NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना संकट: अलग-अलग राज्यों में आशिंक तौर पर फिर लौट रहा है लॉकडाउन
दिल्ली में कोरोना वायरस की चौथी लहर। मध्यप्रदेश के चार शहरों में लॉकडाउन तो महाराष्ट्र के पुणे में सात दिन के लिए पाबंदी। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Apr 2021
कोरोना संकट
'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: सोशल मीडिया

कोरोना एक बार फिर डरा है और अलग-अलग राज्यों में फिर लॉकडाउन लौट रहा है। हालांकि अभी यह राज्यों के स्तर पर आशिंक तौर पर लगाया जा रहा है। लेकिन चिंता बरकरार है कि देश एक बार फिर कहीं लंबे लॉकडाउन की तरफ़ तो नहीं बढ़ रहा।

दिल्ली में कोरोना वायरस की चौथी लहर बताई जा रही है। हालांकि यहां लॉकडाउन पर अभी कोई फ़ैसला नहीं हुआ है। जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार शहरों में लॉकडाउन लगाने का फ़ैसला लिया है।

महाराष्ट्र के पुणे में तीन अप्रैल से सात दिन के लिए रेस्तरां, बार और भोजनालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जिले में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा और मॉल, सिनेमा हॉल, और धार्मिक स्थल सात दिन तक बंद रहेंगे। पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड और शहर की सार्वजनिक परिवहन तंत्र की बसें भी अगले सात दिन तक नहीं चलेंगी। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे।

उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के सभी परिषदीय एवं निजी विद्यालयों को 11 अप्रैल तक बंद रखने के निर्देश दिये गए हैं।  

उधर, छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला प्रशासन ने जिले में छह अप्रैल से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन करने का फैसला किया है।

दिल्ली में कोरोना वायरस की चौथी लहर, लॉकडाउन पर अब तक नहीं हुआ है विचार : केजरीवाल

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर चल रही है लेकिन लॉकडाउन पर अब तक विचार नहीं किया गया है। उन्होंने केंद्र से राज्यों को बड़े स्तर पर टीकाकरण चलाने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में लॉकडाउन लगाने की जरूरत हुई तो विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया जाएगा। साथ ही कहा कि चौथी लहर की स्थिति पूर्व की तुलना में उतनी गंभीर नहीं है क्योंकि मौत के कम मामले आए हैं और अस्पताल में भर्ती कराने की भी कम जरूरत पड़ी है।

हालांकि केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह चिंता की बात है क्योंकि कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और सभी जरूरी कदम उठा रही है।’’

उच्च स्तरीय बैठक के बाद केजरीवाल ने सुझाव दिया कि केंद्र को बड़े स्तर पर टीकाकारण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए 45 साल से ज्यादा की उम्र की शर्तों को खत्म कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर केंद्र स्कूलों जैसे गैर स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की अनुमति देता है तो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर टीकाकरण हो सकता है।

केजरीवाल ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोगों से भी मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने और लगातार हाथ धोने की अपील की।

मध्य प्रदेश के चार शहरों में लॉकडाउन लागू

भोपाल: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार शहरों में लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है और यहां वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भी भेपाल से भेजा गया है।

आधिकारिक तौर पर शुक्रवार को यहां बताया गया है कि छिंदवाड़ा और रतलाम में लॉकडाउन एक अप्रैल को रात दस बजे से पांच अप्रैल की सुबह छह बजे तक तथा बैतूल में दो अप्रैल की रात दस बजे से पांच अप्रैल की सुबह छह बजे तक तथा खरगोन में दो अप्रैल की रात आठ बजे से पांच अप्रैल की सुबह छह बजे तक लॉकडाउन रहेगा।

इस बीच, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को यहां बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भोपाल से उन चार शहरों में भेजा गया है जहां कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक फैल रहा है।

चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले छिंदवाड़ा में मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए तीन दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। इसके अलावा प्रदेश में रविवार का लॉकडाउन जिन शहरों में पूर्व में रहा है वहां यथावत रहेगा।

छिंदवाड़ा जिलाधीश सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि छिंदवाड़ा में एक अप्रैल रात दस बजे से पांच अप्रैल सुबह छह बजे तक लॉकडाउन रहेगा।

मुख्यमंत्री ने भोपाल में पौधारोपण के बाद संवाददाताओं से कहा कि खरगोन, बैतूल और रतलाम में अधिकारियों के एक-एक दल को भेजा गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने लोगों से त्योहार अपने घर पर ही रहकर मनाने तथा सभी पात्र लोगों को टीका लगावाने की भी अपील की।

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को छिंदवाड़ा में संक्रमण के 40, खरगोन में 77, रतलाम में 84 और बैतूल में 67 मामले सामने आए।

प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में बृहस्पतिवार को कोरोना के 2,546 नये मामले सामने आये तथा पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही प्रदेश में इससे मरने वालो की संख्या बढ़कर 3,998 हो गई है।

कोविड-19: पुणे में एक सप्ताह तक बंद रहेंगे रेस्तरां, बार, मॉल

पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए तीन अप्रैल से सात दिन के लिए रेस्तरां, बार और भोजनालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि जिले में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा और मॉल, सिनेमा हॉल, और धार्मिक स्थल सात दिन तक बंद रहेंगे।

लगातार दो दिन में संक्रमण के आठ हजार से ज्यादा मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने जिले में ये ‘‘कठोर पाबंदियां’’ लगाई हैं।

उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई समीक्षा बैठक के दौरान इन पाबंदियों को लगाने के बारे में निर्णय लिया गया।

पुणे मंडल के आयुक्त सौरभ राव ने कहा,‘‘ ये नयी पाबंदियां शनिवार से अगले सात दिन तक जारी रहेंगी। इसके तहत शात छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा। भोजनालय, बार और रेस्तरा बंद रहेंगे लेकिन घरों में खाना मंगाने की सुविधा जारी रहेगी।’’

उन्होंने कहा,‘‘ मॉल, सिनेमा हॉल और धार्मिक स्थल सात दिन तक बंद रहेंगे।’’

जिले में विवाह समारोह और अंतिम संस्कार को छोड़ कर किसी भी प्रकार की जनसभा पर पाबंदी रहेगी। विवाह समारोह में केवल 50 लोगों के और अंतिम संस्कार में केवल 20 लोगों के शामिल होने की मंजूरी है।

कर्फ्यू की अवधि में आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है।

राव ने कहा कि पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (पीएमपीएमएल) और शहर की सार्वजनिक परिवहन तंत्र की बसें अगले सात दिन तक नहीं चलेंगी। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज 30अप्रैल तक बंद रहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ केवल 10वीं एवं 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों और एपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों को नियमित शैक्षणिक गतिविधि जारी रखने की अनुमति होगी।’’

राव ने कहा,‘‘ ये निर्णय पिछले कुछ दिन में संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर लिए गए हैं। स्थिति गंभीर हो रही है। पिछले एक सप्ताह में जिले में संक्रमण की दर 32 प्रतिशत को पार कर गई है।’’

राव ने बताया कि गत शुक्रवार तक संक्रमण दर 26-27 प्रतिशत थी लेकिन पिछले एक हफ्ते से यह दर 32 प्रतिशत से अधिक है और रोजाना करीब आठ हजार नए मामले आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का आकलन है कि वृद्धिदर में बदलाव नहीं हुआ तो आने वाले दो दिनों में जिले में नए मामलों (कोविड-19)की संख्या नौ हजार के पार हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि सात दिन बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उनके अनुसार अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

राव ने कहा,‘‘ संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण जरूरी है इसलिए आने वाले दिनों में टीकाकरण की गति बढ़ाई जाएगी।’’

उन्होंने बताया कि जिले में जहां तक जांच का अनुपात है तो राज्य में यह सबसे अधिक है। बृहस्पतिवार को ही अकेले जिले में 29 हजार नमूनों की जांच की गई लेकिन हम इसे और बढ़ाना चाहते हैं।

राव ने बताया कि प्रशासन निजी और सरकारी अस्पतालों में और अधिक ऑक्सीजन सुविधा से युक्त बिस्तरों और आईसीयू बिस्तरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रशासन बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए निजी अस्पतालों के नियमित संपर्क में है।

राव ने कहा, ‘‘हम पांच अप्रैल तक सबसे अधिक बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहते हैं और अगर स्थिति यही बनी रही तो हमें कुछ अस्पतालों में शत प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने की घोषणा करनी पड़ेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिले में टीकाकरण की गति गत 10 दिनों में राज्य में सबसे अधिक है। यहां तक कि देश में सबसे अधिक है लेकिन हमारी योजना इसे और बढ़ाने की है। हम अगले तीन-चार दिन में रोजाना एक लाख टीका देने की क्षमता हासिल करने की योजना बना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि वायरस संक्रमण की कड़ी को तोड़ने, गृह पृथकवास में रह रहे मरीजों की प्रभावी निगरानी और ‘सुपर स्प्रेडर’ की जांच पर ध्यान केंद्रित की जा रही है।

बैठक में शामिल पुणे से भाजपा के लोकसभा सदस्य गिरिश बापट ने पीएमपीएमएल बस सेवा को रोकने और शाम छह बजे से कर्फ्यू लगाने के फैसले का विरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पीएमपीएमएल की सेवा को रोकने के फैसले का विरोध करते हैं क्योंकि अधिकतर कामगार वर्ग सार्वजनिक परिवहन सेवा पर निर्भर है। हम पीएमपीएमएल सेवा रोकने के फैसले पर आगे का कदम उठाएंगे।’’

बापत ने मौजूदा कर्फ्यू का समय रात आठ बजे से सुबह छह बजे को बरकरार रखने का सुझाव दिया और कहा कि प्रशासन सुनिश्चित करे कि पांच से अधिक लोग एक स्थान पर जमा नहीं हो।

उन्होंने कहा कि पाबंदियों को लागू करने के दौरान पुलिस को आम लोगों पर लाठीचार्ज जैसे बल प्रयोग से बचाना चाहिए।

कोविड-19 का प्रसार रोकने को ट्रेन व स्थानीय बाजार बंद करें, मॉल नहीं : संगठन

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में महापौर द्वारा मॉल बंद करने का सुझाव दिये जाने के एक दिन बाद ऐसे प्रतिष्ठानों के एक समूह ने शुक्रवार को अनुरोध किया कि शॉपिंग प्लाजा का संचालन सामान्य तौर पर होने दिया जाए।

‘द शॉपिंग सेंटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया’ ने कहा कि बाहर घूमने वाली भीड़ का महज एक प्रतिशत ही मॉल में आता है और बड़ी संख्या में लोग ट्रेनों तथा स्थानीय बाजार में पाए जाते हैं।

संगठन ने हैरानी जताई कि ज्यादा भीड़ के बावजूद ट्रेनों और स्थानीय बाजारों को संचालन की इजाजत दी जा रही है जबकि खुदरा दुकानों और रेस्तरां के लिए पाबंदियां हैं, जहां सीमित संख्या में लोग आते हैं।

आगे संगठन ने कहा, “फरवरी के मध्य में लोकल ट्रेनों के संचालन की मंजूरी दिये जाने के बाद कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने के लिये स्थानीय बाजारों और ट्रेनों पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है।”

मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेगर ने बृहस्पतिवार को संकेत दिये थे कि संक्रमण का प्रसार सीमित करने के लिये ट्रेनों, मॉल और धार्मिक स्थलों में आवाजाही रोकी जा सकती है।

संगठन का यह अनुरोध तब आया है जब राज्य के सबसे बड़े शहरों में से एक पुणे ने रात्रि में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। इसके कुछ दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने पांच से ज्यादा लोगों के शाम को एक जगह जुटने पर रोक लगाई थी।

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते कक्षा आठ तक के स्कूल 11 अप्रैल तक बंद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते कक्षा एक से कक्षा आठ तक के सभी परिषदीय एवं निजी विद्यालयों को 11 अप्रैल तक बंद रखने के निर्देश दिये हैं। इस अवधि में इन विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य बंद रहेगा, जबकि शिक्षक प्रशासनिक कार्यों के लिए स्कूल आते रहेंगे।

इससे पहले राज्य सरकार ने 31 मार्च तक के लिए कक्षा आठ तक के स्‍कूल बंद कर दिये थे।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर समीक्षा बैठक के दौरान ताजा निर्देश जारी किये।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कक्षा आठ तक के स्कूल 11 अप्रैल तक बंद रखने के निर्देश दिये हैं। योगी ने कहा कि त्योहारों तथा पंचायत चुनाव के दृष्टिगत बाहर के राज्यों से लोग वापस उत्तर प्रदेश आ रहे हैं, ऐसे में गांवों में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, आगरा में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि इन जिलों में एल-2, एल-3 बेडों की संख्या बढ़ाई जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रतिदिन नियमित तौर पर सुबह कोविड-19 चिकित्सालय में तथा शाम को इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर में बैठक करके स्थिति की समीक्षा तथा आगे की रणनीति तय करने के निर्देश दिए।

कोरोना वायरस पहले से ख़तरनाक, प्रोटोकॉल का पालन करे जनता: गहलोत

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार कहा कि कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में आ रहे अधिकांश मरीज बिना लक्षणों वाले हैं।

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘अभी कोरोना वायरस भी पहले से खतरनाक हो गया है। ऐसे में हम सभी को गंभीरता दिखानी होगी। मैं सभी से पुन: अपील करता हूं कि मास्क लगाने, हाथ धोने व एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। थोड़ी सी लापरवाही भी किसी की जान जाने का कारण बन सकती है।’’

गहलोत के अनुसार कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में आ रहे अधिकांश मरीज बिना लक्षणों वाले हैं। उन्होंने कहा कि पहले मरीज में लक्षण दिखते थे जिससे उनकी पहचान करके उन्हें पृथकवास में भेजना आसान था। उन्होंने कहा कि बिना लक्षणों वाले मरीजों की पहचान बिना जांच के मुश्किल है और ऐसे मरीज को स्वयं के संक्रमित होने का भी अंदाजा नहीं होता।

उन्होंने कहा है कि बिना लक्षणों वाले मरीज जानकारी के अभाव में बिना प्रोटोकॉल का पालन किए घूमते रहते हैं जिससे दूसरे लोगों में तेजी से संक्रमण फैलता है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सभी लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन करना चाहिए लेकिन आमजन कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही कर रहे हैं।

गहलोत ने यहां कहा, ‘‘राज्य में 16 फरवरी को एक दिन में कोरोना वायरस के सिर्फ 60 नए मामले आए थे लेकिन इस एक अप्रैल को 1350 मामले आए हैं। 23 फरवरी को कुल उपचाराधीन मरीज 1195 रह गए थे लेकिन एक अप्रैल को ये संख्या बढ़कर 9563 हो गई है। इसी तरह 24 फरवरी को मामलों के दोगुना होने का समय 2521 दिन था जो अब 270 दिन हो गया है।’’

छत्तीसगढ़: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दुर्ग जिले में लॉकडाउन

दुर्ग (छत्तीसगढ़): कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला प्रशासन ने जिले में छह अप्रैल से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन करने का फैसला किया है।

दुर्ग जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि जिले में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने छह अप्रैल से 14 अप्रैल तक पूरे जिले में लॉकडाउन का निर्णय लिया है।

अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा है कि जिले में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद यह जरूरी है कि लॉकडाउन के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जाए। इसके लिए नागरिकों का सहयोग बेहद जरुरी है।

भुरे ने लोगों से अपील की है कि घर में रहें, सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि पूर्व में जिले में लॉकडाउन और जन सहयोग से कोरोना वायरस की पहली लहर को रोक पाने में सफलता मिली थी। इस बार भी धैर्य की जरूरत है जिससे कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।

कलेक्टर ने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों से नजदीकी टीकाकरण केंद्र पहुंचकर टीका लगवाने का आग्रह किया है। उन्होंने नागरिकों से कहा कि कोरोना के लक्षण उभरते ही जांच कराएं। साथ ही संक्रमण की पुष्टि होने पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार कदम उठाएं।

दुर्ग जिले में बृहस्पतिवार तक 40,068 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि की गई है। 9,883 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित 754 लोगों की मृत्यु हुई है। जिले में पिछले दो सप्ताह के दौरान 10,295 नए मामले सामने आए हैं।

राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कलेक्टर स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार लॉकडाउन का फैसला कर सकते हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

COVID-19
Coronavirus
Lockdown
Coronavirus lockdown
Coronavirus 2nd wave

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License