NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
न्यायालय ने राज्यों से कहा : क्या लोगों को प्रदूषण की वजह से इसी तरह मरने देंगे
‘‘क्या आप 100 साल पीछे जाने की इजाजत दे सकते हैं। यह पूरी अव्यवस्था और देश में सरकारी तंत्र की पूरी नाकामी होगी।’ 
भाषा
07 Nov 2019
SC
Image courtesy:newsgram

नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने पराली जलाए जाने से दिल्ली-एनसीआर में हो रहे वायु प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहने को लेकर बुधवार को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ‘‘क्या आप लोगों को इसी तरह से मरने देंगे।’’

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘क्या आप 100 साल पीछे जाने की इजाजत दे सकते हैं। यह पूरी अव्यवस्था और देश में सरकारी तंत्र की पूरी नाकामी होगी।’

पीठ ने पराली जलाए जाने पर रोक लगाने में विफल रहने के लिये तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों को फटकार लगाते हुए कहा कि वह अब और इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती और ‘‘इस स्थिति के लिये जिम्मेदार एक भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।’’

पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की दलील को स्वीकार नहीं किया।

वेणुगोपाल ने कहा कि किसान पराली जलाना बंद करने के प्रति अनिच्छुक हैं और उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है क्योंकि इसे रोकने से उनकी आजीविका प्रभावित होगी।

वेणुगोपाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों को ज़ोन में विभाजित किया जा सकता है और एक विशेष दिन में किसी खास क्षेत्र में पराली जलाने की अनुमति दी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि इन राज्यों में पराली जलाए जाने से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 44 प्रतिशत प्रदूषण होता है।   

पीठ ने पूछा, ‘‘लेकिन पराली क्यों जलाया जाए। सरकारी तंत्र इसे क्यों नहीं रोक सकता? क्या पराली जलाया जाना एकमात्र समाधान है? सरकार इसे क्यों नहीं इकट्ठा कर सकती या खरीद नहीं सकती है?’’   

पीठ ने कहा, ‘‘सरकार का कहना है कि पराली जलाना एकमात्र समाधान है। हम देश में इसकी अनुमति नहीं दे सकते। हम एक सभ्य देश में हैं।’’

Supreme Court
Air Pollution
stubble burning
Delhi-NCR
Haryana
punjab

Related Stories

वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

विश्व जल दिवस : ग्राउंड वाटर की अनदेखी करती दुनिया और भारत

जलसंकट की ओर बढ़ते पंजाब में, पानी क्यों नहीं है चुनावी मुद्दा?

जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

हर नागरिक को स्वच्छ हवा का अधिकार सुनिश्चित करे सरकार

वायु प्रदूषण: दिल्ली में स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय 29 नवंबर से फिर खुलेंगे

दिल्ली ही नहीं गुरुग्राम में भी बढ़ते प्रदूषण से सांसों पर संकट

जानलेवा दिल्ली की हवा, 75 प्रतिशत बच्चों को सांस लेने में परेशानी

वायु प्रदूषण पर WHO ने जारी किए नए दिशानिर्देश, कब अलार्म बेल सुनेगा भारत?


बाकी खबरें

  • प्रियंका शंकर
    रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच, नॉर्वे में नाटो का सैन्य अभ्यास कितना महत्वपूर्ण?
    19 Mar 2022
    हालांकि यूक्रेन में युद्ध जारी है, और नाटो ने नॉर्वे में बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है, जो अभ्यास ठंडे इलाके में नाटो सैनिकों के युद्ध कौशल और नॉर्वे के सैन्य सुदृढीकरण के प्रबंधन की जांच करने के…
  • हर्षवर्धन
    क्रांतिदूत अज़ीमुल्ला जिन्होंने 'मादरे वतन भारत की जय' का नारा बुलंद किया था
    19 Mar 2022
    अज़ीमुल्ला ख़ान की 1857 के विद्रोह में भूमिका मात्र सैन्य और राजनीतिक मामलों तक ही सिमित नहीं थी, वो उस विद्रोह के एक महत्वपूर्ण विचारक भी थे।
  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्ट: महंगाई-बेरोजगारी पर भारी पड़ी ‘नमक पॉलिटिक्स’
    19 Mar 2022
    तारा को महंगाई परेशान कर रही है तो बेरोजगारी का दर्द भी सता रहा है। वह कहती हैं, "सिर्फ मुफ्त में मिलने वाले सरकारी नमक का हक अदा करने के लिए हमने भाजपा को वोट दिया है। सरकार हमें मुफ्त में चावल-दाल…
  • इंदिरा जयसिंह
    नारीवादी वकालत: स्वतंत्रता आंदोलन का दूसरा पहलू
    19 Mar 2022
    हो सकता है कि भारत में वकालत का पेशा एक ऐसी पितृसत्तात्मक संस्कृति में डूबा हुआ हो, जिसमें महिलाओं को बाहर रखा जाता है, लेकिन संवैधानिक अदालतें एक ऐसी जगह होने की गुंज़ाइश बनाती हैं, जहां क़ानून को…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मध्यप्रदेश विधानसभा निर्धारित समय से नौ दिन पहले स्थगित, उठे सवाल!
    19 Mar 2022
    मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र निर्धारित समय से नौ दिन पहले स्थगित कर दिया गया। माकपा ने इसके लिए शिवराज सरकार के साथ ही नेता प्रतिपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License