NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना का प्रसार अब ग्रामीण इलाकों में, बुनियादी ढांचे के अभाव से हालात चिंताजनक!
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब ग्रामीण और उपनगरीय (Sub urban) क्षेत्रों से अधिक संख्या में संक्रमण के मामले आ रहे हैं। हालांकि, यह महामारी शुरुआत में शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Sep 2020
कोरोना
Image courtesy: News Nukkad

दिल्ली: देश में कोविड-19 के मामले 42 लाख के आंकड़े को पार कर जाने के साथ इसके ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों में फैलने को लेकर भी चिंता बढ़ गई हैं क्योंकि वहां चिकित्सा सुविधाओं के बुनियादी ढांचे का अभाव है। हालांकि, यह महामारी शुरुआत में शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित थी।

विशेषज्ञों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस महमारी कितनी फैली है, इस बारे में सटीक आंकड़े नहीं हैं लेकिन देश के कोने-कोने में इसके पहुंच जाने को बताने के लिये पर्याप्त संख्या में मामले हैं तथा वहां सामुदायिक स्तर पर संक्रमण भी फैल रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण

महज दो आंकड़े पूरी कहानी बयां कर देते हैं: भारत की 1.3 अरब आबादी का 65 प्रतिशत हिस्सा गांवों में है और ‘हाऊ इंडिया लिव्स’ वेबसाइट के मुताबिक देश में 714 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आये हैं, जिससे 94.76 प्रतिशत आबादी खतरे का सामना कर रही है।

विशेषज्ञों के एक समूह ने हाल ही में कहा था, ‘छोटे शहरों और कस्बों के साथ-साथ गांवों से कोविड-19 के मामले आने बढ़ रहे हैं। सीरो-सर्वे में यह खुलासा हुआ कि यह महामारी देश के ज्यादातर हिस्सों में फैल गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार सामुदायिक स्तर हो रहा है।’

इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव ऐंड सोशल मेडिसीन तथा इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपीडेमियोलॉजिस्ट्स ने भी यह चिंता जताई है कि छह महीने बाद भी लोगों में सामाजिक बदनामी, डर और भेदभाव की भावना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों से अधिक संख्या में संक्रमण के मामले आ रहे हैं।’

इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ग्रामीण भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित होने का डर है। ऐसा होगा तो रिकवरी को बड़ा झटका लग सकता है।

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त महीने में कोविड 19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की बात करें तो इनमें 26 जिले ग्रामीण क्षेत्रों के थे। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के ग्रामीण इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

ग्रामीण भारत का संकट

इस सच्चाई से भी आंखें नहीं मूंदी जा सकती हैं कि भारत के गांवों और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में बड़े शहरों की तरह अस्पताल एवं प्रयोगशालाओं की सुविधाएं नहीं हैं। विशेषज्ञों ने और अधिक आंकड़ों की जरूरत पर भी जोर दिया है।

अशोका यूनिवर्सिटी के भौतिकी एवं जीवविज्ञान विभाग के प्राध्यापक गौतम मेनन ने ग्रामीण क्षेत्रों पर चर्चा करते हुए कहा, ‘विस्तृत रूप से तुलना करने के लिये अभी भी पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं लेकिन सुनी-सुनाई रिपोर्टों से यह पता चलता है कि जांच की संख्या सीमित है और पर्याप्त रूप से अच्छी भी नहीं है।’

चेन्नई के गणित विज्ञान संस्थान के प्राध्यापक सीताभ्र सिन्हा ने कहा, ‘अभी, ज्यादातर इलाजरत मरीज महानगरीय इलाकों और उसके आसपास में केंद्रित हैं।’

उन्होंने आगाह किया कि ओडिशा जैसे राज्यों में अगले कुछ सप्ताह में मामलों के बढ़ने की दर यदि नहीं थमी तो वहां एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। भुवनेश्वर में एक अधिकारी ने कहा कि पूर्वी राज्यों में इस महामारी से अधिक खतरा है क्योंकि वहां 75 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। शहरों की तुलना में गांवों में संक्रमण की दर अधिक होना स्वाभाविक है।

अप्रैल के अंत तक संक्रमण मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों तक सीमित था लेकिन प्रवासी श्रमिकों के सूरत, मुंबई और दिल्ली से अपने घर लौटने के बाद यह महामारी ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच गई। पश्चिम बंगाल में भी प्रवासियों के लौटने के साथ कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह दावा किया। उन्होंने कहा, ‘इससे संक्रमण सामुदायिक चरण में पहुंच गया।’

दक्षिण भारत में तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव डॉ जे राधाकृष्णन ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को क्रिकेट का ‘टेस्ट मैच’ जैसा बताया। उन्होंने कहा, ‘हम जितनी तत्परता से जांच करेंगे उतनी अधिक संख्या में मामले सामने आएंगे। राज्य में प्रतिदिन करीब 76,500 आरटी पीसीआर जांच की जा रही।’

देश में महामारी से सवार्धिक प्रभावित राज्यों में शामिल महाराष्ट्र में लॉकडाउन के पांचवें महीने की समाप्ति तक राज्य के ग्रामीण इलाकों में नये मामलों और इस महामारी से होने वाली मौत में वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में 26 अगस्त तक 7,03,823 मामले थे, जिनमें से 5,07,022 (72.03 प्रतिशत) नगर निगम क्षेत्रों (शहरी क्षेत्रों) से थे। इसी तरह, 22,794 मौतें में 76.43 प्रतिशत नगर निगम क्षेत्रों में हुई थी। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। काफी संख्या में लोगों के गांवों की यात्रा करने के चलते वहां भी संक्रमण फैल रहा है और अब कहीं अधिक संख्या में मौतें हो रही हैं।’

आंध्र प्रदेश के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हाल के सप्ताहों में कोविड-19 के 40 प्रतिशत मामले ग्रामीण क्षेत्रों से आये हैं। राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त के. भास्कर ने कहा, ‘हम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी ढांचा बेहतर कर रहे हैं ताकि वहां ऑक्सीजन सिलेंडर आदि की व्यवस्था हो और मरीजों की संख्या बढ़ने पर भी उन्हें इलाज उपलब्ध हो सके।’

मध्य प्रदेश में अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि वायरस राज्य के 52 में से 51 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पैर पसार चुका हे। गुजरात में 97,000 से अधिक मामले केवल सात मुख्य शहरों से सामने आये हैं। गोवा में 50 प्रतिशत मामले ग्रामीण इलाकों से हैं।

हालांकि, उत्तर प्रदेश में अधिकारियों ने कहा कि संक्रमण अभी भी शहर केंद्रित है। निगरानी टीमें और ग्राम निगरानी समिति को सतर्क कर दिया गया है तथा अधिकतम संख्या में जांच करने और संक्रमित मरीजों के संपर्क में आये लोगों का पता लगाने की रणनीति के साथ काम किया जा रहा है।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ

Coronavirus
COVID-19
Corona in Rural Area
Rural india
health care facilities
Indian Public Health Association
Fight Against CoronaVirus

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • CARTOON
    आज का कार्टून
    प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?
    27 Apr 2022
    मुख्यमंत्रियों संग संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर टैक्स कम करने की बात कही।
  • JAHANGEERPURI
    नाज़मा ख़ान
    जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी
    27 Apr 2022
    अकबरी को देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं था न ही ये विश्वास कि सब ठीक हो जाएगा और न ही ये कि मैं उनको मुआवज़ा दिलाने की हैसियत रखती हूं। मुझे उनकी डबडबाई आँखों से नज़र चुरा कर चले जाना था।
  • बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    27 Apr 2022
    वाहनों में महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से निर्भया सेफ्टी मॉडल तैयार किया गया है। इस ख़ास मॉडल से सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
  • श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    प्रभात पटनायक
    श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    27 Apr 2022
    श्रीलंका के संकट की सारी की सारी व्याख्याओं की समस्या यह है कि उनमें, श्रीलंका के संकट को भड़काने में नवउदारवाद की भूमिका को पूरी तरह से अनदेखा ही कर दिया जाता है।
  • israel
    एम के भद्रकुमार
    अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात
    27 Apr 2022
    रविवार को इज़राइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ जो बाइडेन की फोन पर हुई बातचीत के गहरे मायने हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License