NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ईरान समझौते में फिर से शामिल होने के लिए बाइडेन प्रशासन से चीन का आग्रह
चीन 2015 की संयुक्त व्यापक कार्य योजना के छह हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक है। 2018 में एकतरफा प्रतिबंध लगाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस समझौते से हट गए थे।
पीपल्स डिस्पैच
20 Jan 2021
चाइना

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने जो बाइडेन प्रशासन से भी 2015 के ईरान परमाणु समझौते या संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) में "बिना किसी पूर्व शर्त के" जल्द से जल्द शामिल होने का आग्रह किया। जो बाइडेन के कार्यभार संभालने से कुछ घंटे पहले वह बुधवार 20 जनवरी को बीजिंग में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने ट्रम्प प्रशासन द्वारा 2018 में इस समझौते से हटने के बाद ईरान के खिलाफ लगाए गए सभी एकतरफा प्रतिबंधों को हटाने के लिए अमेरिका से आह्वान किया और कहा कि “चीन को उम्मीद है कि संबंधित सभी पक्षों को जेसीपीओए को वापस लाने और ईरानी परमाणु मुद्दे की राजनीतिक हल को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए।" ईरान की प्रेस टीवी ने इसकी जानकारी दी।

अपने चुनाव प्रचार के दौरान जो बाइडेन ने ट्रम्प के फैसले को पलटने और इस समझौते में फिर से शामिल होने का वादा किया था। वह बराक ओबामा प्रशासन के दौरान उपराष्ट्रपति थें। ओबामा प्रशासन ने ईरान के साथ पांच अन्य देशों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इन देशों में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन और रूस शामिल हैं।

चुनयिंग ने ईरान से इस समझौते के पूर्ण अनुपालन को फिर से शुरू करने का आग्रह किया और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं से इस समझौते का पालन करने के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखने को कहा।

इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ ने कहा कि इस समझौते के तीन यूरोपीय हस्ताक्षरकर्ताओं ने अमेरिका के पीछे हटने के बाद इसे बचाने के लिए कुछ नहीं किया और यदि समझौता बच गया तो यह मुख्य रूप से ईरानी प्रयासों के कारण। वह शनिवार को तीन यूरोपीय हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा यूरेनियम धातु-आधारित ईंधन पर काम करने के लिए ईरान को दोषी ठहराते हुए एक संयुक्त बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें इन देशों ने इसे सैन्य निहितार्थ वाला बताकर इस समझौता का उल्लंघन कहा था।

जेसीपीओए के तहत ईरान ने यह दावा करते हुए अपनी कुछ प्रतिबद्धताओं को पलट दिया है कि अन्य हस्ताक्षरकर्ता अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद ईरान की रक्षा के लिए कदम उठाने में विफल रहे हैं जो ईरान को अपनी प्रतिबद्धताओं को पलटने के लिए इस समझौते के तहत अधिकार देता है। ईरान ने यह भी दावा किया है कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा उसके "अधिकतम दबाव अभियान" के तहत लगाए गए एकतरफा प्रतिबंधों को वापस लेने या उसके फिर से शामिल होने के बाद ईरान की तरफ से इस समझौते के सभी उल्लंघन पूरी तरह से प्रतिवर्ती हैं।

China
Biden administration
iran deal
usa and china

Related Stories

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ

चीन और लैटिन अमेरिका के गहरे होते संबंधों पर बनी है अमेरिका की नज़र

बुका हमले के बावजूद रशिया-यूक्रेन के बीच समझौते जारी

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

जम्मू-कश्मीर : रणनीतिक ज़ोजिला टनल के 2024 तक रक्षा मंत्रालय के इस्तेमाल के लिए तैयार होने की संभावना

जलवायु शमन : रिसर्च ने बताया कि वृक्षारोपण मोनोकल्चर प्लांटेशन की तुलना में ज़्यादा फ़ायदेमंद

सऊदी अरब और चीन: अब सबसे अच्छे नए दोस्त?


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License