NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दिल्ली: राजकुमारी अमृत कौर कॉलेज ऑफ नर्सिंग में 50 दिनों से लगातार जारी है कॉन्ट्रैक्ट वर्करों का प्रदर्शन
ऐक्टू से सम्बद्ध 'रैकौन कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन' से जुड़े मज़दूरों को हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद काम पर वापस नहीं लिया गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Mar 2021
दिल्ली: राजकुमारी अमृत कौर कॉलेज ऑफ नर्सिंग में 50 दिनों से लगातार जारी है कॉन्टैक्ट वर्करों का प्रदर्शन

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के मूलचंद स्थित राजकुमारी अमृत कौर कॉलेज ऑफ नर्सिंग के बाहर, ऐक्टू से सम्बद्ध 'रैकौन कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी यूनियन' के बैनर तले 50 दिनों से कॉन्ट्रैक्ट मज़दूर आंदोलनरत हैं।  

कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों का आरोप है कॉलेज और ठेकेदार की मिलीभगत से काम से निकाल दिया गया है। इन मज़दूरों ने 'समान काम समान वेतन', 'नियमितीकरण' जैसी मांगो को कॉलेज प्रशासन के समक्ष उठाया था। अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए मज़दूर अपनी यूनियन भी बनाने में लगे हुए थे। इन्हीं कारणों के चलते यूनियन से जुड़े 39 कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है।

दिल्ली के अंदर लगातार जारी है कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का शोषण

बात चाहे किसी सरकारी कार्यस्थल की हो या निजी संस्थान की-कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को मैनेजमेंट की इच्छानुसार गैरकानूनी तरीके से कभी भी काम से निकाल दिया जाता है। ऐसा विशेषकर उन मज़दूरों के साथ होता है जो यूनियन बनाने की कोशिश करते हैं या अपनी मांगों को लेकर आवाज़ उठाते हैं। ऐक्टू के दिल्ली राज्य सचिव सूर्यप्रकाश बताते हैं, "देश के कई लोग इस बात से परेशान हैं कि स्वीडन की एक संस्थान द्वारा भारत के 'इलेक्टेड ऑटोक्रेसी' हो जाने की बात कही गई है। सच तो ये है कि देश के मज़दूरों के लिए आज़ादी एक सपना मात्र है। केंद्र सरकार के अधीन नर्सिंग कॉलेज जब हाई कोर्ट तक के आदेश को नहीं मानती, तब और क्या कहना बाकी रह जाता है। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे - जब तक सभी मज़दूरों को काम पर वापस नही लिया जाता।"

हाई कोर्ट के आदेश की हो रही है अनदेखी

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी यूनियन ने अपने बयान में कहा 9 फरवरी 2021 और 17 मार्च 2021 के आदेश में दिल्ली उच्च न्यायालय ने साफ तौर पर कॉलेज प्रशासन को ये निर्देश दिए हैं कि किसी भी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी को काम से नहीं निकाला जाए। इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन और ठेकेदार के गठजोड़ द्वारा मज़दूरों को काम पर वापस नहीं लिया गया है।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही 'कंपीटेंट सर्विसेज' नामक कंपनी और 'लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल' के प्रबंधन ने 26 नवंबर की स्ट्राइक का पोस्टर लगाने के चलते कई कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को काम से निकाल दिया था। ऐक्टू के नेतृत्व में दो महीने लम्बी चली लड़ाई के बाद सभी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को काम पर वापस रखने के साथ, पूरे वेतन का भी भुगतान करना पड़ा। दोनों ही संस्थानों में कुछ बातें एक जैसी हैं - LHMC और 'राजकुमारी अमृत कौर नर्सिंग कॉलेज' केंद्र सरकार के अधीन हैं, दोनों ही जगहों पर एक ही कम्पनी को ठेका मिला है और दोनों ही जगहों पर यूनियन करने के लिए आगे बढ़ने वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को काम से निकाला गया।

यूनियन ने कहा ऐसे में इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ कंपनियां सीधे मंत्रालयों से सांठगांठ कर के कॉन्ट्रैक्ट ले रही हैं और मनमाने तरीके से मज़दूरों के अधिकार छीन रही हैं।

Rajkumari Amrit Kaur College of Nursing
RAKCON
Contract Workers
workers protest
AICCTU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License