NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
भारत
राजनीति
राजस्थान: घोड़ी पर चढ़ने के कारण दलित दूल्हे पर पुलिस की मौजूदगी में हमला
राजस्थान की राजधानी जयपुर में दलित दूल्हे के घोड़ी पर चढ़ने को लेकर कथित उच्च जाति के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में हमला कर दिया। पुलिस ने दस लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Nov 2021
dalit
Image courtesy : The Indian Express

राजस्थान में दलितों पर हमले थम नहीं रहे हैं। जयपुर जिले में दलित दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने को लेकर कथित उच्च जाति के लोगों ने बारात पर हमला कर दिया जिसमें कई लोग घायल हो गए। दुल्हन के परिवार के सदस्यों ने कहा कि सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस की मौजूदगी के बावजूद पथराव हुआ। 

इस मामले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक घटना गुरुवार देर रात की है। ये घटना उस समय हुई जब घोड़ी पर सवार दलित दूल्हे की बारात जयपुर जिले के पावटा के कैरोड़ी गांव में दुल्हन के घर पहुंची थी। 

दुल्हन के पिता हरिपाल बलाई ने इंडियन एक्सप्रेस को कहा, “हमारे गांव में दलितों के लिए बारात के दौरान घोड़ी की सवारी करना आम बात नहीं है। मैं भेदभाव की इस परंपरा को तोड़ना चाहता था। मेरी बेटी और बेटे दोनों की शादी इसी महीने हो रही है। हमारे गांव में राजपूत समुदाय के लोग अक्सर कहते हैं कि वे हमें घोड़ी पर चढ़ने नहीं देंगे। मुझे संदेह था कि इसका विरोध हो सकता है और सुरक्षा का अनुरोध करते हुए मैंने पुलिस और जिला प्रशासन को आवेदन दिया था।"

बलाई ने आगे कहा कि पुलिस अधिकारी और स्थानीय नेता गुरुवार सुबह भी उनसे मिलने आए थे और आश्वासन दिया था कि कोई अप्रिय घटना नहीं होगी।

बलाई ने बताया कि, “मुझे याद है कि करीब चालीस साल पहले जब मैं बच्चा था तो एक अवसर पर दलितों के जुलूस पर पथराव किया गया था। कल शाम मैंने एक बार फिर इतिहास को दोहराते देखा जब मेरे दामाद घोड़ी पर सवार होकर हमारे घर के गेट पर पहुंचे तो पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद पथराव किया गया। पत्थरों की बौछार हुई। हमारे परिवार के लगभग 10-15 लोग इसके चपेट में आ गए। मेरे घायल भतीजे को टांके लगाने पड़े। पथराव करने वाले राजपूत समुदाय से हैं और ज्यादातर मेरे ही पड़ोसी हैं।” 

उन्होंने कहा कि हमलावरों ने भागने से पहले झाड़ियों के पीछे छिपकर पथराव किया। बलाई ने कहा, "पत्थर इसलिए फेंके गए क्योंकि वे दलितों को घोड़ी की सवारी करना बर्दाश्त नहीं कर सकते थे।" पुलिस ने बताया कि 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

कोटपुतली के सर्कल अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने कहा, “हमने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है जो राजपूत समुदाय से हैं। हमने मौके पर 75 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। हमला अचानक हुआ और केवल कुछ सेकंड तक चला। हमला करने के लिए हमलावर झाड़ियों और पेड़ों का सहारा लिया। परिवार ने 18 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है। गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में से छह ऐसे हैं जिनका नाम लिया गया था, जबकि अन्य की संलिप्तता हमारी जांच में सामने आई।”

उन्होंने कहा कि एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के साथ आईपीसी की धारा 323, 341 (गलत तरीके से रोक लगाने की सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इस घटना से दलित संगठन बेहद नाराज हैं। आजाद समाज पार्टी के राजस्थान के अध्यक्ष और भीम आर्मी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल ढेनवाल ने कहा कि, “हाल ही में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें जातिगत भेदभाव की सामंती मानसिकता के कारण दुल्हे को घोड़ी पर सवार होने को लेकर दलित की कई शादियों पर हमला किया गया है। अगर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो हम प्रदर्शन करेंगे।” 

पुलिस ने इस घटना को लेकर तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। जयपुर ग्रामीण एसपी मनीष अग्रवाल ने कहा कि तीन पुलिस अधिकारियों- अतिरिक्त एसपी कोटपुतली, सीओ कोटपुतली और प्रागपुरा पुलिस स्टेशन के एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 

साल 2017 में अप्रैल महीने में राजस्थान के उदयपुर जिले में एक दलित दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने को लेकर उसकी पिटाई का मामला सामने आया था। उदयपुर के घासा थाने में दलित दूल्हे की ओर से शिकायत दर्ज करायी गई थी।

उदयपुर के झालो का ढाणा गांव में दलित दूल्हा कैलाश मेघवाल की बारात जा रही थी, उसी दौरान पांच छह लोगों ने बारातियों के साथ लाठियों, धारदार हथियारों और बीयर की बोतलों से हमला कर दिया था और दूल्हे मेघवाल को घोड़ी से उतार कर पिटाई की थी। दूल्हे के सिर और शरीर पर चोट लगी है और टांके लगाए गए थे। 

पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया था कि राजपूत बाहुल्य क्षेत्र में एससी के लोगों को घोड़ी पर सवार नहीं होने दिया जाता है। 

वर्ष 2016 के अप्रैल महीने में दलित दूल्हे 24 वर्षीय चेतन वाघेला के घोड़ी पर चढने से नाराज अगड़ी जाति के लोगों ने दूल्हे और उसके परिवार पर शादी के समारोह के दौरान ही हमला कर दिया था। गांव के ही अगड़ी जाति के कुछ लोगों ने दूल्हे और उसके परिवार की लाठी से पिटाई कर दी थी। ये घटना साबरकंठा जिले के हिम्मतनगर तालुका स्थित अदपोदरा गांव की थी। इस घटना में 3 लोग घायल हुए थें। हमले की इस घटना के बाद पुलिस की सुरक्षा में शादी समारोह संपन्न हुई थी।

शादी की रस्मों के दौरान दूल्हे को बारात के साथ रवाना करते समय घोड़ी पर बिठाए जाने की रस्म 'वरघोड़ो' किया गया था। जब वे गांव के उच्च जाति के लोगों के घर के पास से गुजर रहे थे तो उन्हें धमकाया गया था। उच्च जाति के लोगों ने परिवार वालों को दूल्हे को घोड़ी से उतारने और बजाए जा रहे बैंड को बंद करने के लिए कहा था। जब दूल्हे के परिवार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो उच्च जाति के कुछ लोगों ने उनपर हमला कर दिया था। परिवार वालों का आरोप था कि पुलिस की मौजूदगी में उन्हें धमकाया।

ये भी पढ़ें: एमपीः रीवा में मज़दूरी मांगने गए दलित मज़दूर का मालिक ने काटा हाथ, आईसीयू में भर्ती

Rajasthan
Dalit atrocities
dalit
Dalit Rights

Related Stories

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!

दलित किशोर की पिटाई व पैर चटवाने का वीडियो आया सामने, आठ आरोपी गिरफ्तार

ग्राउंड रिपोर्ट: ‘पापा टॉफी लेकर आएंगे......’ लखनऊ के सीवर लाइन में जान गँवाने वालों के परिवार की कहानी

कोरोना वायरस : टीके की झिझक से पार पाते भारत के स्वदेशी समुदाय

न्याय के लिए दलित महिलाओं ने खटखटाया राजधानी का दरवाज़ा

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

बिहार: "मुख्यमंत्री के गृह जिले में दलित-अतिपिछड़ों पर पुलिस-सामंती अपराधियों का बर्बर हमला शर्मनाक"


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License