NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना आपदा से बढ़ता हाहाकार लेकिन बिहार सरकार को चुनाव का बुख़ार!
सम्पूर्ण विपक्ष ने केन्द्रीय चुनाव आयोग से प्रदेश में बेलगाम हो रहे कोरोना कहर से निपटने के लिए राज्य सरकार को विशेष रूप से निर्देशित करने के साथ साथ राज्य के पूरे प्रशासनिक तंत्र को महामारी बचाव कार्यों में लगाए जाने की बजाय चुनाव तैयारी में झोंके जाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
अनिल अंशुमन
19 Jul 2020
सरकार को चुनाव का बुख़ार

कोरोना आपदा काल की अकल्पनीय भयावह विसंगतियां पूरी दुनिया के देशों के पीड़ित हुए और जिंदा बचे लोगों के मानस में लम्बे समय तक एक दु:स्वप्न की तरह अंकित रहेंगी। वहीं भारत में तो इस आपदा ने जो जनता की भलाई का गाना गाकर तथा लोकतंत्र संविधान की शपथ लेकर केंद्र व राज्यों की कुर्सी में काबिज़ सरकारों की ऐसी कारगुजारियों को सामने ला दिया है जो एक स्वस्थ लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है। मसलन पूरे देश में महामारी से संक्रमण के आंकड़ा 10 लाख से भी पार कर जाने और इसमें हर दिन निरंतर बढ़ोत्तरी होते जाने के बावजूद केंद्र व राज्य की एनडीए सरकार बिहार में विधान सभा चुनाव कराने पर तुल जाना, सत्ता- सियासत के डरावने चरित्र को ही दीखाता है। यानी करोना कहर से जूझने के लिए भाग्य भरोसे छोड़ दी गयी जनता का चाहें जो भी हश्र हो और मतदाताओं की जान भी जोखिम में जितना पड़े, सत्ताधारी दल की एकमात्र चिंता है प्रदेश में फिर से अपनी सरकार बनाना।
                               
कल सम्पन्न हुए दुनिया के विभिन्न राष्ट्रों की वर्चुवल मीटिंग को विशेष रूप से संबोधित करते हुए इस देश के प्रधान मंत्री ने कोरोना से लड़ाई को भारत द्वारा एक जन आन्दोलन बना लेने की बात कहना,महामारी के बढ़ते कहर को छुपाकर कुछ शेखी बघारने जैसा ही है।  

chunaw 1.jpg

आज की खबर में केन्द्रीय चुनाव आयोग ने बिहार की सभी राजनितिक पार्टियों को पत्र लिखकर प्रदेश में विधान सभा चुनाव कराये जाने को लेकर 27 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं। हैरानी की बात है कि महज दो दिन पहले ही तो प्रदेश के सभी वामपंथी दलों के साथ सम्पूर्ण विपक्षी दलों के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्य चुनाव आयोग के मार्फ़त केन्द्रीय चुनाव आयोग को दिए गए मांग पत्र भेजा था , लेकिन उसे कोई तवज़्ज़ो दिए बिना ही आयोग ने अलग से पत्र भेजने की घोषणा कर दी।  

15 जुलाई को राजधानी पटना में राज्य चुनाव आयोग को संयुक्त विपक्ष के द्वारा जाकर दिए गए ज्ञापन की प्रतियां मीडिया से भी दी गयी।बिहार चुनाव आयोग के मार्फ़त केन्द्रीय चुनाव आयोग को भेजे गए संयुक्त  विपक्ष के ज्ञापन की जानकारी देते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा ने सवाल उठाया कि सरकार व उसके नेताओं का यह कैसा डेमोक्रेटिक पब्लिक कंसर्न है कि महामारी आपदा में फंसी आवाम की जानो माल की सुरक्षा से अधिक सिर्फ विधान सभा चुनाव पर फोकस किया जा रहा है . हर दिन बेलगाम हो रही संक्रमितों की संख्या को देखते हुए जब सरकार के ही स्वास्थय – आपदा विभागों द्वारा यही कयास लगाया जा रहा है कि नवम्बर तक यह आंकड़ा 1 लाख को  भी पार कर जाएगा . जब राज्य के मतदाता ही असुरक्षित रहेंगे तो कैसा लोकतंत्र होगा और ऐसे में क्या चुनाव एक भद्दा मज़ाक नहीं बनकर रह जाएगा ?      

 केंन्द्रीय गृहमंत्री द्वारा शुरू किये गए तथा बाद में प्रदेश सरकार के गठबंधन दल भाजपा, जदयू और उसके नेताओं द्वारा चलाये जा रहे वर्चुवल चुनाव प्रचार को ज़मीनी लोकतंत्र को ख़त्म करने की सुनियोजित साजिश करार देते हुए देश में जारी पारंपरिक चुनाव पद्धति को ही बहाल रखने पर जोर दिया गया।  
 
संयुक्त विपक्ष ने यह भी पूछा है कि जिस प्रदेश में बमुश्लिल से 37 % ही इंटरनेट उपलब्धता है वहाँ वर्चुवल चुनाव कैसे संभव होगा। साथ ही जब बहुसंख्यक जनता इस वर्चुवल चुनावी प्रक्रिया से ही बाहर रहेगी तो प्रदेश में कैसा लोकतंत्र रहेगाअभी कोरोना कहर में शादी अथवा दाह संस्कार जैसे आयोजनों में 50 से अधिक लोगों के जमा होने पर रोक है तो जिन बूथों पर हज़ार की संख्या में मतदाता होंगे तो वहाँ सोशल डिस्टेटेंशन का क्या होगा ?            

सम्पूर्ण विपक्ष ने केन्द्रीय चुनाव आयोग से प्रदेश में बेलगाम हो रहे कोरोना कहर से निपटने के लिए राज्य सरकार को विशेष रूप से निर्देशित करने के साथ साथ राज्य के पुरे प्रशासनिक तंत्र को महामारी बचाव कार्यों में लगाए जाने की बजाय चुनाव तैयारी में झोंके जाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की भी मांग की। उधर देश के मेडिकल जर्नल लैसेंट की ताज़ा खबर में बिहार, झारखंड समेत 9 राज्यों के कुछ जिलों में कोरोना कहर के सर्वाधिक असर पड़ने की बात कही गयी है।  जिसमें सबसे अधिक संवेदनशील राज्य मध्यप्रदेश के बाद बिहार को ही दूसरे नंबर का राज्य बताया गया है।  

सत्ताधारी दल के नेता हर दिन विपक्ष पर चुटकी लेटे हुए कह रहें हैं कि यदि उन्हें प्रदेश कि जनता की जान की इतनी ही फ़िक्र है तो वे क्यों नहीं लोगों की कोरोना जांच करवा रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री ने तो विपक्ष पर यहाँ तक आरोप लगाया है कि वे आसन्न चुनावी हार की डर से ही कोरोना का भय दिखाकर चुनाव टालना चाहता है।  

राज्य के मंत्री, सांसद व हाई कोर्ट के जज से लेकर दर्जनों आइएस, आईपीएस, डाक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों तथा पुलिस, सरकारी अमले के लोगों के भारी संख्या में संक्रमित होने की ख़बरें निरंतर बढ़ती ही जा रही है।  तो दूसरी ओर बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच से लेकर लगभग सभी अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण समुचित आईसीओ बेड, वेंटिलेटर,त्वरित जांच और समुचित की भारी कमी से लोगों का गुस्सा स्वास्थ्यकर्मियों पर ही निकल रहा है।  

 खबर यह भी है कि तीन दिन पहले ही प्रदेश के पर्व गृह सचिव को तो आईजीएमएस से लौटा दिए जाने के बाद एआईएम्स पहुचने पर उन्हें बेएड तक तक नसीब नहीं हुआ और उन्हें ज़मीन पर ही लेटकर इलाज़ कराना पड़ा। वहीँपीएमसीएच में भर्ती हुई जहानाबाद की महिला की कोविड संक्रमण प्रोटोकॉल के तहत इलाज नहीं होने से हुई मौत का आरोप लगाते हुए गुस्साए परिजनों ने लाश को अस्पताल अधीक्षक के चेंबर के सामने लेजा कर रख दिया।  
                                     
प्रदेश मीडिया की ख़बरों में ही कोरोना के बढ़ते संक्रमण को हाहाकार बताया जा रहा है। लेकिन भाजपा,जदयू के नेता प्रवक्ता राज्य में किसी भी कीमत पर विधान सभा चुनाव कराए जाने को संवैधानिक बाध्यता बता रहें हैं .          

फिलहाल सबकी नज़रें केन्द्रीय चुनाव आयोग पर टिकी हुई है कि वह क्या फैसला लेता है। वहीं जिसपर प्रदेश के वरिष्ठ नाटककार कुणाल ने आशंका जताते हुए कहा है कि कहीं ऐसा न हो जाए कि अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता ...! 

Coronavirus
COVID-19
Bihar
bihar election
election commission of India
left parties
BJP
RJD
Nitish Kumar

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • बिहारः पिछले साल क़हर मचा चुके रोटावायरस के वैक्सीनेशन की रफ़्तार काफ़ी धीमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहारः पिछले साल क़हर मचा चुके रोटावायरस के वैक्सीनेशन की रफ़्तार काफ़ी धीमी
    04 May 2022
    ज्ञात हो कि बीते साल पूरे बिहार में विभिन्न जगहों से डायरिया से बच्चों की मौत और बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने की खबरें सामने आई थीं।
  • e-commerce
    बी सिवरमन
    जारी रहेगी पारंपरिक खुदरा की कीमत पर ई-कॉमर्स की विस्फोटक वृद्धि
    04 May 2022
    भारत में ई कॉमर्स में 2020 की महामारी के पहले वर्ष में 8% की वृद्धि हुई और 2021 में 30% की वृद्धि हुई, जिस वर्ष कोविड-19 की जानलेवा दूसरी लहर देखी गई थी।
  • photo
    सीमा आज़ाद
    हमारा लोकतंत्र; दिल्ली से बस्तर: बुलडोज़र से लेकर हवाई हमले तक!
    04 May 2022
    बस्तर के गांव वालों का आरोप है कि उनके ऊपर हवाई हमला किया गया है। इसपर चिंता जताते हुए मानवाधिकार कर्मियों ने सरकार से स्वतंत्र जांच कराने और ‘श्वेतपत्र’ जारी करने की मांग की है।
  • Nehru
    नॉनटोबेको हेला
    गुटनिरपेक्षता आर्थिक रूप से कम विकसित देशों की एक फ़ौरी ज़रूरत
    04 May 2022
    गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापकों ने अपने हस्ताक्षरित एक संयुक्त बयान में कहा था, “गुटों के साथ गुटनिरपेक्षता की यह नीति...'तटस्थता' या 'निष्पक्षता' की नुमाइंदगी नहीं करती है और जैसा कि कभी-कभी…
  • jodhpur
    भाषा
    जोधपुर में कर्फ्यू जारी, उपद्रव के आरोप में 97 गिरफ़्तार
    04 May 2022
    जोधपुर में मंगलवार को हुए उपद्रव के सिलसिले में 97 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि शहर में बुधवार को लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू जारी रहा। जोधपुर मुख्यमंत्री गहलोत का गृह नगर भी है, जहां हालात पर नजर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License