NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
अंतरराष्ट्रीय
टीकों की कमी के बीच ईरान में कोविड-19 से संबंधित मौत के मामलों में वृद्धि
ईरान वर्तमान में कोरोना वायरस महामारी की पांचवीं लहर का सामना कर रहा है। ज़्यादातर मामले डेल्टा वैरिएंट के हैं।
पीपल्स डिस्पैच
23 Aug 2021
टीकों की कमी के बीच ईरान में कोविड-19 से संबंधित मौत के मामलों में वृद्धि

पर्याप्त टीकों की कमी के बीच ईरान COVID-19 महामारी की सबसे घातक पांचवीं लहर का सामना कर रहा है। रविवार 22 अगस्त को यहां 684 नए मौत के मामले सामने आए जो पिछले साल मार्च महीने में देश में महामारी फैलने के बाद से सबसे अधिक है।

ईरान इस साल अप्रैल के पहले सप्ताह से नए मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज कर रहा है जहां इसके मामले प्रतिदिन 10,000 से अधिक दर्ज किए जा रहे हैं। नए संक्रमणों की संख्या (24,000) जल्द ही दोगुनी हो गई। पिछले साल दिसंबर उच्चतम संख्या (11,500) में दर्ज की गई थी। संक्रमण की दर मई और जून तक धीमी रही लेकिन जल्द ही जुलाई में बढ़ने लगी। 17 अगस्त को नए संक्रमणों की संख्या 50,000 अंक को पार कर गई। हालांकि तब से इसमें कमी आई है, फिर भी यह संख्या प्रतिदिन 35,000 नए मामलों से ऊपर बनी हुई है। इस बीच, इस देश में अगस्त की शुरुआत के बाद से मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है जहां औसतन रोजाना मृत्यु दर 500 से ऊपर है।

ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ईरान में रविवार तक COVID-19 संक्रमण के कुल 4,677,114 मामले दर्ज किए गए हैं और कुल मौतों की संख्या 102,038 के आंकड़े को पार कर गई है।

इस बीच, खुराक की कमी के कारण ईरान को अपने टीकाकरण कार्यक्रम में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ईरानी अधिकारियों ने दावा किया है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण देश को वैक्सीन आयात करने में कठिनाई हो रही है।

ईरान ने 9 फरवरी 2021 को ज्यादातर आयातित रूसी और चीनी टीकों का इस्तेमाल करके टीकाकरण शुरू किया था। जुलाई के दूसरे सप्ताह तक टीकाकरण की दर काफी कम थी। तब से मामला बढ़ गया है लेकिन फिर भी ईरान अब तक लगभग 20 मिलियन खुराक देने में सक्षम रहा है। देश में लगभग 5% आबादी को दोनों खुराक मिल चुकी है और लगभग 19% आबादी को कम से कम एक खुराक मिल चुकी है।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने रविवार को देश के राष्ट्रीय मुख्यालय में कोरोनोवायरस नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों से मुलाकात की और दावा किया कि उनकी सरकार टीकों के आयात में तेजी लाने और विभिन्न स्रोतों से हासिल करने के लिए कदम उठा रही है। ईरान के स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया कि वे मॉडर्न और फाइजर के साथ बातचीत कर रहे हैं और देश को सितंबर के अंत तक 30 मिलियन टीकों की खुराक मिल जाएगी।

COVID-19
IRAN
Covid-19 Vaccination

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License