NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
फिल्में
कला
भारत
बॉलीवुड की ‘मास्टरजी’ नहीं रहीं :  कोरियोग्राफर सरोज ख़ान का निधन
तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी सरोज ख़ान पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। उन्होंने अपने चार दशक के करियर में 2000 से अधिक गीतों की कोरियोग्राफी की।
भाषा
03 Jul 2020
Choreographer Saroj Khan dies

मुम्बई : बॉलीवुड में ‘मास्टरजी’ के नाम से मशहूर और ‘‘धक धक’’, ‘‘हवा हवाई’’ तथा ‘‘एक दो तीन’’ जैसी कई गानों की नृत्य निर्देशक रहीं मशहूर कोरियोग्राफर सरोज ख़ान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 71 वर्ष की थीं।

तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी ख़ान पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं।

सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें पिछले शनिवार को बांद्रा के गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी कोविड-19 की जांच भी की गई, जिसकी रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई।

उनके रिश्तेदार मनीष जगवानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ देर रात करीब ढाई बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका अस्पताल में निधन हो गया।’’

उपनगरीय मलाड में एक कब्रिस्तान में शुक्रवार सुबह ही उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया।

उनकी बेटी सुकैना ख़ान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सुबह करीब सात बजे उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। तीन दिन बाद एक प्रार्थना सभा रखी जाएगी।’’

इस बीच, बॉलीवुड की अनेक हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया।

ख़ान के साथ कई हिट गीतों में काम कर चुकी अदाकारा माधुरी दीक्षित ने कहा, ‘‘ मैं अपनी दोस्त तथा गुरु सरोज ख़ान के निधन से बेहद दुखी हूं। नृत्य में मुझे मेरी क्षमताओं की पहचान कराने के लिए हमेशा उनकी आभारी रहूंगी। दुनिया ने आज एक बेहतरीन प्रतिभा को खो दिया। आपकी याद आएगी।’’

ख़ान ने अपने चार दशक के करियर में उन्होंने 2000 से अधिक गीतों की कोरियोग्राफी की।

अभिनेता अक्षय कुमार ने लिखा, ‘‘ सुबह-सुबह मशहूर कोरियोग्राफर सरोज ख़ान जी के निधन की दुखद खबर मिली। उन्होंने नृत्य को इतना आसान रूप दिया, जैसे हर कोई नृत्य कर सकता है। फिल्म जगत के लिए एक बड़ी क्षति। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’

फिल्म ‘जब वी मेट’ के गीत ‘ये इश्क हाय’ में सरोज ख़ान की कोरियोग्राफी पर थिरकने वाली अदाकारा करीना कपूर ने कहा, ‘‘ मास्टर जी हमेशा मुझे कहती थीं अगर अपने पैर नहीं हिला सकते तो अपना मुंह हिलाएं...यही उन्होंने मुझे सिखाया.. नृत्य के मजे लेना, आंखों से मुस्कुराना। उनके जैसे कोई और नहीं हो सकता। मास्टर जी आपसे प्यार है।’’

अभिनेता सुनील शेट्टी ने भी ख़ान को याद करते हुए कहा कि उनकी कमी को पूरा नहीं जा सकता।’’

फिल्म ‘फना’ में ख़ान के साथ काम करने वाले निर्देशक कुणाल कोहली ने उन्हें याद करते हुए कहा, ‘‘ उन्होंने हमेशा लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। कभी इस बात की परवाह नहीं की कि कौन बड़ा सितारा है और कौन नहीं। हमेशा सभी के लिए बिरयानी लाती थीं और सभी को प्यार से खिलाती थीं। उन सभी यादों के लिए मास्टर जी शुक्रिया। ’’

ख़ान ने 80 से 90 के दशक में अपना सर्वश्रेष्ठ काम अदाकारा श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित के साथ किया।

ख़ान का परिवार बंटवारे के बाद भारत आ गया था। उन्होंने बतौर बाल कलाकार अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी लेकिन बाद में वह ‘बैकग्राउंड डांसर’ के तौर पर काम करने लगीं।

सरोज ख़ान का नाम पहले निर्मला था लेकिन इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया। उन्होंने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया था। कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल से नृत्य सीखते हुए 13 साल की उम्र में ही ख़ान ने उनसे शादी कर ली। उस समय सोहनलाल की उम्र 41 वर्ष थी। बाद में सरोज ख़ान ने दूसरी शादी भी की थी।

ख़ान ने 1974 में फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से अपने कोरियोग्राफी करियर की शुरुआत की लेकिन उन्हें पहचान 1987 में श्रीदेवी के गीत ‘हवा हवाई’ से मिली। इसके बाद ख़ान ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्होंने एक से एक हिट गानों पर कोरियोग्राफी की।

अदाकारा श्रीदेवी के लिए फिल्म ‘नगीना’ और ‘चांदनी’ के गीतों के लिए की गई उनकी कोरियोग्राफी ने काफी सराहना हासिल की। लेकिन उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के लिए कोरियोग्राफ किए गीतों से मिली।

माधुरी के लिए उन्होंने ‘एक दो तीन’, ‘तम्मा तम्मा लोगे’, ‘धक धक करने लगा’, ‘डोला रे डोला’ जैसे कई हिट गीतों की कोरियोग्राफी की।

ख़ान ने आखिरी बार 2019 में आई फिल्म ‘कलंक’ में माधुरी दीक्षित के लिए ही गीत ‘तबाह हो गए’ की कोरियोग्राफी की थी।

उन्होंने ‘‘ताल’’, ‘‘हम दिल दे चुके सनम’’ और ‘‘रावण’’ सहित कई फिल्मों में ऐश्वर्या राय के साथ काम किया।

उनके निधन की खबर आते ही श्रद्धांजलियों का तांता लग गया।

अमिताभ बच्चन ने कहा कि वरिष्ठ कोरियोग्राफर ने फिल्म जगत को ‘‘लय, स्टाइल और गति की गरिमा दी।’’

उन्हें सर्वाधिक ‘‘प्रेरक’’ व्यक्ति करार देते हुए शाहरूख ख़ान ने कहा कि बॉलीवुड में वह उनकी ‘‘पहली वास्तविक गुरु थीं।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘वह मुझे घंटों सिखाती थीं कि फिल्म में नृत्य के लिए ‘डिप’ कैसे करते हैं। मैं जितने लोगों से मिला उनमें वह काफी ख्याल रखने वालीं, प्यार करने वालीं और प्रेरक व्यक्ति थीं। आपकी याद आएगी सरोज जी। अल्लाह उनकी आत्मा को शांति दे। मेरा ख्याल रखने के लिए धन्यवाद।’’

ख़ान का निधन ऐसे समय में हुआ है जब बॉलीवुड ने हाल के समय में इरफान ख़ान, ऋषि कपूर, निर्देशक बासु चटर्जी और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को खो दिया है।

Saroj Khan
Saroj Khan Dies
Choreographer Saroj Khan dies

Related Stories


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License