NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
जंतर मंतर पर दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी यूनियन का प्रदर्शन  
सातवें वेतन आयोग के अनुसार बकाया राशि का भुगतान न होने और मोदी सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी यूनियन ने 3 अक्तूबर को मंडी हाऊस से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च निकाला।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Oct 2019
protest on jantar mantar

सरकार द्वारा विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार बकाया राशि का भुगतान न होने के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी यूनियन ने 3 अक्तूबर को मंडी हाऊस से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च निकाला।

प्रदर्शनकारियों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने विश्वविद्यालय कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। 2016 से सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया गया लेकिन विश्वविद्यालय कर्मचारियों को आज तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है। विश्वविद्यालय में खाली पदों को नहीं भरा जा रहा है। सरकार लगातार हमारी मांगों को नज़रअंदाज कर हमारे साथ अन्याय कर रही है।

दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कर्मचारी यूनियन के प्रधान सुरजीत सिंह मनहास का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अन्य स्वायत्त संस्थाओं में आज तक सातवें वेतन (पे कमिशन) की रिपोर्ट लागू नहीं हुई है। यूनियन द्वारा सरकार को 91बार रिमांडर भेजा गया, लेकिन सरकार लगातार इसे नज़र-अंदाज़ कर रही है। जिसके कारण सभी कार्यरत कर्मचारियों में बहुत गुस्सा है। मोदी सरकार के इस कदम का विरोध करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन ने 1 अक्तूबर को यूजीसी पर और 3 अक्तूबर को जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन का आह्वान किया है। जिससे यूजीसी और सरकार को चेताया जा सके की कर्मचारी अपना हक़ लेकर रहेंगे।

यूनियन के महासचिव सुरेश चंद जोशी कहते हैं कि अगर सरकार यूनियन की बातों पर जल्दी ही फैसला नहीं करेगी तो हम तो हम यूजीसी पर अनिश्चितकालीन आंदोलन छेडऩे के लिए मजबूर होंगे। इसकी जिम्मेदारी यूजीसी और एमएचआरडी अधिकारियों की होगी।

उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर राष्ट्रपति तक हम अपनी समस्या बता चुके हैं लेकिन इस मामले पर सभी ने चुप्पी साध रखी है।

प्रदर्शन में शामिल देशबंधु कॉलेज के नवजोत ने न्यूज़क्लिक को बताया कि किसी समय विश्वविद्यालय में 5 हज़ार का स्टाफ होता था लेकिन अब सरकार 1500 कर्मचारियों से काम चला रही है। सरकार ने गुपचुप तरीके से खाली पड़े पदों पर नई भर्ती ना करने की नीति अपना रखी है।

एक अन्य कॉलेज से आये अभिलेश सिंह ने न्यूज़क्लिक से कहा कि सरकार केवल वादे करती है। जनता हित की बात करती है लेकिन वास्तव में मोदी सरकार केवल अपना हित देखती है। लोगों को देशभक्ती के भाव में बहा कर अपना वोट तो हासिल कर लेती है, लेकिन जब बात मज़दूरों और कर्मचारियों के मांंगों की आती है तो मौन हो कर बैठ जाती है।

अभिलेश ने आगे कहा, 'मोदी जी मेरे देश में सब अच्छा नहीं है। आप लोगों से झूठ तो बोल सकते हैं, लेकिन सच को नकार नहीं सकते। आप हमारा हक मार रहे हैं और बोल रहे हैं कि भारत में सब अच्छा है।'

महाविद्यालय के सुरेश ने बताया कि इससे पहले भी कई बार अपनी मांगों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन विरोध प्रदर्शन और हड़तालें कर चुका है। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं देखने को मिला है।

गौरतलब है कि गांधी जयंती के दूसरे ही दिन जतंर-मंतर कई विरोध प्रदर्शनों का गवाह बना। अलग-अलग संगठनों के बैनर तले हुए प्रदर्शनों में केंद्र सरकार की नीतियों को मज़दूर और जन विरोधी बताया गया।

protest on jantar mantar
Delhi University
Karamchari Union
MHRD
Finance Ministry
PMO

Related Stories

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

सरकार ने CEL को बेचने की कोशिशों पर लगाया ब्रेक, लेकिन कर्मचारियों का संघर्ष जारी

दिल्ली: एसएससी जीडी भर्ती 2018 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन

डीयू के छात्रों का केरल के अंडरग्रेजुएट के ख़िलाफ़ प्रोफ़ेसर की टिप्पणी पर विरोध

डीयू: एनईपी लागू करने के ख़िलाफ़ शिक्षक, छात्रों का विरोध

प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठनों का रोष प्रदर्शन, जेएनयू, डीयू और जामिया करेंगे  बैठक में जल्द निर्णय

राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने ‘किसान संसद’ पहुंचकर जताया समर्थन

दिल्ली बलात्कार कांड: जनसंगठनों का कई जगह आक्रोश प्रदर्शन; पीड़ित परिवार से मिले केजरीवाल, राहुल और वाम दल के नेता

महिला किसान संसद, CM येदियुरप्पा का इस्तीफ़ा और अन्य ख़बरें


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License