NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पिनेरा सरकार के ख़िलाफ़ चिली के लोगों ने दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शन किया
ये राष्ट्रीय हड़ताल नवउदारवादी राष्ट्रीय सरकार को नकारने, स्वास्थ्य और आर्थिक आपात स्थितियों के कुप्रबंधन और अतिसंवेदनशील जनसंख्या के लिए भोजन और सहायता में कमी को लेकर किया जा रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
03 Jul 2020
चिली के लोगों ने दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शन किया

चिली के सामाजिक आंदोलनों और संगठनों ने 2 और 3 जुलाई को राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा की दक्षिणपंथी सरकार के ख़िलाफ़ "भोजन, काम, जीवन और प्रतिष्ठा को लेकर" इसके बैनर तले दो दिवसीय राष्ट्रीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से लोगों से अपने घरों और कार्यालयों के माध्यम से प्रदर्शन करने और सरकार की नवउदारवादी नीतियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय आंदोलन को पुनर्जीवित करने और देश में असमानताओं को उजागर करने का आह्वान किया जो अक्टूबर 2019 में शुरू हुआ था और मार्च महीने में कोरोनोवायरस के फैलने तक लगभग 5 महीनों तक जारी रहा।

साल 1986 में जनरल ऑगस्टो पिनोशे की तानाशाही के ख़िलाफ़ हड़ताल और प्रतीकात्मक राष्ट्रीय विरोध की 34 वीं वर्षगांठ के साथ साथ ये तारीखें पड़ रही है। 2 और 3 जुलाई 1986 को बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शन पिनोशे की तानाशाही (1973-1990) की लड़ाई में एक मील का पत्थर बन गया। इस विद्रोह ने देश में लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष की नींव रखी।

COVID-19 महामारी के बीच 34 साल बाद इस विरोध प्रदर्शन के पहले दिन यानी 2 जुलाई को नागरिकों ने राष्ट्रीय सरकार की अस्वीकृति, महामारी और इसके कारण स्वास्थ्य और आर्थिक संकट के कुप्रबंधन, अतिसंवेदनशील जनसंख्या के लिए भोजन की कमी और अपर्याप्त सहायता को लेकर प्रदर्शन किया। सरकार की निंदा करने के लिए संक्रमण से बचने के निवारक उपायों का सम्मान करते हुए हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए। हज़ारों लोगों ने अपनी अस्वीकृति व्यक्त करने के लिए सोशल नेटवर्क का सहारा लिया। अपने असंतोष को प्रकट करने के लिए अपने घरों से हज़ारों लोगों ने बर्तन को पीटा।

पूरे राष्ट्रीय क्षेत्र में पुलिसिया दमन की घटनाएं सामने आई। राष्ट्रीय पुलिस बल कैराबिनेरोस के अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर केनन के साथ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को हिंसक तरीक़े से दबाया।

आज यानी 3 जुलाई को बर्तनों को पीटते हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। ग़रीब और बेघर लोगों को भोजन कराने के लिए सामुदायिक कैंटीन भी विभिन्न शहरों में आयोजित किए जाएंगे।

Chile
Pinera Government
Chilean people Protest
Sebastian Piñera

Related Stories

चिली : अक्टूबर 2019 के विद्रोह के दौरान गिरफ्तार किए गए राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई की मांग तेज़

चिली : पिनेरा सरकार के ख़िलाफ़ ट्रेड यूनियनों का देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान

चिली : जनता ने संगीत महोत्सव के दौरान किया सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

तुम ज़मीं पे ‘ज़ुल्म’ लिखो, आसमान में 'इंक़लाब' लिखा जाएगा

चिली: फुटबॉल प्रशंसक की मौत के बाद सरकार-विरोधी आंदोलन तेज

चिली में संघर्ष के तीन महीने

चिली : तीसरे हफ़्ते भी सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी


बाकी खबरें

  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: गर्मी व सूखे से मचेगा हाहाकार
    29 Apr 2022
    जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के कई इलाके इस समय भीषण सूखे की चपेट में हैं। सूखे के कारण लोगों के पलायन में 200 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है।
  • भाषा
    दिल्ली दंगा : अदालत ने ख़ालिद की ज़मानत पर सुनवाई टाली, इमाम की याचिका पर पुलिस का रुख़ पूछा
    29 Apr 2022
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने देशद्रोह के कानून की संवैधानिक वैधता पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष आगामी सुनवाई के मद्देनजर सुनवाई टाल दी और इसी मामले में शरजील इमाम की जमानत अर्जी पर दिल्ली पुलिस का रुख पूछा।
  • विजय विनीत
    इफ़्तार को मुद्दा बनाने वाले बीएचयू को क्यों बनाना चाहते हैं सांप्रदायिकता की फैक्ट्री?
    29 Apr 2022
    "बवाल उस समय नहीं मचा जब बीएचयू के कुलपति ने परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन और अनुष्ठान किया। उस समय उन पर हिन्दूवाद के आरोप चस्पा नहीं हुए। आज वो सामाजिक समरसता के लिए आयोजित इफ़्तार…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    उत्तर प्रदेश: बुद्धिजीवियों का आरोप राज्य में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का फ़ैसला मुसलमानों पर हमला है
    29 Apr 2022
    राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों द्वारा धार्मिक उत्सवों का राजनीतिकरण देश के सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर देगा।
  • कुमुदिनी पति
    नई शिक्षा नीति से सधेगा काॅरपोरेट हित
    29 Apr 2022
    दरअसल शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह से सरकार द्वारा बिना संसद में बहस कराए ताबड़तोड़ काॅरपोरेटाइज़ेशन और निजीकरण किया जा रहा है, उससे पूरे शैक्षणिक जगत में असंतोष व्याप्त है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License