NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
संकट : प्रधानमंत्री के भाषण के बाद खाने-पीने का सामान खरीदने के लिए देश भर में रही अफ़रातफ़री
21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद एनसीआर में कई जगह आलू 70 रुपये किलो तक बिका। गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश में खाद्य और अन्य आवाश्यक सामान की कोई कमी नहीं है, राज्य सरकार अफवाहें रोकने के लिए तुरंत ज़रूरी कदम उठाएं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Mar 2020
संकट
Image courtesy: The News Minute

दिल्ली : देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन (बंद) की प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद देश के कई हिस्सों से खाने-पीने के सामान को लेकर भगदड़ जैसी स्थिति बनने और बहुत जगह से कालाबाज़ारी की ख़बरें सामने आईं। सब्ज़ी और आटा-दाल-चावल जमा करने की लोगों में होड़ लग गई और कई जगह इन सामान की किल्लत भी पैदा हो गई। एनआरसी में ही कई जगह आलू तक 70 रुपये किलो तक बिक गया।

मंगलवार रात जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन ख़त्म हुआ हर जगह अफरा-तफरी सी मच गई। जो सड़कें सुबह से सूनसान पड़ी थीं वहां अचानक गाड़ियां और भीड़ उतर आई। हर कोई झोला उठाए सामान लेने भागा जा रहा था। दूध, ब्रेड, सब्जी, दाल-चीनी, आटा-चावल की सबसे ज़्यादा मांग थी और इस मांग को देखते हुए बहुत से दुकानदारों ने दाम भी बढ़ा दिए।

हालांकि बहुत से दुकानदारों ने संकट को समझते हुए एमआरपी से ही दाम वसूले और एक साथ बहुत अधिक सामान खरीदने से भी लोगों को रोका और बताया कि दुकान कल भी खुली रहेगी। फिर भी लोगों में 21 दिन के बंद को लेकर एक डर बैठ गया है। इसे के चलते सामान की कमी की अफवाहें भी हवा से भी तेज़ गति से उड़ने लगीं और लोगों को लगा कि पता नहीं कल सामान मिलेगा या नहीं या ये लॉकडाउन आगे कितने दिनों चलेगा, तो जो जितना संपन्न था उसने उतनी ही खरीदारी की।   

इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक सामान की कमी के बारे में फैल रही अफवाहों पर अंकुश लगाने की खातिर कदम उठाने के लिए कहा है।

सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को भेजे पत्र में मंत्रालय ने उनसे आशंकाओं को दूर करने और शांति एवं सामंजस्य बनाए रखने के लिए कार्रवाई करने तथा लोगों को खाद्य पदार्थ, दवाओं और अन्य आवश्यक सामान की उपलब्धता के बारे में सूचित करने के लिए कहा है।

मंत्रालय ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 (बंद के लिए) के तहत जारी आदेश के मद्देनजर खाद्य तथा अन्य आवश्यक सेवाओं एवं सामान के अभाव समेत अन्य अफवाहें फैलने की आशंका है।

पत्र में कहा गया है, ‘‘इस संदर्भ में यह आवश्यक है कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रशासन सभी उपलब्ध माध्यमों के जरिए यह प्रचारित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं कि खाद्य पदार्थ, मेडिकल और अन्य आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बरकरार रहेगी और देश में पर्याप्त सामान उपलब्ध हैं।’’

मंत्रालय ने मुख्य सचिवों और डीजीपी से देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी को रोकने के लिए 21 दिन की बंद की अवधि के दौरान उठाए जाने वाले कदमों पर जारी दिशा निर्देशों के प्रावधानों ओर सूचना का प्रचार करने का भी अनुरोध किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिन के बंद की घोषणा की थी।

मोदी की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी बंद लागू करने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए थे।

मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी कार्यालय, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के कार्यालय, स्वायत्त संस्थान, सार्वजनिक निगम, वाणिज्यिक, निजी, औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।

इनमें कहा गया है कि हालांकि उचित मूल्य की दुकानें और भोजन, किराने का सामान, फल, सब्जियां, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी।

दिशा निर्देशों के अनुसार, बैंक, बीमा कार्यालय, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुले रहेंगे। इसमें ई-कॉमर्स के जरिए खाद्य पदार्थ, दवाइयां, चिकित्सीय उपकरण मुहैया कराने को भी बंद से छूट है।

इसमें कहा गया है, ‘‘सभी प्राधिकारी यह संज्ञान में लें कि कड़ा प्रतिबंध लोगों की आवाजाही पर है न कि आवश्यक सामानों पर।’’

बाजार में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पर है सरकार की नजर: पासवान

कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा कि सरकार बाजार में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पर नजर बनाए हुए है। 

पासवान ने इस दौरान विनिर्माताओं और व्यापारियों को मुनाफाखोरी नहीं करने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है कि आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी न हो। 

पासवान ने ट्वीट किया, "सरकार कोरोना वायरस के खतरे से उत्पन्न स्थिति में तमाम आवश्यक वस्तुओं की बाजार में उपलब्धता पर लगातार नजर बनाए हुए है और सभी राज्य सरकारों के संपर्क में है ताकि कहीं भी किसी चीज की किल्लत न हो।"

साथ ही उन्होंने कहा, "सभी उत्पादकों और व्यापारियों से भी अपील है कि इस घड़ी में मुनाफाखोरी से बचें।"

इस बीच केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 23 मार्च को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को राशन की दुकानों से खाद्य सामग्री बांटने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से तीन महीने का खाद्यान्न उठाने की अनुमति दी थी।
 
आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए राज्यों में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देने जरूरी: एचयूएल

21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन के बीच एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बुधवार को कहा कि आवश्यक वस्तुओं के सुचारू परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए राज्यों में कानून लागू करने वाले अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देने की जरूरत है।

कंपनी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कारखानों को चलाने और माल के परिवहन में काफी कठिनाई हो रही है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, "सरकार ने खानपान, सब्जियों, किराने के सामान और दवाओं को बंद से बाहर रखने के लिए अनुमति दी है। हालांकि, राज्यों में आदेश के लागू करने वाले अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है ताकि इन आवश्यक वस्तुओं और इनकी आपूर्ति श्रृंखला को काम करने की इजाजत दी जाए।"

एचयूएल रोजमर्रे में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों जैसे साबुन, हैंड सेनिटाइजर, कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, फ्लोर क्लीनर, कीटाणुनाशक और अन्य खाद्य सामग्री की आपूर्ति करता है।

प्रवक्ता ने कहा, "हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा करना है। इस बेहद चुनौतीपूर्ण हालात में यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने उपभोक्ताओं की हैंडवाश, सैनिटाइजर, फ्लोर क्लीनर और स्वच्छता उत्पादों की मांग को पूरा करें।"

प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इन उत्पादों के निर्बाध उत्पादन और उसे बाजार में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
 
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Coronavirus
Lockdown
India Lockdown
Narendra modi
Panic bying
Buy food and drink

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब स्ट्रेन BA.4 और BA.5 का एक-एक मामला सामने आया

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई

कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत

कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 

कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 

देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, PM मोदी आज मुख्यमंत्रियों संग लेंगे बैठक


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License