी संविधान की मांग कर रहे हैं साथ ही पुलिस दमन का भी विरोध कर रहे हैं।

पिछले तीन महीनों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में कारबिनेरोस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमन का एक अभूतपूर्व स्तर प्राप्त किया है। नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग में सभी स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन किया गया है। देश में गैरकानूनी हिरासत, यातना, यौन शोषण, बलात्कार, राजनीतिक उत्पीड़न, सामाजिक विरोधों का अपराधीकरण, सार्वजनिक स्थानों का सैन्यकरण, प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध के हजारों मामले दर्ज किए गए हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा की गई है।

साभार : पीपुल्स डिस्पैच

Chile
Chile protests
Football fan death
Protest Against govt.
Sebastian Piñera

Related Stories

चिली : अक्टूबर 2019 के विद्रोह के दौरान गिरफ्तार किए गए राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई की मांग तेज़

चिली : पिनेरा सरकार के ख़िलाफ़ ट्रेड यूनियनों का देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान

पिनेरा सरकार के ख़िलाफ़ चिली के लोगों ने दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शन किया

...आओ, क्योंकि छिछला, निरुदेश्य और लक्ष्यहीन जीवन हमें स्वीकार नहीं

चिली : जनता ने संगीत महोत्सव के दौरान किया सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

तुम ज़मीं पे ‘ज़ुल्म’ लिखो, आसमान में 'इंक़लाब' लिखा जाएगा

चिली में संघर्ष के तीन महीने

चिली : तीसरे हफ़्ते भी सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License