NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
कोविड-19 : भोपाल में विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में लाये जा रहे हैं बड़ी तादाद में शव
पिछले कुछ दिनों से यहां विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए लाये जाने वाले शवों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
भाषा
15 Apr 2021
कोविड-19 : भोपाल में विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में लाये जा रहे हैं बड़ी तादात में शव
Image courtesy : India Today

भोपाल (मध्यप्रदेश): कोविड-19 महामारी के कहर के बीच मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ने से भोपाल स्थित विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए जगह की कमी सहित कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले कुछ दिनों से यहां विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए लाये जाने वाले शवों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

यह जानकारी इन विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों का संचालनकर्ताओं से बुधवार को मिली है।

भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने बताया, ‘‘पिछले चार दिनों में हमने भदभदा विश्राम घाट में करीब 200 शवों का अंतिम संस्कार किया। इनमें से कई लोगों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया। अब हमने पास में ही दो एकड़ जमीन पर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।’’

भदभदा विश्राम घाट प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिन्दुओं के बड़े श्मशान घाटों में से एक है।

शर्मा ने कहा, ‘‘स्थिति इतनी खराब हो गई है कि कम से कम 58 शवों का दाह संस्कार मंगलवार को किया गया, जिनमें से 57 शवों का कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि बुधवार शाम तक 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।’’ शर्मा ने कहा कि भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति ने इस श्मशान के पास में ही दो एकड़ जमीन पर भी कोविड-19 के मुताबिक अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने विश्राम घाट से लगे खुले जगह पर 30 अतिरिक्त चितास्थल बनाकर उन पर अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है। अगले दो-तीन दिनों में इस श्मशान घाट से लगे अन्य जमीन पर 20 और चितास्थल बनाएंगे।’’ शर्मा ने बताया कि पहले भदभदा विश्राम घाट पर 20 से 22 चितास्थल थे, जिन पर शवों के अंतिम संस्कार किया जाता था।

उन्होंने कहा, ‘‘भदभदा विश्राम घाट में शवों की बढ़ती तादात को देखते हुए हम मृतकों के परिजन को कह रहे हैं कि वे दाह संस्कार के अगले दिन ही अस्थियां ले जाएं।’’ वहीं, शहर के सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज सुखवानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके विश्राम घाट में पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन 40 से अधिक शव अंतिम संस्कार के लिए लाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम विश्राम घाट के एक पार्क को भी चितास्थल के रूप में उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि हमारे पास इन शवों के दाह संस्कार के लिए जगह की कमी हो गई है।

सुखवानी ने बताया कि बुधवार दोपहर तक इस विश्राम घाट में 34 शव लाये जा चुके हैं। इनमें से 16-17 शवों का कोविड-19 के मुताबिक अंतिम संस्कार किया गया है।

ऐसी ही स्थित भोपाल के कब्रिस्तानों में भी बनी हुई है।

कब्रिस्तान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रेहान गोल्डन ने बताया, ‘‘स्थित बहुत खराब है। प्रतिदन औसतन हमारे कब्रिस्तान में सात से आठ शव दफनाने के लिए आ रहे हैं। इनमें से कुछ का कोविड-19 के प्रोटोकोल के मुताबिक दफनाया जा रहा है।’’ हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल में नौ अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच में कोविड-19 से 10 लोगों की मौत हुई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब एक टेलीविजन चैनल द्वारा सवाल किया गया कि सरकारी आंकड़ों एवं शवों में इतना अंतर क्यों आ रहा है, तो इसके जवाब में उन्होंने इस चैनल पर कहा कि यह अंतर इसलिए आ रहा है, क्योंकि संदेहास्पद कोविड मरीज के मरने पर उसका अंतिम संस्कार भी कोविड-19 के प्रोटोकोल के मुताबिक किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि लोग अन्य रोगों से भी मर रहे हैं।

COVID-19
Coronavirus
Bhopal
Corona Deaths
Corona in Maharastra

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License