NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना संकट के बीच बेरोज़गारी दर में वृद्धि और सरकार की घातक उदासीनता
सीएमआईई की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान देश में बेरोज़गारी दर में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है तो वहीं दूसरी तरफ नौकरी गवांकर पलायन को मजबूर श्रमिकों की सरकारों द्वारा उपेक्षा-अनदेखी तस्वीर को भयावह बना रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 May 2020
बेरोज़गारी

दिल्ली: माथे पर तनाव की लकीरें, आंखों में मायूसी के आंसू और एक जोड़ी चप्पल तक मयस्सर नहीं, लेकिन अनवरत घर की ओर चले जाना है। कुछ ऐसी तस्वीरें इन दिनों मीडिया में मज़दूरों की हालात को बयां कर रही हैं।

साथ ही हमें एक दूसरी तस्वीर भी नजर आ रही है जो हमारे देश के सरकारों की हैं जो इस राष्ट्रीय शर्म के मसले पर भी न सिर्फ घातक तरीके की उदासीनता दिखा रही हैं बल्कि विपक्षी पार्टियों से हद दर्जे की बेबुनियाद बयानबाजी पर भी उतर रही हैं। लेकिन ये सुनिश्चित करने की कोशिश नहीं कर रही है कि हताश-निराश मज़दूर सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से अपने घर लौटें।

आपको बता दें कि देशभर के प्रवासी मजूदर औद्योगिक शहरों से निकलकर अपने दूर-दराज के गांवों तक वापस पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। और इन मज़दूरों के वापस लौटने के पीछे कोई रॉकेट साइंस नहीं है। सिर्फ़ इतना कारण है कि जिन चंद बड़े शहरों को कुछ साल पहले तक अर्थव्यवस्था का केंद्र और विकास का मंदिर बताया गया था वहां पर इन मज़दूरों के लिए कोई काम नहीं है, पेट भरने के लिए भोजन नहीं है और सिर छिपाने के लिए जगह नहीं है।

और यह लगातार आ रहे आंकड़ों के जरिए साबित भी हो रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान देश में बेरोज़गारी दर में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है और सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार तीन मई को समाप्त सप्ताह के दौरान यह बढ़कर 27.11 प्रतिशत हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में तमिलनाडु (49.8%), झारखंड (47.6%), बिहार (46.6%), हरियाणा (43.4%) और कर्नाटक (29.8%) शामिल हैं जबकि कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्य हैं।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान पिछले दो महीने में शहरों में काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों की स्थिति और भी खराब हुई है। एक तरफ उनकी बचत खत्म हो गई है तो दूसरी ओर भविष्य की अनिश्चितता को देखते हुए वे घरों को वापस लौटने को मजबूर है।

सीएमआईई की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, वेतनभोगी रोज़गार पर लगे लोगों की संख्या में भी अप्रत्याशित कमी आई है। 2019-20 में जहां उनकी संख्या 8.6 करोड़ थी तो अप्रैल 2020 में वह घट कर 6.8 करोड़ रह गई। इस वर्ग के रोज़गार में 21 फ़ीसदी गिरावट दर्ज की गई।

रिपोर्ट कहती है कि वेतनभोगी रोज़गार वाले लोगों की संख्या भारत में पिछले तीन सालों से 8 से 9 करोड़ के बीच रही है। ये गिरावट इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस वर्ग में नये अवसर पैदा होने के आसार कम हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि शहरी इलाकों में बेरोज़गारी दर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। लॉकडाउन से दिहाड़ी मज़दूरों और छोटे व्यवसायों से जुड़े लोगों को भारी झटका लगा है। इनमें फेरीवाले, सड़क किनारे दुकानें लगाने वाले विक्रेता, निर्माण उद्योग में काम करने वाले श्रमिक और रिक्शा चलाकर पेट भरने वाले लोग शामिल हैं।

सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ़ खेती बाड़ी का काम कर रहे लोग इस पूरी गिरावट का अपवाद हैं। कृषि क्षेत्र में काम कर रहे लोगों ने मार्च-अप्रैल 2020 में 5 फ़ीसदी (60 लाख लोग) की बढ़ोतरी दर्ज की है और ऐसा इसलिए हो रहा है कि शहरों में रोज़गार छूटने के बाद लोग गाँव लौट रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह संकट और गहरायेगा जब अगले दो महीने में खेती से जुड़े काम खत्म हो जायेंगे।

ऐसे में एक साथ बड़े पैमाने पर प्रवासी मज़दूरों का अपने घरों को लौटने के असाधारण फैसले के जवाब में राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के पास कोई ठोस कार्रवाई या राहत प्लान अब तक नहीं दिख रहा है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज राहत देने वाला कम, भ्रमित करने वाला और आंकड़ों का मायाजाल ज्यादा लगता है। तो वहीं दूसरी ओर प्रवासी मज़दूरों के बीच जान बचाने और अपने घरों को लौट जाने की देशव्यापी दहशत के बीच सरकारों की मशीनरी पूरी तरह से असहाय और असंवेदनशील ही नजर आई है। ऐसे में उससे ज्यादा उम्मीद रखना भी बेमानी है। साथ ही इस पूरे मसले ने आर्थिक समानता, समावेशी विकास, सामाजिक कल्याण जैसी सरकारी जुमलों की भी पोल खोलकर रख दी है।

Coronavirus
Corona Crisis
Lockdown
migration
unemployment
Increasing Unemployment
Migrant workers
CMIE
State Government
Central Government

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब स्ट्रेन BA.4 और BA.5 का एक-एक मामला सामने आया

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई

कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत

कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 

कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 

देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, PM मोदी आज मुख्यमंत्रियों संग लेंगे बैठक


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License