NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कोरोना लॉकडाउनः चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले
दिखायी दे रहा है कि कोरोना वायरस बीमारी से लड़ने की आड़ में मोदी सरकार ने नागरिकों पर ही राजनीतिक हमला बोल दिया है।
अजय सिंह
06 May 2020
Strictly in lockdown
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : indiatoday

इस कोरोना समय में सिर्फ़ एक ही आज़ादी हमें हासिल है : जेल जाने की आज़ादी! कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) से लड़ने के नाम पर कुल हासिल यही है। समूचा हिंदुस्तान विशाल क़ैदखाना और पुलिस राज्य बन गया है।

अगर आप केंद्र की हिंदुत्व राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों, नीयत व कामकाज पर संदेह जताते हैं, असहमति व्यक्त करते हैं, सवाल पूछते हैं, बहस करते हैं, आलोचनात्मक टीका-टिप्पणियां लिखते-बोलते हैं, तो दमनकारी व आतंककारी क़ानूनों का वार झेलने और जेल जाने के लिए तैयार रहिये। एक्टिविस्ट होना, मौजूदा सरकार को कठघरे में खड़ा करना किसी गुनाह से कम नहीं! और, अगर आप मुसलमान हैं व कश्मीरी भी हैं, तब तो ख़ुदा भी आपको नहीं बचा सकता! हिंदुस्तान में मुसलमान को शाश्वत शत्रु बना दिया गया है।

दिखायी दे रहा है कि कोरोना वायरस बीमारी से लड़ने की आड़ में मोदी सरकार ने नागरिकों पर ही राजनीतिक हमला बोल दिया है। लोकतंत्र व स्वतंत्रता का पूरी तरह अपहरण कर लिया गया है। एक व्यक्ति-केंद्रित और एक राजनीतिक पार्टी-केंद्रित निरंकुश सर्वसत्तावाद और उससे जुड़ी बर्बरता व तानाशाही इस कोरोना समय की प्रमुख राजनीतिक अभिव्यक्तियां बन गयी हैं। (यह सर्वसत्तावाद राजनीतिक विपक्ष को भी ललचा रहा है कि हम भी इसे आजमायें।) जनता से कहा जा रहा है कि अब यही सामान्य चलन है, इसे चुपचाप स्वीकार कर लीजिये, और आगे भी इसी के साथ रहने के लिए तैयार हो जाइये। हम याद करें कि अतीत में नाज़ीवाद व फ़ासीवाद के दौर में कमोबेश यही हुआ था।

इस संदर्भ में दो पहलू ख़ास तौर पर चिंताजनक हैं। एकः कोरोना लॉकडाउन के मसले पर लगभग समूचे राजनीतिक विपक्ष ने मोदी सरकार के आगे समर्पण कर दिया है। उसने इस मसले पर राजनीतिक व वैचारिक प्रति-आख्यान (काउंटर नैरेटिव) नहीं पेश किया, बल्कि मोदी सरकार द्वारा पेश किये गये कोरोना सैन्यवादी विमर्श को ही उसने (विपक्ष ने) स्वीकार कर लिया।

कोरोना लॉकडाउन की आड़ में मोदी सरकार ने भारत की जनता पर भयानक विपत्ति थोप दी। लेकिन राजनीतिक विपक्ष ने इस मुद्दे पर राजनीतिक लड़ाई चलाने व मोदी सरकार को घेरने की बजाय राजनीति को ही तिलांजलि दे दी। पुलवामा हमले (2019) के समय भी विपक्ष का राजनीतिक व वैचारिक दिवालियापन इसी तरह उजागर हुआ था। देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के पीछे मोदी सरकार का राजनीतिक मक़सद क्या था, इस बारे में जनता को शिक्षित करने में विपक्ष पूरी तरह विफल रहा। ज़रूरत नागरिक अवज्ञा की थी, लेकिन राजनीतिक विपक्ष लोगों को आज्ञाकारी नागरिक बनाने पर तुला रहा। क्या इस समय किसी को सविनय अवज्ञा आंदोलन की याद है?

दूसरा चिंताजनक पहलू है, न्यायपालिका का कार्यपालिका (सरकार/पुलिस) की भूमिका में आ जाना। इन दिनों अदालतें—निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च अदालत तक—मोदी सरकार के साथ क़दमताल करती नज़र आ रही है। लोकतंत्र के निषेध, मानवाधिकारों के हनन व नागरिकों के उत्पीड़न के मसले पर अदालतें मोदी सरकार के पक्ष में बराबर फ़ैसले सुना रही हैं। ख़ासकर ऊंची अदालतों का रुख़ उत्पीड़ित व संघर्षशील जनता के संदर्भ में बहुत संवेदनहीन नज़र आता है। उन्होंने जनता के जीवन, आजीविका व गरिमा के मुद्दों पर हस्तक्षेप करने और राहत देने से साफ़ इनकार कर दिया है। कई बार उनकी भाषा किसी थाने के दारोग़ा की भाषा-जैसी दिखायी देती है।

(लेखक वरिष्ठ कवि और राजनीतिक विश्लेषक हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

Coronavirus
COVID-19
Lockdown
modi sarkar
Narendra modi
police
Police brutality
opposition parties
democracy
Aisi Taisi Democracy

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 


बाकी खबरें

  • up elections
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूपी में न Modi magic न Yogi magic
    06 Mar 2022
    Point of View के इस एपिसोड में पत्रकार Neelu Vyas ने experts से यूपी में छठे चरण के मतदान के बाद की चुनावी स्थिति का जायज़ा लिया। जनता किसके साथ है? प्रदेश में जनता ने किन मुद्दों को ध्यान में रखते…
  • poetry
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'टीवी में भी हम जीते हैं, दुश्मन हारा...'
    06 Mar 2022
    पाकिस्तान के पेशावर में मस्जिद पर हमला, यूक्रेन में भारतीय छात्र की मौत को ध्यान में रखते हुए पढ़िये अजमल सिद्दीक़ी की यह नज़्म...
  • yogi-akhilesh
    प्रेम कुमार
    कम मतदान बीजेपी को नुक़सान : छत्तीसगढ़, झारखण्ड या राजस्थान- कैसे होंगे यूपी के नतीजे?
    06 Mar 2022
    बीते कई चुनावों में बीजेपी को इस प्रवृत्ति का सामना करना पड़ा है कि मतदान प्रतिशत घटते ही वह सत्ता से बाहर हो जाती है या फिर उसके लिए सत्ता से बाहर होने का खतरा पैदा हो जाता है।
  • modi
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: धन भाग हमारे जो हमें ऐसे सरकार-जी मिले
    06 Mar 2022
    हालांकि सरकार-जी का देश को मिलना देश का सौभाग्य है पर सरकार-जी का दुर्भाग्य है कि उन्हें यह कैसा देश मिला है। देश है कि सरकार-जी के सामने मुसीबत पर मुसीबत पैदा करता रहता है।
  • 7th phase
    रवि शंकर दुबे
    यूपी चुनाव आख़िरी चरण : ग़ायब हुईं सड़क, बिजली-पानी की बातें, अब डमरू बजाकर मांगे जा रहे वोट
    06 Mar 2022
    उत्तर प्रदेश में अब सिर्फ़ आख़िरी दौर के चुनाव होने हैं, जिसमें 9 ज़िलों की 54 सीटों पर मतदान होगा। इसमें नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत अखिलेश का गढ़ आज़मगढ़ भी शामिल है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License