NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अपनी मर्ज़ी से काम पर नहीं आने वालों की वेतन कटौती कर सकती हैं कंपनियां: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट का यह आदेश उन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए है जहां लॉकडाउन नियमों में छूट दी गई है और औद्योगिक गतिविधियां दोबारा शुरू हो गई हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 May 2020
 बॉम्बे हाईकोर्ट
Image courtesy: Deccan Herald

कोरोना वायरस के चलते लागू प्रतिबंधों से जिन क्षेत्रों को छूट दी गई है, वहां अगर कोई कर्मचारी अपनी मर्ज़ी से काम पर नहीं आता है तो कंपनी उन कर्मचारियों का वेतन काट सकती हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने गुरुवार को यह निर्देश दिया है।

औरंगाबाद बेंच के जस्टिस रवींद्र वी. घुगे पांच मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें 29 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना को चुनौती दी। इसमें कहा गया था कि एम्पलॉयर्स लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए अपने कर्मचारियों को सैलरी दें जिसमें प्रवासी, कॉन्ट्रैक्ट बेसिस मजदूर, पूर्ण मासिक वेतन पाने वाले लोग शामिल हैं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में लॉकडाउन नियमों में ढील दी है। ऐसे में इन क्षेत्रों मे नियोक्ताओं को उन मजदूरों की मजदूरी काटने की अनुमति मिल गई है जो काम पर नहीं आ सके। इसके साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा 29 मार्च को जारी निर्देंश, जिनमें लॉकडाउन की अवधि में कर्मचारियों को पूरी मजदूरी का भुगतान करने को कहा गया था, उसमे किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से हाई कोर्ट ने इनकार किया है।

आपको बता दें कि कोर्ट प्रीतिकट इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, पूना क्रिश्चियन मेडिकल एसोसिएशन, सीटीआर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, भोगले ऑटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड और एलाइन कंपोनेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस केस की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जर‌िए हुई।

कंपनियों के वकील टीके. प्रभाकरन ने कहा कि चूंकि लॉकडाउन के कारण मैन्यूफैक्चरिंग काम बंद है और कई श्रमिक काम पर आने के इच्छुक नहीं थे, ऐसे में कंपनियां अपने कामगारों को तन्ख्वाह ना देने की छूट मांग रही थीं। मैन्यूफैक्चरर्स ने कहा कि वे न्यूनतम मजदूरी कानून के अनुसार सकल मजदूरी या मजदूरी की न्यूनतम दरों का 50 प्रतिशत, जो भी अधिक हो उसका भुगतान करेंगे।

केंद्र की ओर से पेश वकील डीजी नागोडे और वकील डीआर काले ने राज्य का पक्ष रखते हुए अधिकारियों से निर्देश लेने के लिए समय मांगा। जस्टिस घुगे ने इस तरह के एक मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित बताते हुए गृह मंत्रालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस आर वी घुगे ने कहा  "यह स्पष्ट किया कि चूंकि महाराष्ट्र ने आंशिक रूप से राज्य में कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में लॉकडाउन खत्म कर दिया है, इसलिए श्रमिकों से अपेक्षा की जाती है कि वो शिफ्ट के अनुसार रिपोर्ट करें। उन्हें नियोक्ता द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी। यदि कर्मचारी स्वेच्छा से अनुपस्थित रहते हैं तो प्रबंधन को यह आजादी होगी कि वह उनकी मजदूरी में कटौती करे। हालांकि ऐसी कार्रवाई शुरू करते समय कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन आवश्यक है। यह उन क्षेत्रों पर भी लागू होगा जहां शायद लॉकडाउन नहीं किया गया है।"

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के सरकार के 29 मार्च के निर्देश पर केंद्र सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

(क़ानूनी समाचार बेवसाइट लाइव लॉ के इनपुट के साथ)

Coronavirus
Lockdown
private companies
Companies
scheme workers
Employees and Workers
Bombay High Court
Salary Cut

Related Stories

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना मामलों में 17 फ़ीसदी की वृद्धि

कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत

कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 

दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को दूसरी बार मिला ''द पुलित्ज़र प्राइज़''

कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 

प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत
    14 May 2022
    देश में आज चौथे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। आईआईटी कानपूर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल कहा है कि फिलहाल देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है।
  • afghanistan
    पीपल्स डिस्पैच
    भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी
    14 May 2022
    आईपीसी की पड़ताल में कहा गया है, "लक्ष्य है कि मानवीय खाद्य सहायता 38% आबादी तक पहुंचाई जाये, लेकिन अब भी तक़रीबन दो करोड़ लोग उच्च स्तर की ज़बरदस्त खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यह संख्या देश…
  • mundka
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?
    14 May 2022
    मुंडका स्थित इमारत में लगी आग तो बुझ गई है। लेकिन सवाल बरकरार है कि इन बढ़ती घटनाओं की ज़िम्मेदारी कब तय होगी? दिल्ली में बीते दिनों कई फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों में आग लग रही है, जिसमें कई मज़दूरों ने…
  • राज कुमार
    ऑनलाइन सेवाओं में धोखाधड़ी से कैसे बचें?
    14 May 2022
    कंपनियां आपको लालच देती हैं और फंसाने की कोशिश करती हैं। उदाहरण के तौर पर कहेंगी कि आपके लिए ऑफर है, आपको कैशबैक मिलेगा, रेट बहुत कम बताए जाएंगे और आपको बार-बार फोन करके प्रेरित किया जाएगा और दबाव…
  • India ki Baat
    बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून
    13 May 2022
    न्यूज़क्लिक के नए प्रोग्राम इंडिया की बात के पहले एपिसोड में अभिसार शर्मा, भाषा सिंह और उर्मिलेश चर्चा कर रहे हैं बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून की। आखिर क्यों सरकार अड़ी हुई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License