NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
डीयू के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज (संध्या) के प्रिंसिपल मसरूर अहमद बेग पर साहित्यिक चोरी का आरोप
मसरूर अहमद बेग के खिलाफ साहित्यिक चोरी के आरोप को लेकर यूजीसी के चेयरपर्सन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर के पास शिकायत दर्ज की गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Jun 2020
ज़ाकिर हुसैन कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज (संध्या) के प्रिंसिपल मसरूर अहमद बेग पर  साहित्यक चोरी का आरोप लगा है। उन पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और यूजीसी के पूर्व चेयरपर्सन सुखदेव थोराट के कार्य और अध्ययनों को चोरी का आरोप है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडियन नेशनल टीचर कांग्रेस और डीयू के अकादमिक परिषद के सदस्यों ने यूजीसी को एक शिकायत भेजी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मसरूर अहमद बेग ने कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में पदोन्नत होने के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और यूजीसी के पूर्व चेयरपर्सन सुखदेव थोराट के कार्य और अध्ययनों को चोरी की थी। यह शिकायत 20 जून को दर्ज की गई थी।

बेग पर डॉ राखी गुप्ता और दिव्या गुप्ता चक्रवर्ती के भी पेपर चोरी करने की बात कही जा रही है।

UGC के नियम के अनुसार, प्रिंसिपल के पद पर चयन के लिए अभ्यर्थी को कम से कम 400 एपीआई स्कोर होना चाहिए। इंडियन नेशनल टीचर कांग्रेस में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बेग ने इस स्कोर तक पहुंचने के लिए अपने काम में हेरफेर करते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्ति पाने के लिए उल्लेख या क्रेडिट दिए बिना अन्य लेखकों के पूरे कामों की कॉपी की है। शिकायत पत्र में यह भी कहा गया है कि बेग ने ‘बेईमानी और धोखाधड़ी से’ ये अंक लिए हैं।

शिकायत पत्र के मुताबिक कि वर्ष 2015 में सुखदेव थोराट ने एमयू के प्रोफेसर मशकूर अहमद (सह लेखक) के साथ इस पेपर को तैयार किया था, जिसका शीर्षक था ‘अल्पसंख्यक और गरीबीः कुछ अल्पसंख्यक दूसरों की तुलना में अधिक गरीब क्यों हैं?’ बेग ने इसी पेपर को कॉपी किया और 2018 में ‘जरनल ऑफ सोशल इंक्लूजन स्टडीज’ में प्रकाशित किया, जहाँ इसका शीर्षक ‘बहुसंख्यकों के सन्दर्भ में भारतीय अल्पसंख्यकों की गरीबी का तुलनात्मक विश्लेषण’ कर दिया गया था।

इस मामले पर डीयू कॉलेजों के डीन बलराम पाणि ने पुष्टि की है कि विश्वविद्यालय को इस घटना के संबंध में शिकायत मिली थी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस मामले को देख रहा है और आवश्यक कार्रवाई करेगा।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुतबिक इसी तरह के आरोप दयाल सिंह संध्या कॉलेज के प्रिंसिपल पवन शर्मा पर लगे हैं। हालंकि जहाँ एक तरफ बेग ने अपना पक्ष नहीं रखा वही पवन शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए तमाम आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि उन्हें एक्सटेंशन मिलने वाला है। दयाल सिंह कॉलेज के गवर्निंग बॉडी ने इस पूर मामले पर तीन सदस्यीय जाँच कमेटी बनाई है।

आपको बता दें कि बेग 2015 में ज़ाकिर हुसैन कॉलेज (संध्या) के प्रिंसिपल बने और वर्तमान में वो ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कालेज यानि सुबह की शिफ़्ट के भी प्रिंसिपल ऑफिस का काम देख रहे हैं। इसे पहले वो ज़ाकिर हुसैन कॉलेज के ही सुबह की शिफ़्ट में प्रोफ़ेसर थे। इन्हे आरएसएस के करीब माना जाता है। ज़ाकिर हुसैन के एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें कई सीनियर प्रोफेसर से पहले तरजीह दी गई थी। जबकि उस समय कई अन्य प्रोफेसर भी थे जो इस पद के योग्य थे। 

Delhi University
Zakir Husain Delhi College Evening
Dr. Masroor Ahmad Beg
Plagiarism
UGC
Indian National Teachers Congress
DU VC

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

डीयू के छात्र धरने पर, हरियाणा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव और अन्य ख़बरें

'ऐश्वर्या ने आत्महत्या नहीं की, उन्हें सरकार के भ्रष्ट सिस्टम ने मारा है'

कार्टून क्लिक : 'वीर' तुम बढ़े चलो...

अपराध और विधान की नई परिभाषा गढ़ता देश!


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License