NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
उत्पीड़न
कानून
भारत
राजनीति
दिल्ली दंगे: “असली दोषियों” को सज़ा के लिए न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग
एक संयुक्त वक्तव्य में सदस्यों ने आरोप लगाया कि असहमत होने वालों की लोकतांत्रिक आवाज को धीरे-धीरे फंसाकर उन्हें दबाया जा रहा है। इन लोगों ने दिल्ली दंगों में यूपीए के तहत उमर खालिद समेत अन्य गिरफ़्तार निर्दोष लोगों को तत्काल छोड़े जाने की मांग की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Sep 2020
pc
दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस का दृश्य।

नयी दिल्ली: प्रसिद्ध सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और वक्तव्य जारी कर दिल्ली दंगों में बेवजह फंसाए गए लोगों को तत्काल रिहा करने और जांच के लिए एक न्यायिक आयोग बनाने की मांग की।

इन लोगों ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल छोड़ा जाना चाहिए और “असली दोषियों” को सजा देने के लिए एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

एक संयुक्त वक्तव्य में समूह के सदस्यों ने आरोप लगाया कि असहमत होने वालों की लोकतांत्रिक आवाज को धीरे-धीरे फंसाकर उन्हें दबाया जा रहा है।

यह वक्तव्य, जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को 13 सितंबर को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद आया है। खालिद पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज है।

लेखिका और तत्कालीन योजना आयोग की सदस्य सैयदा हमीद, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, वामपंथी नेता कविता कृष्णन, पत्रकार पामेला फिलिपोज और डियूटीए की पूर्व अध्यक्ष नंदिता नारायण की ओर से संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया है। इससे पहले इसी सिलसिले में प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।

वक्तव्य में कहा गया, “असहमति की हर लोकतांत्रिक आवाज को धीरे-धीरे दबाया जा रहा है। इसमें छात्र, अकादमिक लोग, कलाकार, नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं। हम इस जांच को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हैं जो पूर्वाग्रह और दुर्भावना से ग्रसित है।”

वक्तव्य में कहा गया, “हम मांग करते हैं कि यूएपीए के तहत जिन कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज हैं उन्हें तत्काल छोड़ा जाना चाहिए और एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए ताकि दिल्ली में हिंसा के लिए जिम्मेदार असली दोषियों को सजा दी जा सके।”

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Delhi
Delhi riots
UAPA
Anti Muslim
Umar khalid
prashant bhushan
Kavita Krishnan
North east delhi

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

लखनऊ: देशभर में मुस्लिमों पर बढ़ती हिंसा के ख़िलाफ़ नागरिक समाज का प्रदर्शन

महानगरों में बढ़ती ईंधन की क़ीमतों के ख़िलाफ़ ऑटो और कैब चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License