NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
विज्ञान
कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है, इससे ख़तरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है : विशेषज्ञ
डीवीटी एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर के अंदर स्थित नाड़ियों में रक्त थक्का जम जाता है। आर्टेरियल थ्रोम्बोसिस धमनियों में थक्का जमने से जुड़ा हुआ है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 May 2021
कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है, इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है : विशेषज्ञ

नयी दिल्ली: देशभर में कोविड-19 माहमारी  लहर का प्रकोप जारी है।  इस बिच कई नए अध्ययन सामने आ रहे है जो इसके बदलते स्वरूपों के बारे में बता रहे है। ऐसे ही एक नए अध्ययन में कहा गया है कि  कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है जैसा कि पहले की अवधारणा थी, बल्कि इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है जिसे तुरंत हटाने की जरूरत होगी ताकि कुछ मामलों में अंगों को बचाया जा सके। यह बात विशेषज्ञों ने कही है।

वैश्विक स्तर पर किए गए शोध में बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के 14 से 28 फीसदी रोगियों में रक्त थक्का जमने की बात सामने आई है जिसे ‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’ (डीवीटी) के नाम से जाना जाता है। वहीं दो से पांच फीसदी रोगियों में आर्टेरियल थ्रोम्बोसिस का मामला सामने आया।

विशेषज्ञों ने बताया कि संक्रमण फेफड़े के साथ रक्त कोशिकाओं से भी जुड़ा हुआ है।

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के वाहिका एवं अंत:वाहिका सर्जन डॉ. अंबरीश सात्विक ने कहा, ‘‘हम औसतन हर हफ्ते इस तरह के पांच-छह मामलों को देख रहे हैं। इस हफ्ते प्रतिदिन इस तरह का एक मामला सामने आ रहा है।’’

दक्षिण पश्चिम द्वारका के आकाश हेल्थकेयर में हृदय विभाग के डॉ. अमरीश कुमार ने कहा कि कोविड-19 के ऐसे रोगियों में रक्त थक्का जमने का मामला आ रहा है जिनमें टाईप-टू मधुमेह मिलेटस है, हालांकि निश्चित कारण अभी तक पता नहीं चला है।

डीवीटी एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर के अंदर स्थित नाड़ियों में रक्त थक्का जम जाता है। आर्टेरियल थ्रोम्बोसिस धमनियों में थक्का जमने से जुड़ा हुआ है।

सात्विक ने इस हफ्ते की शुरुआत में ट्वीट कर कोविड-19 का रक्त थक्का बनने से संबंध की तरफ ध्यान आकर्षित किया था, जिसमें उन्होंने कोविड-19 से पीड़ित एक रोगी के अंग की धमनी में बने रक्त थक्के की तस्वीर पोस्ट की थी।

सात्विक ने पांच मई को कहा, ‘‘कोविड थक्का कैसा दिखता है। कोविड रक्त थक्का उत्पन्न करता है। कोविड में धमनी में थक्का जमने के कारण दिल का दौरा पड़ना, पक्षाघात या शरीर के अंगों का काम नहीं करना दो से पांच फीसदी तक होता है। हमने एक कोविड रोगी के अंग की धमनियों से इन्हें बाहर निकाला। हम उसका अंग बचाने में सफल रहे।’’

पिछले वर्ष नवंबर में लांसेट पत्रिका में छपे अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध से पता चलता है कि कोविड-19 और थ्रम्बोइंबोलिज्म (टीई) के बीच काफी संबंध है। रक्त थक्का जमने के कारण रक्त कोशिका का बाधित होना ही थ्रम्बोइंबोलिज्म कहा जाता है।

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि कोविड-19 में टीई दर ज्यादा है और इसमें मौत होने का ज्यादा खतरा होता है।

सात्विक ने कहा, ‘‘हम एक वर्ष से ज्यादा समय से कोविड-19 के पैथोफिजियोलॉजी को समझ रहे हैं। जब यह चीन और पश्चिमी देशों में फैला तो इसे वायरल न्यूमोनिया माना गया। कोविड के गंभीर मामलों को एक्यूट रेसपिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) बताया गया, जिस कारण दम घुट जाता है।’’

बहरहाल, कोविड रोगियों के लगातार अंत्यपरीक्षण और उनके फेफड़ों के विश्लेषण से पता चला कि डॉक्टर जो समझ रहे थे वह सिर्फ एआरडीएस नहीं था।

उन्होंने कहा कि उन्हें फेफड़ों की सूक्ष्म नलिकाओं में रक्त थक्के मिले। फिर यह समझा गया कि कोविड जितना फेफड़े की बीमारी है उतना ही वह रक्त कोशिकाओं की बीमारी भी है।

इन नए अध्ययनों के बिच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज शनिवार, 8 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में लगातार तीसरे दिन भी 4 लाख से ज़्यादा यानि 4,01,078 नए मामले दर्ज किए गए है। इसके अलावा कोरोना से एक दिन में सबसे ज्यादा 4,187 मरीज़ों की मौत हुई है। साथ ही इसी बीच देश भर में कोरोना से पीड़ित 3,18,609 मरीज़ों को ठीक किया गया है। और एक्टिव मामलों में 78,282 मामलों की बढ़ोतरी हुई है।

देश में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 2 करोड़ 18 लाख 92 हज़ार 676 हो गयी है। जिनमें से अब तक 2 लाख 38 हज़ार 270 लोग अपनी जान गवा चुके है। देश में कोरोना से पीड़ित 81.90 फ़ीसदी यानि 1 करोड़ 79 लाख 30 हज़ार 960 मरीज़ों को ठीक किया जा चुका है। और एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 37 लाख 23 हज़ार 446 हो गयी है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

Coronavirus
COVID-19
lungs
Deep vein thrombosis

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • अनिंदा डे
    मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी
    28 Apr 2022
    मरीन ले पेन को 2017 के चुनावों में मिले मतों में तीन मिलियन मत और जुड़ गए हैं, जो  दर्शाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद धुर-दक्षिणपंथी फिर से सत्ता के कितने क़रीब आ गए थे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे
    28 Apr 2022
    महामारी के भयंकर प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर 100 दिन की 'कोविड ड्यूटी' पूरा करने वाले कर्मचारियों को 'पक्की नौकरी' की बात कही थी। आज के प्रदर्शन में मौजूद सभी कर्मचारियों…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज 3 हज़ार से भी ज्यादा नए मामले सामने आए 
    28 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,303 नए मामले सामने आए हैं | देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 16 हज़ार 980 हो गयी है।
  • aaj hi baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    न्यायिक हस्तक्षेप से रुड़की में धर्म संसद रद्द और जिग्नेश मेवानी पर केस दर केस
    28 Apr 2022
    न्यायपालिका संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में जरूरी हस्तक्षेप करे तो लोकतंत्र पर मंडराते गंभीर खतरों से देश और उसके संविधान को बचाना कठिन नही है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित धर्म-संसदो के…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान
    28 Apr 2022
    आजकल भारत की राजनीति में तीन ही विषय महत्वपूर्ण हैं, या कहें कि महत्वपूर्ण बना दिए गए हैं- जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र। रात-दिन इन्हीं की चर्चा है, प्राइम टाइम बहस है। इन तीनों पर ही मुकुल सरल ने…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License