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दिल्ली: हिन्दूराव अस्पताल ने डॉक्टर को किया बर्ख़ास्त, डॉक्टरों के संगठन ने जताया विरोध!
बर्खास्त डॉ. पीयूष हाल ही में अस्पताल की कई ख़ामियों को सोशल मीडिया के जरिये सामने लाए थे। उन्होंने एक एनजीओ से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट और फ़ेस शील्ड ख़रीदकर डॉक्टर्स के बीच बांटे थे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Apr 2020
हिन्दूराव अस्पताल
Image courtesy: Navbharat Times

उत्तर दिल्ली नगर निगम के अधीन आने वाले हिन्दूराव अस्पताल ने एक डॉक्टर को बर्ख़ास्त कर दिया है। आरोपित पीयूष सिंह अस्पताल के आर्थोपेडिक डिर्पाटमेंट में जूनियर रेजिडेंस डॉक्टर के पद पर तैनात थे। उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा है।

पीयूष ने कुछ दिनों पहले ही कोरोना महामारी के बाबजूद भी अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए "उचित उपकरण और मास्क" की कमी का मुद्दा उठाया था। इसके बाद पीयूष ने एक एनजीओ से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट और फ़ेस शील्ड ख़रीदकर डॉक्टर्स के बीच बांटे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने फेस शील्ड बंटवाया कुछ ही घंटों के भीतर अस्पताल प्रशासन ने पीयूष पर अस्पताल की बदनामी करने का आरोप लगाकर उन्हें बर्खास्तगी की चिट्ठी पकड़ा दिया।  सिंह अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) का भी हिस्सा हैं।
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए अंग्रेजी के अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा था कि, ‘दान किया जाने वाला सारा सामान मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पास जाना चाहिए। इसके लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई है। डॉ. पीयूष ने न केवल चिकित्सा उपकरणों को बदला बल्कि अनाधिकृत रूप से इसे ऐसे लोगों के बीच बांट दिया, जिन्हें इसकी ज़रूरत ही नहीं थी।’ जोशी ने कहा कि डॉ. पीयूष इस बात का फ़ैसला नहीं कर सकते कि प्राथमिकताएं क्या हैं और यह उन्हें तुरंत बर्खास्त करने का कारण बना।

इससे भी आगे जाकर दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी ने एक पत्रकार के ट्वीट का जवाब देते हुए ट्वीट किया कि इस जेंटलमैंन ने खराब काम किया है...अस्पताल के स्टोर में रखे जीवन दायक सामानों को बांटकर अस्पताल में काम करने वाले डाक्टरों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है।

हालंकि डॉ पीयूष ने अपनी सफाई में कहा था कि ये 100 सुरक्षा किट अस्पताल को नहीं बल्कि उन्हें दी गई थी, जो जरूरतमंद डॉक्टरों को दी गई।

आपको बता दें कि तकरीबन एक महीने पहले 16 मार्च को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा डॉ० पीयूष सिंह को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्होंने “हिंदू राव अस्पताल के आर्थोपेडिक आपातकालीन वार्ड का एक वीडियो, जो उन्होंने  4:29 अपराह्न 14.3.20 20 को फेसबुक पर अपमानजनक बयानों के साथ अपलोड किया था। ”
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27 मार्च यानी लॉकडाउन होने के दो दिनों बाद ही डॉ सिंह ने सोशल मिडिया पर अस्पताल में मास्क और किट न होने का मुद्दा उठया था। सिंह के ट्विटर पोस्ट से पता चलता है कि वह डॉक्टरों के लिए सुविधाओं से संबंधित मुद्दों पर मुखर रहे हैं।  
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डॉक्टर के निष्कासन के मामले में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने दखल दिया है। एनबीई ने हिंदूराव अस्पताल प्रशासन को पत्र लिख कर कहा है कि डॉक्टर पीयूष के निष्कासन के आदेश को वापस लिया जाए।

इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली मेडिकल एसोशिएशन (डीएमए) ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया और डॉ पीयूष के निष्कासन पर विरोध दर्ज किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि  उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त द्वारा डॉक्टर की छवि को धूमिल करना और सोशल मीडिया पर चोर कहा गया जबकि डॉ पीयूष ने सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए वो बिल दिखाया जो उनके नाम से बना था।

डीएमए ने आगे कहा कि पीयूष को समाज सेवा करने के लिए निष्काषित किया गया क्योंकि वो किसी ngo से मिले सुरक्षा उपकरण डॉक्टर्स में बाँट रहे थे। इसके बाद सोशल मिडिया पर डॉक्टर को चोर कहना ठीक नहीं है। इसके साथ ही डीएमए ने इसके लिए दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की और कहा यह डॉक्टर्स जो दिन रात अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं, उनका अपमान हैं। इसके साथ ही इन्होने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, एलजी को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की और डॉ पीयूष की निष्कासन को तुरंत रद्द करने की भी मांग की हैं।

कांग्रेस ने इस मुद्दे को और डॉ. पीयूष को बर्खास्त किए जाने को शर्मनाक बताया है। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘डॉ. पीयूष को अपने साथियों के लिए पीपीई किट और एन95 मास्क का इंतजाम करने के कारण बर्खास्त कर दिया गया।’
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सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी शासित उत्तरी नगर निगम डॉक्टर्स को ज़रूरी संख्या में पीपीई किट तक उपलब्ध नहीं करा सका। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में कोरोना वायरस के योद्धा कैसे इस लड़ाई को लड़ेंगे।


इस पूरे मामले को बढ़ता देख शुक्रवार को देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हस्तक्षेप किया और उत्तर दिल्ली नगर निगम के आयुक्त वर्षा जोशी से डॉक्टर के पास पहुंचने और समस्या को हल करने के लिए कहा है।
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जिसके बाद वर्षा जोशी ने भी इसका जवाब देते हुए कहा की इस मामले का उचित हल ढूंढा जाएगा।

हालंकि हिन्दू राव अस्पताल में अस्पताल के डॉक्टर्स की बीते कुछ सालों से सैलरी, सुरक्षा और अन्य मांगों को लेकर प्रबंधन और प्रशासन से तनातनी चलती रही है। अभी पीपीई किट की कमी और सुरक्षा का मुद्दा पिछले एक महीने से चल रहा है। इस कमी को देखते हुए ही हिन्दूराव के संविदा डॉक्टर्स ने काम छोड़ने की बात भी कही थी। 

Hindurao Hospital
health care facilities
PPE kit
Fight Against CoronaVirus
Dr. Harshvardhan

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