NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
झारखंड: नहीं थम रहे महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध, फिर दो मासूमों के साथ बलात्कार!
राखी से ठीक पहले ही दो बहनों के कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद अब एक ही जिले से फिर दो मासूम नाबालिगों के साथ दुराचार का मामला सामने आया है। लगातार राज्य में बढ़ती महिलाओं के शोषण और उत्पीड़न की खबरों ने हेमंत सोरेन सरकार की कानून व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Aug 2020
महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध
Image Credit: Arpita Biswas/Feminism in India

झारखंड एक बार फिर दोहरे दुष्कर्म मामले को लेकर सुर्खियों में है। बंशीधर नगर में दो बहनों के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के बाद अब गढ़वा जिले में रक्षाबंधन के दिन दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुराचार का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तो वहीं राज्य में लगातार दुष्कर्म मामलों की बढ़ोत्तरी ने हेमंत सोरेन सरकार की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिये हैं।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहली घटना में पीड़ित एक 14 साल की बच्ची है। जिसका पहले अपहरण हुआ और बाद में दुष्कर्म का बात सामने आई। पुलिस ने लड़की के परिजनों की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक गढ़वा जिले के एसडीपीओ बहामान टूटी ने कहा कि जैसे ही पुलिस को इस मामले की सूचना मिली वैसे ही एक्शन लेते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि पीड़ित के घरवालों ने पहले लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट शहर थाने में दर्ज कराई थी। लेकिन बाद में बलात्कार का मामला सामने आया।

दूसरा मामला गढ़वा के डंडई थाना क्षेत्र का है। यहां भी एक नाबालिग, जोकि आठ साल की बच्ची है उसके साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक बच्ची को अकेला घर पर खेलता देख आरोपी ने उसके साथ ये हरकत की। पुलिस के मुकाबिक आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में है।

राखी से पहले भी दो बहनों के साथ हुआ था सामूहिक दुष्कर्म !

मालूम हो कि इससे पहले भी 29 जुलाई को बंशीधर नगर थाना क्षेत्र में यूपी की दो नाबालिग लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म की खबर सामने आई थी। जिसे लेकर प्रशासन की बहुत किरकिरी हुई थी। जिले के पुलिस अधीक्षक श्रीकांत सुरेश राव खोत्रे ने सोमवार 3 अगस्त को गरबांध रोड स्थित जंगल में पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण भी किया था। इस मामले में 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है लेकिन गिरफ्तारी के मामले में अब भी पुलिस के हाथ खाली हैं।

गौरतलब है कि दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार झारखंड में इस साल मई तक 716 बलात्कार के मामले सामने आए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा 169 केस मई में दर्ज किए गए हैं। वहीं लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक दुष्कर्म के 86 केस रांची में दर्ज किए गए हैं। सामान्य दिनों में जहां हर चार दिन पर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना होती थी, वहीं लॉकडाउन के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर हर ढाई दिन पर एक पहुंच गया।

पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता ऋचा सिंह का मानना है कि कोरोना काल में देश ही नहीं विदेशों में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। इस दौरान घरेलू हिंसा, बलात्कार, यौन उत्पीड़न के मामले लगभग दोगुना हो गए हैं।

ऋचा कहती हैं, “आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, आपदा के समय महिलाओं का खूब शोषण होता है। कई मामलों में आप को अपराधी पीड़ित के जानने वाले लोग ही मिलेंगे, क्योंकि हमारे समाज में औरतों के ऊपर गुस्सा, तनाव या किसी भी गलती के लिए दोष मढ़ने की परंपरा रही है। इससे पहले भी जहां आपदाएं आई हैं, ऐसी घटनाओं में अचानक इजाफा भी हुआ है। महामारी में लोग बेरोजगार हो गए हैं, उनके पास करने को काम नहीं है, खाने को खाना नहीं है। ऐसे में निराश आदमी के अंदर विकृत मानसिकता उत्पन्न होने लगती है। फिर क्या महिलाओं को ही सब कुछ झेलना है।”

झारखंड के मामले में ऋचा कहती हैं कि अगर आप बीते दिनों ज़रा भी खबरों पर नज़र बनाए हुए हैं तो आप आसानी से समझ जाएंगे की राज्य में कानून की क्या स्थिति है। आए दिन कोई न कोई प्रदेश के क्राइम से जुड़ी खबर आपको हेडलाइन में मिल ही जाएगी। ये केवल हेमंत सोरेन सरकार की बात नहीं है। अपराधी तो रघुवर दास सरकार में भी बेलगाम थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद स्थिति बदलने की उम्मीद थी, जिसमें फिलहाल निराशा ही हाथ लगी है।

Jharkhand
women safety
crimes against women
violence against women
exploitation of women

Related Stories

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

झारखंड: राज्य के युवा मांग रहे स्थानीय नीति और रोज़गार, सियासी दलों को वोट बैंक की दरकार

झारखंड : ‘भाषाई अतिक्रमण’ के खिलाफ सड़कों पर उतरा जनसैलाब, मगही-भोजपुरी-अंगिका को स्थानीय भाषा का दर्जा देने का किया विरोध

कोरोना काल में भी वेतन के लिए जूझते रहे डॉक्टरों ने चेन्नई में किया विरोध प्रदर्शन

‘बुल्ली बाई’: महिलाओं ने ‘ट्रोल’ करने के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License