NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली हिंसा : गृह मंत्री अमित शाह से कुछ सवाल
पुलिस काम कर रही थी, पर्याप्त थी? लेकिन पुलिस तो भाग रही थी, छिप रही थी! रवीश कुमार की टिप्पणी
रवीश कुमार
13 Mar 2020
Amit Shah

गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली पुलिस की तारीफ़ करते रहे। वो इसलिए भी कि आलोचना करते तो जवाबदेही के सवाल उन तक पहुँचते। दंगों के दौरान लोगों ने पुलिस को 13000 से अधिक फ़ोन कॉल्स किए। गृहमंत्री पुलिस की लॉग बुक से बता सकते हैं कि उन 13000 कॉल के बाद कितनी जगहों पर पुलिस पहुँची? कितने कॉल ऐसे थे जो एक ही जगह से बार बार किए गए और पुलिस नहीं पहुँची? अमित शाह ने कहा कि दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की अस्सी कंपनियाँ तैनात थीं। शुरू में इनकी संख्या दो दर्जन से अधिक थी। जब इतनी पुलिस थी तो फिर वो भीड़ से जान बचा कर छिप क्यों रही थी ? पुलिस क्यों भाग रही थी?

आप इंडियन एक्सप्रेस की यह रिपोर्ट पढ़िए। महेंद्र सिंह मनराल और कुनैन शरीफ़ की है। इस रिपोर्ट में दंगों के दौरान पुलिस ने अपनी तरफ़ से जो प्राथमिकी दर्ज कराई है उसका विश्लेषण किया गया है। यह रिपोर्ट बताती है कि दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस नहीं थी। पुलिस ने खुद अपनी FIR में कहा है कि वे दो या तीन की संख्या में थे और भीड़ ज़्यादा थी। पुलिस बल भेजने की माँग की गई थी। कई FIR में पुलिस ने ऐसा लिखा है। पता चलता है कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने में सरकार असफल रही।

पुलिस ने अपनी कई प्राथमिकी में लिखा है कि दोनों तरफ़ से भीड़ पत्थरबाजी कर रही थी। क्या दोनों तरफ़ से लोग बाहर से आए थे? अगर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होती तो इलाक़े में इतनी अराजकता फैलने का सवाल ही नहीं था। अमित शाह को यही पूछना था कि अस्सी कंपनियों की तैनाती के बावजूद हिंसा कैसे व्यापक हो गई? अफ़सर क्या फ़ैसले ले रहे थे?

गृह मंत्री अमित शाह से कुछ और सवाल हैं।

जब वे तीन दिनों तक बैठकें कर रहे थे, स्थिति सँभाल रहे थे तब उन्हें दिल्ली पुलिस के कमिश्नर पटनायक से प्रभार लेकर एस एन श्रीवास्तव को क्यों देना पड़ा?

दिल्ली पुलिस जब अच्छा काम कर रही थी तब 25 फ़रवरी को एस एन श्रीवास्तव को क़ानून व्यवस्था का प्रभारी क्यों बनाया? अमित शाह के अनुसार 25 फ़रवरी की रात 11 बजे के बाद हिंसा रूक गई थी।

यानी दंगों के बीच अधिकारी बदले गए। एस एन श्रीवास्तव लाए गए। अमित शाह के अनुसार वे और पुलिस 36 घंटों में क़ाबू पाने में सफल हो गए थे।

26 फ़रवरी को अजित डोभाल दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने गए। अमित शाह की विनती पर। दिल्ली पुलिस का मनोबल बढ़ाने।

क्या अच्छा काम करते हुए दिल्ली पुलिस का मनोबल गिर गया था?

अगर ऐसा था तो मनोबल पुलिस कमिश्नर के जाने से नहीं बढ़ता ?

क्या गृहमंत्री के जाने से मनोबल नहीं बढ़ता ? दंगे जब 25 फ़रवरी की रात 11 बजे रुक गए थे तब 26 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार क्यों गए? गृहमंत्री क्यों नहीं गए?

28 फ़रवरी को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को क्यों हटाया गया?

कमिश्नर को हटा भी रहे हैं और पुलिस की तारीफ़ भी कर रहे हैं।

(रवीश कुमार प्रसिद्ध टीवी एंकर और वरिष्ठ पत्रकार हैं। उनकी यह टिप्पणी उनके आधिकारिक फेसबुक पेज़ से साभार ली गई है।)

Amit Shah
Delhi Violence
Delhi riots
delhi police
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस महीने के अंत में भारत आ सकते हैं
    05 Apr 2022
    जॉनसन की भारत यात्रा 22 अप्रैल के आसपास हो सकती है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण दो बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को भारत का दौरा रद्द करना पड़ा था। 
  • भाषा
    आगे रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण, कांग्रेस का फिर से मज़बूत होना लोकतंत्र के लिए ज़रूरी: सोनिया गांधी
    05 Apr 2022
    ‘‘हम भाजपा को, सदियों से हमारे विविधतापूर्ण समाज को एकजुट रखने और समृद्ध करने वाले सौहार्द व सद्भाव के रिश्ते को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।’’
  • भाषा
    'साइबर दूल्हो' से रहें सावधान, साइबर अपराध का शिकार होने पर 1930 पर करें फोन
    05 Apr 2022
    अगर आप अपने परिवार के किसी सदस्य की शादी के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन विज्ञापन देख रहे हैं, तो थोड़ा होशियार हो जाएं। साइबर ठग अब शादी के नाम पर भी ठगी करने में जुट गए हैं। देश के महानगरों मे अब तक इस तरह…
  • मीनुका मैथ्यू
    श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता
    05 Apr 2022
    वित्तीय संस्थानों के कई हस्तक्षेपों के बावजूद श्रीलंकाई सरकार अर्थव्यवस्था की व्यवस्थित गिरावट को दूर करने में विफल रही है।
  • इंद्रजीत सिंह
    विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा
    05 Apr 2022
    इस बात को समझ लेना ज़रूरी है कि चंडीगढ़ मुद्दे को उठाने में केंद्र के इस अंतर्निहित गेम प्लान का मक़सद पंजाब और हरियाणा के किसानों की अभूतपूर्व एकता को तोड़ना है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License