NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली: तुगलकाबाद के सांसी कैंप की बेदखली के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दी राहत
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 फरवरी तक सांसी कैंप को प्रोटेक्शन देकर राहत प्रदान की। रेलवे प्रशासन ने दिल्ली हाईकोर्ट में सांसी कैंप के हरियाणा में स्थित होने का मुद्दा उठाया किंतु कल हुई बहस में रेलवे ने स्वीकार किया कि यह दिल्ली में स्थित है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Jan 2022
Delhi High Court

दिल्ली के तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन के पास में 30 वर्ष पुरानी बस्ती- है सांसी कैंप। यहां सांसी समुदाय के लगभग 90 से अधिक परिवार रहते हैं। यह समुदाय बूट पॉलिश, रिक्शा चलाना, निर्माण काम में सलग्न है। सांसी समुदाय वर्षों से दिल्ली में है किंतु बदरपुर बॉर्डर के पास में दिल्ली के अंतिम छोर पर स्थित होने के कारण आज तक दिल्ली सरकार ने कभी भी सांसी कैंप में रहने वाले समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए प्राथमिकता नहीं दी जिसकी वजह से आज भी सांसी समुदाय के बच्चे शिक्षा से वंचित है और अधिकतम परिवार राज्य सरकार की सरकारी योजनाओं एवं केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित है। यही कारण है कि वर्षों से अपने प्लास्टिक के टेंट के आशियाने में अपने परिवार को लेकर गुजर-बसर कर रहे हैं। 

मजदूर आवास संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक निर्मल गोराना बताया कि सांसी कैंप बस्ती में आफत तब आ पड़ी जब दिनांक 14 जनवरी 2022 को रेलवे प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया जिसमें लिखा हुआ था कि सांसी कैंप वासियों को सूचित किया जाता है कि वह अपने अस्थाई टेंट क्लिपर फेंसिंग बाउंड्री के आगे ना लगाएं यह रेल के सुरक्षा एवं आप सभी की सुरक्षा के लिए खतरा है अतः आप अपने अस्थाई टेंट दिनांक 24 जनवरी 2022 से पहले हटा ले नहीं तो 25 जनवरी 2022 दिन मंगलवार को प्रातः 11:00 बजे रेलवे प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी। 

तत्काल ही सांसी आवास समिति एवं मजदूर आवास संघर्ष समिति ने सांसे कैंप के प्रत्येक परिवार से आवश्यक दस्तावेज एकत्रित करके एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में मामला संख्या 1568/2022 सांसी आवास समिति बनाम इंडियन नॉर्दर्न रेलवेज फाइल किया। 

28 जनवरी 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट में माननीय जस्टिस संजीव सचदेवा की कोर्ट ने 1 फरवरी 2022 तक सांसी कैंप को प्रोटेक्शन देकर राहत प्रदान की। रेलवे प्रशासन ने दिल्ली हाईकोर्ट में सांसी कैंप के हरियाणा में स्थित होने का मुद्दा उठाया किंतु शुक्रवार हुई बहस में रेलवे ने स्वीकार किया कि यह दिल्ली में स्थित है साथ ही कोर्ट ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट को भी जवाब फाइल करने के लिए आदेश दिया गया इस मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी 2022 को होगी।

Delhi High court
Sansi Camp
Tughlakabad

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

अदालत ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 44 हजार बच्चों के दाख़िले पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

मैरिटल रेप: घरेलू मसले से ज़्यादा एक जघन्य अपराध है, जिसकी अब तक कोई सज़ा नहीं

मैरिटल रेप को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, क्या अब ख़त्म होगा महिलाओं का संघर्ष?

ख़बर भी, नज़र भी: भाजपा के अपने ही बाग़ी हुए जा रहे हैं

पायलटों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय खारिज किये जाने के खिलाफ एअर इंडिया की अर्जी अदालत ने ठुकराई

नौसेना लीक मामला: सीबीआई ने नौसेना के दो कमांडर के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किया


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License