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भारत
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ईआईए का मसौदा 22 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित नहीं करने पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा
याचिका में पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) की अधिसूचना 2020 का मसौदा 30 जून से 10 दिन के भीतर संविधान की आठवीं अनुसूची की सभी 22 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित करने के न्यायिक आदेश की कथित तौर पर “जानबूझकर की गई अवज्ञा” के लिए उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
भाषा
11 Aug 2020
कोर्ट

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब मांगा।

याचिका में पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) की अधिसूचना 2020 का मसौदा 30 जून से 10 दिन के भीतर संविधान की आठवीं अनुसूची की सभी 22 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित करने के न्यायिक आदेश की कथित तौर पर “जानबूझकर की गई अवज्ञा” के लिए उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने पर्यावरण मंत्रालय को नोटिस जारी किया जिसे उच्च न्यायालय ने 30 जून को निर्देश दिया था कि वह 10 दिन के भीतर ईआईए 2020 का मसौदा सभी 22 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित करना सुनिश्चित करे। साथ ही उन्होंने मंत्रालय से अवमानना की याचिका पर 17 अगस्त तक जवाब मांगा है।

यह आदेश पर्यावरण संरक्षणविद् विक्रांत तोंगड़ की याचिका पर आया है जिन्होंने मंत्रालय पर ‘‘जानबूझ कर अवज्ञा एवं उल्लंघन” करने का आरोप लगाया क्योंकि इसने न तो ईआईए मसौदे का अनुदित संस्करण प्रकाशित किया है न ही ऐसा करने के लिए अदालत से और समय मांगा है।

तोंगड़ की ओर से पेश हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने 30 जून के आदेश में, मसौदा ईआईए के प्रति आपत्ति जताने या टिप्पणी करने के लिए 11 अगस्त तक यह तिथि बढ़ा दी थी और इस मकसद के लिए उसने मंत्रालय से अनुदित संस्करण प्रकाशित करने को कहा था ताकि जनता इसपर प्रतिक्रिया दे सके।

उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने 20 जून के आदेश में कहा था कि सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया जिसके लिए मसौदा अधिसूचना प्रकाशित की गई उसके दूरगामी परिणामों को देखते हुए, “हमारा यह मत है कि यह प्रस्तावित अधिसूचना के प्रभावी प्रसार में मददगार साबित होगा अगर इसकी अन्य भाषाओं में अनुवाद की व्यवस्था की जाए कम से कम संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लेखित भाषाओं में।’’

इसने कहा था कि अनुवाद का कार्य केंद्र खुद या जहां संभव हो वहां राज्य सरकारों के सहयोग से करवा सकता है।

अदालत ने कहा था, “ऐसा अनुवाद आज से 10 दिन के भीतर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की वेबसाइट के साथ-साथ सभी राज्यों के पर्यावरण मंत्रालयों की वेबसाइट तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से प्रकाशित होना चाहिए।”

EIA
Environmental impact assessment
Delhi High court
indian Indian languages

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