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पिनेरा सरकार के ख़िलाफ़ चिली के लोगों ने दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शन किया
ये राष्ट्रीय हड़ताल नवउदारवादी राष्ट्रीय सरकार को नकारने, स्वास्थ्य और आर्थिक आपात स्थितियों के कुप्रबंधन और अतिसंवेदनशील जनसंख्या के लिए भोजन और सहायता में कमी को लेकर किया जा रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
03 Jul 2020
चिली के लोगों ने दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शन किया

चिली के सामाजिक आंदोलनों और संगठनों ने 2 और 3 जुलाई को राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा की दक्षिणपंथी सरकार के ख़िलाफ़ "भोजन, काम, जीवन और प्रतिष्ठा को लेकर" इसके बैनर तले दो दिवसीय राष्ट्रीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से लोगों से अपने घरों और कार्यालयों के माध्यम से प्रदर्शन करने और सरकार की नवउदारवादी नीतियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय आंदोलन को पुनर्जीवित करने और देश में असमानताओं को उजागर करने का आह्वान किया जो अक्टूबर 2019 में शुरू हुआ था और मार्च महीने में कोरोनोवायरस के फैलने तक लगभग 5 महीनों तक जारी रहा।

साल 1986 में जनरल ऑगस्टो पिनोशे की तानाशाही के ख़िलाफ़ हड़ताल और प्रतीकात्मक राष्ट्रीय विरोध की 34 वीं वर्षगांठ के साथ साथ ये तारीखें पड़ रही है। 2 और 3 जुलाई 1986 को बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शन पिनोशे की तानाशाही (1973-1990) की लड़ाई में एक मील का पत्थर बन गया। इस विद्रोह ने देश में लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष की नींव रखी।

COVID-19 महामारी के बीच 34 साल बाद इस विरोध प्रदर्शन के पहले दिन यानी 2 जुलाई को नागरिकों ने राष्ट्रीय सरकार की अस्वीकृति, महामारी और इसके कारण स्वास्थ्य और आर्थिक संकट के कुप्रबंधन, अतिसंवेदनशील जनसंख्या के लिए भोजन की कमी और अपर्याप्त सहायता को लेकर प्रदर्शन किया। सरकार की निंदा करने के लिए संक्रमण से बचने के निवारक उपायों का सम्मान करते हुए हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए। हज़ारों लोगों ने अपनी अस्वीकृति व्यक्त करने के लिए सोशल नेटवर्क का सहारा लिया। अपने असंतोष को प्रकट करने के लिए अपने घरों से हज़ारों लोगों ने बर्तन को पीटा।

पूरे राष्ट्रीय क्षेत्र में पुलिसिया दमन की घटनाएं सामने आई। राष्ट्रीय पुलिस बल कैराबिनेरोस के अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर केनन के साथ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को हिंसक तरीक़े से दबाया।

आज यानी 3 जुलाई को बर्तनों को पीटते हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। ग़रीब और बेघर लोगों को भोजन कराने के लिए सामुदायिक कैंटीन भी विभिन्न शहरों में आयोजित किए जाएंगे।

Chile
Pinera Government
Chilean people Protest
Sebastian Piñera

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