NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 May 2022
Ratan Lal

नयी दिल्ली/भाषा: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को जमानत दे दी। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में एक शिवलिंग मिलने के दावे को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी करने के लिए एक दिन पहले लाल को गिरफ्तार किया गया था।

अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।

लाल को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बिगाड़ने का कृत्य करना) और 295 ए (धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाना) के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था।     

दिल्ली के एक वकील की शिकायत के आधार पर मंगलवार रात लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। अधिवक्ता विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि लाल ने हाल में शिवलिंग के संबंध में एक अपमानजनक और भड़काऊ ट्वीट किया था। 

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, स्टूडेंट्स फेडरैशन ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर लाल की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय के बाहर प्रदर्शन किया।

छात्रों ने लाल की गिरफ़्तारी के खिलाफ मौरिस नगर साइबर पुलिस थाना के बाहर रात भर प्रदर्शन किया था। छात्रों का कहना है कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के नाम पर सरकार और पुलिस लाल को दलित कार्यकर्ता होने के कारण और सामाजिक मुद्दों पर सक्रियता के चलते उनको प्रताड़ित कर रही है।

आपको बता दें कि लाल को लगातार हिन्दुत्ववादी संघठनों से सम्बद्ध लोगों की ओर से सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था और उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियाँ मिल रहीं थीं। इसकी शिकायत उन्होंने मौरिस नगर पुलिस थाने में भी की थी।

(भाषा इनपुट के साथ)

Professor Ratan Lal Hanglu
Ratan Lal Bail
Delhi University
Gyanvapi Masjid

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

ज्ञानवापी मस्जिद की परछाई देश की राजनीति पर लगातार रहेगी?

बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?


बाकी खबरें

  • प्रेम कुमार
    ‘जनता की भलाई’ के लिए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत क्यों नहीं लाते मोदीजी!
    28 Apr 2022
    अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाए जाते हैं तो कीमत में 30 से 40 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो जाएगी। जनता केंद्र और राज्यों के दोहरे कराधान से भी बच जाएगी। जनता की भलाई के लिए बीजेपी की सरकार…
  • वी. श्रीधर
    एलआईसी की आईपीओ: बड़े पैमाने का घोटाला
    28 Apr 2022
    एलआईसी को लिस्टेड करने की इस बेबुनियाद हड़बड़ी में दिग्गज "निवेशकों" के पैसे बनाने की सनक को बढ़ावा देते हुए लोगों के हितों की भयानक अनदेखी नज़र आती है। आईपीओ की क़ीमत से यह संकेत मिलता है कि यह शायद…
  • सुभाष गाताडे
    दलित जननेता जिग्नेश को क्यों प्रताड़ित कर रही है भाजपा? 
    28 Apr 2022
    ‘क्या अपने राजनीतिक आकाओं के फायदे के लिए एक जननेता को प्रताड़ित और आतंकित किया जा रहा है’?
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर में एक आर्मी-संचालित स्कूल की ओर से कर्मचारियों को हिजाब न पहनने के निर्देश
    28 Apr 2022
    पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने भाजपा पर महिलाओं की आजादी पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है।
  • अनिंदा डे
    मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी
    28 Apr 2022
    मरीन ले पेन को 2017 के चुनावों में मिले मतों में तीन मिलियन मत और जुड़ गए हैं, जो  दर्शाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद धुर-दक्षिणपंथी फिर से सत्ता के कितने क़रीब आ गए थे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License