NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
ग़रीब जनता के लिए राशन, काम और नक़दी की मांग को लेकर सीपीएम का देशव्यापी प्रदर्शन
“सरकार एक तरफ ग़रीबों को मार रही है, वहीं दूसरी तरफ देश की संपत्ति को निजीकरण के माध्यम से लुटा रही है। भाषण में तो आत्मनिर्भर भारत की बात बोल रही है लेकिन हक़ीक़त में वो इसके उलट काम कर रही है।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Jun 2020
देशव्यापी प्रदर्शन

आज 16 जून को सरकारी नीतियों के ख़िलाफ़ देशव्यापी प्रदर्शन किया गया। इसे अखिल भारतीय विरोध दिवस के रूप में मनाया गया। इस प्रदर्शन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की सभी ईकाइयों ने हिस्सा लिया। साथ ही मास्क और शारीरिक दूरी जैसे नियमों का भी पालन किया गया।

दिल्ली में इस प्रदर्शन का नेतृत्व खुद सीपीएम महासचिव सीतराम येचुरी ने किया। वो अपने अन्य राष्ट्रीय नेताओं के साथ दिल्ली में सीपीएम मुख्यालय के सामने हाथों में पोस्टर लेकर खड़े हुए और नारे लगते हुए अपना विरोध जताया।

मीडिया को संबोधित करते हुए येचुरी ने कहा कि आज सीपीएम पूरे देश में सरकार की ग़लत नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही है। आज हमारे देश के गोदामों में राशन भरा हुआ है लेकिन लोग आज भी भूख से मर रहे है। इसी तरह सरकार के गलत नीतियों के कारण करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया है, सरकार को उनकी तुरंत आर्थिक मदद करनी चाहिए।

sitaram.jpg

आगे उन्होंने कहा सरकार एक तरफ ग़रीबों को मार रही है वहीं दूसरी तरफ देश की संपत्ति को निजीकरण के माध्यम से लुटा रही है। भाषण में तो आत्मनिर्भर भारत की बात बोल रही है लेकिन हक़ीक़त में वो इसके उलट काम कर रही है। आज जब इस लॉकडाउन में 15 करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए हैं, सरकार उनकी ज़िंदगियों के बारे में सोचने के बजाय रोज़ाना पेट्रोल डीजल पर टैक्स बढ़ाकर अपना खजाना भर रही है।

सीताराम येचुरी ने कहा कि हम अपनी मांगों को लकेर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी लिख चुके है। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, अब सड़कों पर उतरने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बच गया है। इसलिए आज सीपीएम के सभी कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

इसे पढ़ें : मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ आज देशव्यापी विरोध दिवस

दिल्ली एनसीआर में हज़ारों की संख्या में सीपीएम कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन

दिल्ली, नोएडा और ग़ाज़ियाबाद में माकपा की विभिन्न इकाइयों ने प्रदर्शन किया। सभी ने राष्ट्रीय स्तर पे रखी गई चारों मांग के साथ ही दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामले और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का भी मुद्दा उठाया। इस प्रदर्शन में डीयू के शिक्षकों और छात्रों ने भी दिल्ली विश्वविद्यालयमेट्रो के पास हाथो में पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

83445094_1516973108474364_4189141318814370642_o.jpg

राजस्थान में विरोध प्रदर्शन के साथ ही राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा

सीपीएम के राष्ट्रीय आह्वान के तहत राजस्थान में भी प्रदर्शन हुआ। जिले के सभी उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन सहित जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन व आम सभा की गई। जिसमें मुख्य चार मांगों के साथ ही छह माह का बिजली बिल माफ करने की भी मांग की गई।

सभा को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव किशन पारीक ने कहा कि लॉकडाउन के कारण देश की गरीब जनता को भयंकर परेशानी का सामना करना पड़ा है। लेकिन केंद्र व राज्य सरकारों ने राहत पैकेज के नाम पर लीपापोती किए और सार्वजनिक क्षेत्र को भेजते अमीर घरानों को अरबों रुपये का टैक्स माफ किया है।

rajsthan_0.jpg

पूर्व विधायक पेमाराम ने कहा हम राज्य सरकार से 6 माह का बिजली बिल माफ करने की मांग कर चुके हैं लेकिन सरकार का ध्यान विधायकों की बाड़ा बंदी में है। उसको राजस्थान की आम जनता से कोई मतलब नहीं है। सभा को राम रतन बगड़िया, अब्दुल कयूम कुरैशी व अन्य नेताओं ने संबोधित करते हुए सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि मांग पत्र पर तुरंत ध्यान देकर जनता को राहत प्रदान करें अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा। किशन पारीक, पेमाराम, कयूम कुरैशी रामरतन बगड़िया ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

बिहार में भी विरोध प्रदर्शन, बेरोज़गारी के सवाल पर नीतीश सरकार को घेरा

पटना, छपरा, मधुबनी सहित बिहार के तमाम जिलों में सीपीएम ने विरोध प्रदर्शन किया। पटना में सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश सिंह ने कहा कि आज बिहार में लोगो त्रस्त है लेकिन मुख्यमंत्री को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बिहार में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और अभी मज़दूर बहार से आ रहे हैं लेकिन सरकार ने क्वारंटीन सेंटर को बंद कर दिया। अभी कम से कम 30 जून तक क्वारंटीन सेंटर चलाने की जरूरत हैं। सरकार ने अपने भ्र्ष्टाचार को छुपाने के लिए इन्हे बंद किया।

bihar.jpg

आगे उन्होंने कहा राज्य में बड़ी संख्या में मज़दूर वापस आये हैं लेकिन सरकार उनके लिए किसी भी प्रकार का रोजगार की व्यवस्था नहीं कर रही है।

झारखंड : एक तरफ मज़दूर परेशान, दूसरी तरफ़ सरकार जश्न मना रही है!

सीपीएम ने झारखंड में भी विरोध प्रदर्शन किया। सीपीएम के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव ने कहा कि देश मे रोजी-रोटी के बढ़ रहे संकट ने गरीबों को भारी परेशानियों मे डाल दिया है। मोदी सरकार कोरोना महामारी की स्थिति से निपटने में पूरी तरह विफल साबित होने के बाद अब केवल बयान और संदेश जारी कर रही है। दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर और हमारी जनता के विशाल बहुमत पर भारी मुसीबतों का बोझ डाल कर केंद्र की भाजपा सरकार मोदी- 2 सरकार के एक वर्ष पूरा होने का जश्न मना रही है और अमित शाह "वर्चुअल" रैली के माध्यम से चुनाव प्रचार कर गरीबों के जख्म पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।

विप्लव ने कहा कि अब कोरोना संक्रमण के मामले में भारत चौथे नंबर पर आ गया है और देश में दहशत का माहौल बनता जा रहा है। इस स्थिति के लिए पूरी तरह केंद्रीय सरकार जिम्मेवार है।

इसी तरह देश के अन्य राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और बंगाल में भी मज़दूरों ने जोरदरा प्रदर्शन किया। सभी ने प्रमुख रूप से निम्नलिखित चार मांगों पर ही जोर दिया। .

1 तुरंत 7500 रुपये अगले 6 महीने तक उन परिवारों को दिया जाएं, जो आयकर की सीमा में नहीं आते।

2 . सरकारी गोदामों में करोड़ों किलोग्राम अनाज सड़ रहा है। उसे चूहे खा रहे हैं, लेकिन सरकार ग़रीबों में इसे नहीं बांट रही है। तत्काल 10 किलोग्राम अनाज अगले 6 महीने तक हर ज़रूरतमंद व्यक्तियों को दिया जाए।

3 . बड़े पैमाने पर प्रवासी मज़दूर अपने घर पहुंचे हैं। ग्रामीण इलाक़ों में 200 वर्किंग दिन उन लोगों को मनरेगा के तहत काम दिए जाएं। इसके लिए सरकार तत्काल फंड आवंटित करे। शहरी इलाक़ों में भी रोज़गार की व्यवस्था की जाए। लॉकडाउन के बाद 15 करोड़ लोग बेरोज़गार हुए हैं. उन लोगों को बेरोज़गारी भत्ता दिया जाए।

4. हमारी राष्ट्रीय संपत्ति की लूट बंद कीजिए। निजीकरण की प्रक्रिया बंद कीजिए। श्रम क़ानूनों में बदलाव बंद कीजिए।

Nationwide Protest
CPM
Sitaram yechury
poverty
Hunger Crisis
Ration distribution
privatization
BJP
modi sarkar
Narendra modi

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • सत्यम कुमार
    उत्तराखंड : ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में बंद होते सरकारी स्कूल, RTE क़ानून की आड़ में निजी स्कूलों का बढ़ता कारोबार 
    28 Apr 2022
    उत्तराखंड राज्य में विद्यालयों की स्थिति के आंकड़े दिखाते हैं कि सरकारी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते विद्यार्थियों का नामांकन कम हो रहा है, और अंत में कम नामांकन के चलते स्कूल बंद…
  • प्रेम कुमार
    ‘जनता की भलाई’ के लिए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत क्यों नहीं लाते मोदीजी!
    28 Apr 2022
    अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाए जाते हैं तो कीमत में 30 से 40 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो जाएगी। जनता केंद्र और राज्यों के दोहरे कराधान से भी बच जाएगी। जनता की भलाई के लिए बीजेपी की सरकार…
  • वी. श्रीधर
    एलआईसी की आईपीओ: बड़े पैमाने का घोटाला
    28 Apr 2022
    एलआईसी को लिस्टेड करने की इस बेबुनियाद हड़बड़ी में दिग्गज "निवेशकों" के पैसे बनाने की सनक को बढ़ावा देते हुए लोगों के हितों की भयानक अनदेखी नज़र आती है। आईपीओ की क़ीमत से यह संकेत मिलता है कि यह शायद…
  • सुभाष गाताडे
    दलित जननेता जिग्नेश को क्यों प्रताड़ित कर रही है भाजपा? 
    28 Apr 2022
    ‘क्या अपने राजनीतिक आकाओं के फायदे के लिए एक जननेता को प्रताड़ित और आतंकित किया जा रहा है’?
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर में एक आर्मी-संचालित स्कूल की ओर से कर्मचारियों को हिजाब न पहनने के निर्देश
    28 Apr 2022
    पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने भाजपा पर महिलाओं की आजादी पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License