NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
चीन ने यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन को "शीत युद्ध मानसिकता और वैचारिक पूर्वाग्रह" का प्रदर्शन बताया
कई एक्टिविस्टों और नेताओं ने इस सुरक्षा गठबंधन की घोषणा की आलोचना की और इसे शीत युद्ध की रणनीति बताया जो शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयासों के लिए हानिकारक है।
पीपल्स डिस्पैच
17 Sep 2021
चीन ने यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन को "शीत युद्ध मानसिकता और वैचारिक पूर्वाग्रह" का प्रदर्शन बताया

कई नेताओं और पीस एक्टिविस्टों ने गुरुवार 16 सितंबर को यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक नए सुरक्षा गठबंधन की घोषणा करने के निर्णय की आलोचना की और इसे वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया जो बीसवीं शताब्दी के शीत युद्ध के समान हथियारों की होड़ का कारण बन सकता है। बुधवार को तीन देशों के नेताओं ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में एक नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन एयूकेयूएस (ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस) के गठन की घोषणा की।

एयूकेयूएस को विश्व राजनीति में चीन के उदय और दक्षिण चीन सागर में इसके दावों का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा बढ़ते प्रयासों के एक हिस्से के रूप में देखा जाता है। ब्रिटेन की लेबर पार्टी के पूर्व प्रमुख जेरेमी कॉर्बिन ने घोषणा के बाद ट्विटर पर कहा कि, "एक नया शीत युद्ध शुरू करने से दुनिया में शांति, न्याय और मानवाधिकार नहीं आएंगे"। इसी तरह की बातों को दुनिया भर के कई अन्य पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और नेताओं ने कहा।

बुधवार को हुई वर्चुअल बैठक में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑस्ट्रेलिया में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों की आपूर्ति के अपने निर्णय के साथ नए गठन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य भविष्य में इंडो-पैसिफिक में “शांति और स्थिरता” स्थापित करना था।”

चीन ने इस नए समूह को एक "बेहद गैर-जिम्मेदार" कदम बताते हुए आलोचना की थी जो इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को प्रभावित करेगा और हथियारों की होड़ को बढ़ाएगा साथ ही परमाणु अप्रसार के प्रयासों को नुकसान पहुंचाएगा। चीन ने इन तीनों देशों पर "शीत युद्ध की मानसिकता और वैचारिक पूर्वाग्रह" रखने का भी आरोप लगाया है।

अगले सप्ताह तथाकथित क्वाडरिलैटर सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड ग्रुप की एक अहम बैठक से पहले एयूकेयूएस की घोषणा की गई थी। इस क्वाड समूह में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ जापान और भारत शामिल हैं जिसे दक्षिण चीन सागर में "नेविगेशन की स्वतंत्रता" के लिए तथाकथित चीनी खतरों का मुकाबला करने के लिए 2017 में फिर से स्थापित किया गया था।

मॉर्निंग स्टार की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में स्टॉप द वॉर कॉलिशन और कई अन्य युद्ध-विरोधी समूहों ने एयूकेयूएस के गठन की घोषणा की निंदा की और इस "अनावश्यक और उत्तेजक कदम जो चीन के साथ तनाव को बढ़ाएंगे" उसमें अमेरिका का अनुसरण करने के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की आलोचना की। .

अमेरिका की कम्युनिस्ट पार्टी के सह-अध्यक्ष जो सिम्स के साथ अमेरिका में एक्टिविस्टों द्वारा इसी तरह की आलोचना की गई है और मांग की गई कि बाइडेन प्रशासन को अपने प्रशासन में युद्ध के सौदगारों को सुनना बंद कर देना चाहिए जो "इस देश को चीन और संभवत: रूस के साथ परमाणु आतंक और सेना के एक नए चक्र में धकेल रहे हैं।”

China
US
UK
australia
Cold War

Related Stories

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते
    29 May 2022
    उधर अमरीका में और इधर भारत में भी ऐसी घटनाएं होने का और बार बार होने का कारण एक ही है। वही कि लोगों का सिर फिरा दिया गया है। सिर फिरा दिया जाता है और फिर एक रंग, एक वर्ण या एक धर्म अपने को दूसरे से…
  • प्रेम कुमार
    बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर
    29 May 2022
    शिक्षाविदों का यह भी मानना है कि आज शिक्षक और छात्र दोनों दबाव में हैं। दोनों पर पढ़ाने और पढ़ने का दबाव है। ऐसे में ज्ञान हासिल करने का मूल लक्ष्य भटकता नज़र आ रहा है और केवल अंक जुटाने की होड़ दिख…
  • राज कुमार
    कैसे पता लगाएं वेबसाइट भरोसेमंद है या फ़र्ज़ी?
    29 May 2022
    आप दिनभर अलग-अलग ज़रूरतों के लिए अनेक वेबसाइट पर जाते होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे पता लगाएं कि वेबसाइट भरोसेमंद है या नहीं। यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहें हैं जो इस मामले में आपकी मदद कर…
  • सोनिया यादव
    फ़िल्म: एक भारतीयता की पहचान वाले तथाकथित पैमानों पर ज़रूरी सवाल उठाती 'अनेक' 
    29 May 2022
    डायरेक्टर अनुभव सिन्हा और एक्टर आयुष्मान खुराना की लेटेस्ट फिल्म अनेक आज की राजनीति पर सवाल करने के साथ ही नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र के राजनीतिक संघर्ष और भारतीय होने के बावजूद ‘’भारतीय नहीं होने’’ के संकट…
  • राजेश कुमार
    किताब: यह कविता को बचाने का वक़्त है
    29 May 2022
    अजय सिंह की सारी कविताएं एक अलग मिज़ाज की हैं। फॉर्म से लेकर कंटेंट के स्तर पर कविता की पारंपरिक ज़मीन को जगह–जगह तोड़ती नज़र आती हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License