NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की याचिका, वकील पर लगा जुर्माना
पवन ने खुद को घटना के समय नाबालिग होने की दावा करने वाली अर्जी 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी। निचली अदालत पहले ही उसकी अर्जी खारिज कर चुका है, जिसके बाद वो अपील करने हाईकोर्ट आया था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Dec 2019
nirbhaya case
Image courtesy: One India

दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों में शामिल पवन गुप्ता की याचिका खारिज़ कर दी है। साथ ही इस मामले में कोर्ट ने वकील पर जुर्माना भी लगाया है। पवन ने याचिका दाखिल कर कहा था कि वर्ष वह 2012 में वारदात के वक्त नाबालिग था और इसलिए उसे जस्टिस जुविनाइल एक्ट के तहत देखा जाए।

बता दें कि इससे पहले पवन ने खुद को घटना के समय नाबालिग होने की दावा करने वाली अर्जी 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिसे निचली अदालत पहले ही खारिज कर चुका है, जिसके बाद वो अपील करने हाईकोर्ट आया था।

आज क्या-क्या हुआ कोर्ट में?

मामले की सुनवाई शुरू होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई 24 जनवरी तक टाल दी थी, इसकी वजह दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से इस मामले में नए कागजात दाखिल करने के लिए समय मांगना था। लेकिन 'निर्भया' के वकीलों ने इसका विरोध करते हुए सुनवाई टाले जाने पर आपत्ति जाहिर की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपने 24 जनवरी तक के लिए सुनवाई टालने के आदेश को वापस ले लिया।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कई बार पत्र भेजे जाने के बावजूद पेश नहीं हुए दोषी के वकील ए पी सिंह पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि बार-बार लुकाछिपी के कारण कोर्ट का समय बर्बाद हो रहा है। अदालत ने दिल्ली बार काउंसिल को दोषी की उम्र के संबंध में अदालत में जाली हलफनामा दाखिल करने के लिए वकील के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

meerut_jallad_will_be_hanged_to_the_culprits_of_nirbhaya_case_call_received_1576028417.jpg

दरअसल पवन ने यह दावा किया था कि दिसंबर 2012 में जब ये अपराध हुआ, तब वो नाबालिग था। पवन ने घटना के समय नाबालिग घोषित करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की। उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत छूट का दावा किया। अपनी याचिका में दोषी ने कहा कि जेजे कानून की धारा 7ए में प्रावधान है कि नाबालिग होने का दावा किसी भी अदालत में किया जा सकता है और इस मुद्दे को किसी भी समय यहां तक कि मामले के अंतिम निपटारे के बाद भी उठाया जा सकता है।

अदालत ने पवन को मौत की सजा सुनाई है और फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। उसने अनुरोध किया कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए।

गौरतलब है कि दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था। इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए। इस घटना के बाद पूरे देश में व्यापक प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था।

इस मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को मृत्युदंड सुनाया गया। एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

nirbhaya case
Dismisses plea of ​​Pawan Gupta
Delhi High court

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

अदालत ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 44 हजार बच्चों के दाख़िले पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

दिल्ली: तुगलकाबाद के सांसी कैंप की बेदखली के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दी राहत

मैरिटल रेप: घरेलू मसले से ज़्यादा एक जघन्य अपराध है, जिसकी अब तक कोई सज़ा नहीं

मैरिटल रेप को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, क्या अब ख़त्म होगा महिलाओं का संघर्ष?

ख़बर भी, नज़र भी: भाजपा के अपने ही बाग़ी हुए जा रहे हैं

लचर पुलिस व्यवस्था और जजों की कमी के बीच कितना कारगर है 'महाराष्ट्र का शक्ति बिल’?


बाकी खबरें

  • अरुण कुमार त्रिपाठी
    विचार: योगी की बल्ले बल्ले, लेकिन लोकतंत्र की…
    27 Mar 2022
    अंतरराष्ट्रीय पूंजी ने आधुनिक किस्म के हिंदुत्व के साथ एक तालमेल बिठा लिया है। अब इसे मनुवादी कहना और ब्राह्मणवादी कहना एकदम से सटीक नहीं बैठता। इसमें सत्ता में भागीदारी का पूरा इंतजाम किया गया है।
  • international
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रेन युद्धः क्या चल रहा बाइडन व पुतिन के दिमाग़ में
    26 Mar 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने युक्रेन युद्ध के एक महीने होने के बाद चल रहे दांवों पर न्यूज़ क्लिक के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ से बातचीत की। इसमें रूस की रणनीति के साथ-साथ…
  • रवि शंकर दुबे
    IPL 2022:  नए नियमों और दो नई टीमों के साथ टूर्नामेंट का शानदार आगाज़
    26 Mar 2022
    आईपीएल 2022 का आगाज़ हो चुका है, इस बार कई नियमों में बदलाव किए गए हैं तो लखनऊ और गुजरात की टीमों ने भी एंट्री मार ली है। ऐसे में क्रिकेट फैंस के लिए टूर्नामेंट बेहद रोचक होने वाला है।
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या RSS योगी में देखता है मोदी का उत्तराधिकारी
    26 Mar 2022
    यूपी में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक कद अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. भारतीय जनता पार्टी-शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियो में अब उनकी बराबरी कराने वाला कोई नहीं!
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    रेलवे में 3 लाख हैं रिक्तियां और भर्तियों पर लगा है ब्रेक
    26 Mar 2022
    एक तरफ बेरोज़गार युवा दर-दर भटक रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों में इतनी बड़ी संख्या में रिक्तियां, वह भी केवल एक विभाग में, चौंकाने वाली है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License