NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली दंगे : अदलात ने एक बार फिर पुलिस जांच पर उठाए सवाल, अलग मामलों को एक ही प्राथमिकी में मिला देने को लेकर की खिंचाई
अदालत ने कहा कि पिछले साल फरवरी में दर्ज की गई इस प्राथमिकी की जांच के बारे में कुछ भी रिकार्ड में नहीं है। मामले में आरोप लगाया गया था कि शिव विहार इलाके में दंगे के दौरान आगजनी की गई थी और मदीना मस्जिद को अपवित्र किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), उत्तर-पूर्वी को मामले में 25 मार्च तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Mar 2021
दिल्ली दंगे

नयी दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल हुए दंगों के दौरान एक व्यक्ति का मकान कथित तौर पर जला दिये जाने के बारे में उसकी शिकायत को एक अन्य मामले से बेमतलब का जोड़ दिये जाने और इसी विषय में बाद में उसे गिरफ्तार कर लेने को लेकर यहां की एक अदालत ने बुधवार को पुलिस की खिंचाई की।

पुलिस ने उसे शिकायतकर्ता और आरोपी, दोनों ही बना दिया था।

अदालत ने यह भी कहा कि पिछले साल फरवरी में दर्ज की गई इस प्राथमिकी की जांच के बारे में कुछ भी रिकार्ड में नहीं है। मामले में आरोप लगाया गया था कि शिव विहार इलाके में दंगे के दौरान आगजनी की गई थी और मदीना मस्जिद को अपवित्र किया गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), उत्तर-पूर्वी को मामले में 25 मार्च तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

अदालत ने एक फरवरी के एक मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

दरअसल, हाजी हाशिम अली नाम के व्यक्ति ने शिकायत की थी कि दंगाइयों ने उसके मकान को आग के हवाले कर दिया। उसकी इस शिकायत को नरेश चंद नाम के व्यक्ति की शिकायत से पुलिस ने जोड़ दिया था।

पुलिस ने एक साझा प्राथमिकी दर्ज की और बाद में मामले में अली को गिरफ्तार कर लिया था। अली इस विषय में जमानत पर जेल से बाहर है।

यह मामला करावल नगर थाने में दर्ज किया गया था।

अदालत ने थाना प्रभारी को मस्जिद से जुड़े विषय की जांच की फाइल और मामले की डायरी के साथ उसके समक्ष उपस्थित रहने को कहा है।
यह कोई पहला मौका नहीं जब दिल्ली पुलिस को आदलत में फटकार खानी पड़ी हो।  उमर खलिद ,देवांगन ,नताश सहित कई ने मामलों में अदलात ने पुलिस जाँच के तरीके पर सवाल किए।  पुलिस जाँच में लापरवाही के वजह से ही दंगे के एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी भी आरोपी पर आरोप सिद्ध करने में असफल रही है बल्कि पुलिस ने कथिततौर पर जिन्हे आरोपी बनाया उन्हें भी अब लगातर ज़मानत मिल रही है।  इसलिए दिल्ली पुलिस को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे है।  

गत वर्ष फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में हुई सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 53 लोग मारे गए थे और सैकड़ो लोगो गंभीर रूप से घायल हुए थे। जबकि करोड़ो रूपए की संपत्ति को नुकसान हुआ था। इस दौरना पुलिस के रैवेय को लेकर भी गंभीर सवाल उठे कई लोगो ने तो यह भी आरोप लगाए की इस दंगे में पुलिस भी एक पक्षकार बनकर काम कर रही थी।   

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

Delhi Violence
Delhi riots
delhi police
North-east Delhi violence

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’

मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!

पंजाब पुलिस ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा को गिरफ़्तार किया, हरियाणा में रोका गया क़ाफ़िला

उमर खालिद पर क्यों आग बबूला हो रही है अदालत?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License