NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कानून
भारत
राजनीति
बाबरी विध्वंस मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी विशेष सीबीआई अदालत
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने सभी अभियुक्तों को फैसले वाले दिन अदालत में हाजिर रहने के निर्देश दिए हैं।
भाषा
16 Sep 2020
babri masjid
विध्वंस से पहले बाबरी मस्जिद (फाइल फोटो)

लखनऊ: सीबीआई की विशेष अदालत अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस के यादव ने सभी अभियुक्तों को फैसले वाले दिन अदालत में हाजिर रहने के निर्देश दिए हैं।

मामले के कुल 32 जीवित अभियुक्तों में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती तथा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी शामिल हैं।

सीबीआई के वकील ललित सिंह ने बुधवार को 'भाषा' को बताया कि अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों की प्रक्रिया एक सितंबर को संपन्न होने के बाद अदालत ने फैसला लिखना शुरू कर दिया था। अदालत अब इस मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी।

अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को एक उन्मादी भीड़ ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी। इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिनमें से 16 की वाद विचारण के दौरान मृत्यु हो चुकी है। सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किए।

विशेष सीबीआई अदालत में सभी 32 अभियुक्तों ने लिखित दलीलें 31 अगस्त को दाखिल की थी।

इस मामले में अदालत में पेश हुए सभी अभियुक्तों ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया और केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर दुर्भावना से मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया था।

पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने गत 24 जुलाई को सीबीआई अदालत में दर्ज कराए गए बयान में तमाम आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक कारणों से इस मामले में घसीटा गया है।

इससे एक दिन पहले अदालत में अपना बयान दर्ज कराने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने भी लगभग ऐसा ही बयान देते हुए खुद को निर्दोष बताया था।

बाबरी विध्वंस के समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह ने गत 13 जुलाई को सीबीआई अदालत में बयान दर्ज कराते हुए कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सियासी बदले की भावना से प्रेरित होकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार ने अयोध्या में विवादित ढांचे की त्रिस्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित की थी।

उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई अदालत को मामले का निपटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिए थे लेकिन गत 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा दी गई थी।

babri masjid
Babri Demolition
cbi court
lal krishna advani
murli manohar joshi
uma bharti
kalyan singh

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

भाजपा ने फिर उठायी उपासना स्थल क़ानून को रद्द करने की मांग

ज्ञानवापी मस्जिद : अनजाने इतिहास में छलांग लगा कर तक़रार पैदा करने की एक और कोशिश


बाकी खबरें

  • leather industry
    न्यूज़क्लिक टीम
    बंद होने की कगार पर खड़ा ताज नगरी का चमड़ा उद्योग
    10 Feb 2022
    आगरा का मशहूर चमड़ा उद्योग और उससे जुड़े कारीगर परेशान है। इनका कहना है कि सरकार इनकी तरफ ध्यान नही दे रही जिसकी वजह से पॉलिसी दर पॉलिसी इन्हें नुकसान पे नुक्सान हो रहा है।
  • Lakhimpur case
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लखीमपुर कांड: मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को मिली ज़मानत
    10 Feb 2022
    केंद्रीय मंत्री के बेटे की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा था कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि उसने किसानों को कुचलने के लिए घटना में शामिल वाहन के चालक को उकसाया था।
  • uttarakhand
    मुकुंद झा
    उत्तराखंड चुनाव : टिहरी बांध से प्रभावित गांव आज भी कर रहे हैं न्याय की प्रतीक्षा!
    10 Feb 2022
    उत्तराखंड के टिहरी ज़िले में बने टिहरी बांध के लिए ज़मीन देने वाले ग्रामीण आज भी बदले में ज़मीन मिलने की आस लगाए बैठे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
  •  Bangladesh
    पीपल्स डिस्पैच
    बांग्लादेश: सड़कों पर उतरे विश्वविद्यालयों के छात्र, पुलिस कार्रवाई के ख़िलाफ़ उपजा रोष
    10 Feb 2022
    बांग्लादेश में शाहजलाल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के बाद, देश के कई विश्वविद्यालयों में छात्र एकजुटता की लहर दौड़ गई है। इन प्रदर्शनकारी छात्रों ने…
  • Newsletter
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    वैश्विक निरक्षरता के स्थिर संकट के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएँ
    10 Feb 2022
    संयुक्त राष्ट्र ने नोट किया कि 'दुनिया भर में 150 करोड़ से अधिक छात्र और युवा कोविड-19 महामारी के कारण बंद स्कूल और विश्वविद्यालयों से प्रभावित हो रहे हैं या प्रभावित हुए हैं'; कम से कम 100 करोड़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License