NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दार्जिलिंग चाय श्रमिकों के संघर्ष की आंशिक जीत, मिलेगा 20 प्रतिशत बोनस
श्रमिकों को बोनस तो मिला लेकिन यह चाय श्रमिकों की चौथी पीढ़ी है, जो अभी भी  न्यूनतम मजदूरी और भूमि अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Oct 2019
darjeeling tea workers
Image courtesy: social media

संयुक्त फोरम ऑफ चाय वर्कर्स यूनियन के संघर्ष के  जीत हुई है। जिसके  बाद  दार्जिलिंग के हजारों चाय मजदूरों को 20 फीसदी बोनस मिलेगा। कोलकाता में आयोजित त्रिपक्षीय बैठक में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार और दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) द्वारा मांग पर सहमति जाहिर की गई।

समझौते के अनुसार, सहमत हुए बोनस को दो किस्तों में वितरित किया जाएगा। पहली किस्त में भुगतान का 60 प्रतिशत  अगले दस दिनों में दे दिया जाएगा  और शेष 40 प्रतिशत का भुगतान इस वर्ष 15 दिसंबर से पहले किया जाएगा।

दार्जिलिंग पहाड़ियों में 87 बागानों के चाय श्रमिकों के लिए यह जीत आसान नहीं थी। पिछले दो महीनों से संयुक्त मंच के नेतृत्व में निरंतर संघर्ष  किया। इस संयुक्त मंच में लगभग 29 चाय श्रमिकों के यूनियनों एक छाते के नीचे लाया गया। श्रमिकों ने  प्रदर्शनों के दौरन गेट मीटिंग, उत्पादन की गति को धीमी कर दी और क्रमिक भूख हड़ताल की। इस महीने में  4 अक्टूबर को, दार्जीलिंग पहाड़ियों में 12 घंटे का बंद किया गया था, जिसमें कई मांगों में से एक माँग बोनस समझौते की भी  थी।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए, दार्जिलिंग जिले के सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के महासचिव विकन पाठक ने  बताया कि चाय बागान उद्योग में चली आ रही बुनियादी उत्पादन प्रथाओं में बदलाव  की ज़रूरत है।

पाठक ने कहा, "20 प्रतिशत बोनस चाय मजदूर के व्यवस्थित शोषण के खिलाफ व्यापक लड़ाई में एक छोटी जीत है।"

राज्य में चाय बागान उद्योग का 150 वर्षों से अधिक का इतिहास रहा है, हालांकि, पश्चिम बंगाल में 4.5 लाख चाय श्रमिकों के लिए, न्यूनतम मजदूरी एक ऐसी चीज है जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। पश्चिम बंगाल में एक चाय श्रमिक अभी भी एक दिन के श्रम के लिए  176  रुपये कमाता है, उसके लिए भी उसे आमतौर पर 12 से 13 घंटे तक काम करना होता है।

फरवरी 2015 में, न्यूनतम मजदूरी को लागू करने के लिए ममता बनर्जी की सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। न्यूनतम मजदूरी के आसपास के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक न्यूनतम मजदूरी सलाहकार समिति बनाई गई थी।

पाठक ने न्यूज़क्लिक को बताया, "यह प्रक्रिया छह महीने की अवधि में पूरी होनी थी, हालांकि तीन साल से अधिक समय लग गया," समिति ने दिसंबर 2018 में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं। जिसे पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी किया गया।

उन्होंने कहा कि यूनियन 15 वें भारतीय श्रम सम्मेलन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी मानकों को लागू करने की मांग कर रही है, जो कि मज़दूरों का हक है  और सार्वभौमिक रूप से स्वीकार भी  किया गया है।

इसके अतिरिक्त, संयुक्त मंच भूमिहीन चाय बागानों के लिए भूमि पट्टे के प्रावधान की मांग कर रहा है ।

पाठक के अनुसार, ये चौथी पीढ़ी के चाय श्रमिक हैं, जिन्हें अभी भी "बंधुआ दास" के रूप में काम कराया  जाता है। कर्मचारी स्टाफ़ क्वार्टर में रहने के लिए मज़बूर  हैं। उनके पास खुद का कोई घर या ज़मीन नहीं है, जिससे उनका जिंदगी पूरी तरह से बागान मालिकों के अधीन रहती है।

Darjeeling tea workers
Workers get 20% bonus
United forum of tea workers union
Darjeeling Tea Association

Related Stories

दार्जिलिंग : अब भी बरकरार है चाय श्रमिकों का संकट, चिंताएं और रोज़ी-रोटी का सवाल


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?
    25 May 2022
    मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी…
  • sibal
    रवि शंकर दुबे
    ‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल
    25 May 2022
    वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
  • varanasi
    विजय विनीत
    बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?
    25 May 2022
    पिछले दो महीनों में गंगा में डूबने वाले 55 से अधिक लोगों के शव निकाले गए। सिर्फ़ एनडीआरएफ़ की टीम ने 60 दिनों में 35 शवों को गंगा से निकाला है।
  • Coal
    असद रिज़वी
    कोल संकट: राज्यों के बिजली घरों पर ‘कोयला आयात’ का दबाव डालती केंद्र सरकार
    25 May 2022
    विद्युत अभियंताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 11 के अनुसार भारत सरकार राज्यों को निर्देश नहीं दे सकती है।
  • kapil sibal
    भाषा
    कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
    25 May 2022
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछले 16 मई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License