NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फ़िलिस्तीनियों पर चरमपंथी सेटलर के हमलों में ख़तरनाक वृद्धि : यूएन विशेषज्ञ
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इज़रायली बस्तियों के निरंतर निर्माण और क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम में उनके विस्तार के ख़िलाफ़ बात कही है।
पीपल्स डिस्पैच
15 Apr 2021
फ़िलिस्तीनियों पर चरमपंथी सेटलर के हमलों में ख़तरनाक वृद्धि : यूएन विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशेलम में चरमपंथी इजरायली सेटलर्स का फिलीस्तीनियों पर हमला 2021 के पहले तीन महीनों में काफी बढ़ गया है। इंटरनेशनल मिड्ल ईस्ट सेंटर की 14 अप्रैल की एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है।

तीन विशेषज्ञों के इस समूह ने भी इजरायल की ओर से कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में बस्तियों की हो रही विस्तार पर गंभीर चिंता व्यक्त की। इसके परिणामस्वरूप अधिक संख्या में अवैध इजरायली बस्तियों के निर्माण के लिए जगह बनाने के क्रम में हजारों फिलिस्तीनियों का जबरन विस्थापन और उनके घरों को ध्वस्त किया गया है।

बुधवार 14 अप्रैल को हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स के संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में विशेषज्ञों ने कहा कि, “2021 के पहले तीन महीनों के दौरान 210 से अधिक बस्तियों में रहने वाले लोगों की ओर से हिंसक घटनाओं को दर्ज किया गया था, इसमें एक फिलिस्तीनी व्यक्ति की मौत हो गई।” वर्ष 2020 के आंकड़ों की तुलना करने से पता चलता है कि पिछले वर्ष "यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस फॉर द कोऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमनिटेरियन अफेयर्स (ओसीएचए) ने सेटलर्स की ओर से 771 हिंसक घटनाओं को रिकॉर्ड किया गया जिसमें 133 फिलिस्तीनी घायल हुए और 9,646 पेड़ों को नुकसान हुआ और हेब्रोन, येरूशेलम, नबलुस और रामल्ला के क्षेत्रों में 184 वाहनों को नुकसान पहुंचा।" ये सब मौजूदा वर्ष में फिलिस्तीनियों के खिलाफ इस प्रकार के हमलों में वृद्धि को स्पष्ट रूप से दर्शा रहा है।

इस बयान के अनुसार, ये हमले विशेष रूप से दंडमुक्ति की वजह से खतरनाक हैं क्योंकि सेटलर्स कथित रूप से इजरायली सेना का लाभ उठाते हैं। उन्होंने कहा कि "कई मामलों में इजरायल की सेना मौजूद रही है या आस-पास में रही है और इस हिंसा से फिलिस्तीनियों की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। यह वेस्ट बैंक में सैन्य सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था का भेदभावपूर्ण द्वि-स्तरीय दृष्टिकोण है।"

यह अंतर्राष्ट्रीय कानून के घोर उल्लंघन है। चौथे जेनेवा सम्मेलन के अनुच्छेद 27 के अनुसार अपने कब्जे के अधीन हर परिस्थिति में लोगों की रक्षा करना होगा और साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि संरक्षित लोगों से “हर समय मानवीय व्यवहार” करना होगा और विशेष रूप से हिंसा या खतरे के सभी कार्रवाइयों के खिलाफ सुरक्षित किया जाएगा…।”

Palestine
UN
Israel
Human Rights

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License