NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली हिंसा : रिलीफ कैंप में 'बच्चों का कोना', खेल के जरिये डर निकालने की कोशिश
ईदगाह रिलीफ कैम्प और शिव विहार में प्रभावित बच्चों के लिए आंगनवाड़ी और चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर बनाया गया है जहाँ पर बच्चे अपने मन पसंद गतिविधियों में व्यस्त होने लगे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Mar 2020
 relief camp

किसी भी हिंसा का सबसे ज़्यादा बुरा असर महिलाओं और छोटे बच्चों पर ही पड़ता है। यही दिल्ली हिंसा में हुआ है। वे न केवल अपने घर से बेघर हुए हैं बल्कि मानसिक यातना से भी गुज़र रहे हैं। छोटे बच्चों के साथ तो यह भी मुश्किल है कि वे अपने दिल-दिमाग़ की बात ठीक से समझ और समझा भी नहीं सकते। दंगाग्रस्त इलाकों के बच्चों न केवल अपने घर-आंगन से बिछड़ कर रिलीफ कैंपों में पहुंचे हैं बल्कि उन्होंने हत्या और आगज़नी का मंज़र भी देखा है, जिससे वे काफी डरे-सहमे हैं। इससे उबरने में उन्हें काफी समय लगेगा।

बच्चों की इसी मेंटल ट्रोमा से बाहर निकालने का प्रयास कुछ एनजीओ और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाएं कर रही हैं। इसी कोशिश में शामिल है मोबाइल क्रेशिज। मोबाइल क्रेशिज टीम ने नींव दिल्ली फोर्सस के साथ मिल कर इस पर हस्तक्षेप की योजना बनाई और इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर रिलीफ कैम्प में आंगनवाड़ी केंद्र की शुरुआत की गई है। दूसरी ओर शिव विहार समुदाय में परिवारों के साथ व्यक्तिगत सम्पर्क कर उनकों आंगनवाड़ी सेवाओ के लाभ हेतु प्रेरित करने का काम चल रहा है। समुदाय में बच्चों के लिए चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर बनाया जा गया है जहाँ पर बच्चे अपने मन पसन्द गतिविधियों में व्यस्त होने लगे हैं।

IMG-20200307-WA0020.jpg

इस कोशिश के तहत मोबाइल क्रेशिज की टीम 4 मार्च को पहले शिव विहार पहुंची। यह क्षेत्र दंगों में सबसे ज्यादा प्रभवित हुआ है। इस टीम ने इन दंगों का छोटे बच्चों एवं इनसे संबंधित कार्यक्रम (आंगनवाड़ी केन्द्रों) पर पड़ने वाले असर का जायजा लिया। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में दौरा किया गया, जिनमें पाया गया कि ज्यादा प्रभावित क्षेत्र के केन्द्रों में बच्चे बिल्कुल नहीं हैं और बाकियों में भी बच्चों की संख्या बहुत ही कम है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और समुदाय में परिवारों से बातचीत से पता लगा कि बच्चों ने पूरी घटना अपनी आंखों देखी है वह बहुत डरे हुए हैं। कई परिवारों में बच्चों को दूसरे रिश्तेदारों के घर पर छोड़ा हुआ है।

समुदाय से पता चला कि कई परिवार घरों को छोड़ कर रिलीफ कैम्प में चले गए है

टीम ने ईदगाह रिलीफ कैम्प में पाया कि दंगा प्रभावित लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं, कानूनी सलाह, मुआवजा फार्म ओर लोगों के खाने और रहने की व्यवस्था सरकार एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा मुहैया हो रही है।

कुछ अन्य राजनीतिक दल और सामाजिक संस्थाएं भी प्रभावित लोगों के बीच पहुंच रहे हैं।

IMG-20200307-WA0023.jpg

मोबाइल क्रेशिज टीम के अनुसार रिलीफ कैम्प में रहने वाले एक परिवार से बातचीत में पता चला कि उनके बड़े बच्चे स्कूल जाते थे और छोटा बच्चा आंगनवाड़ी पर, लेकिन जब से दंगे हुए हैं तब से छोटा बच्चा मां की गोद मे ही रहना चाहता है और किसी के साथ नही रहना चाहता है। रिलीफ कैम्प में बहुत सारे बच्चे थे। उनकी भी यही स्थिति थी।

ऐसे में यह बहुत बड़ी चुनौती थी कि किस तरह से समुदाय में सभी आंगनवाड़ी केंद्र पूरी तरह से सेवाएं प्रदान करें और समुदाय इसका लाभ लेने लगें।दूसरी ओर रिलीफ कैम्प के बच्चों के लिये इस तरह के खेल क्रियाएं हो ताकि वह डर और भय से उबर पाएं। हम सभी की यही कोशिश है कि उत्तरी पूर्वी जिले के लोगों का जन जीवन फिर पहले की तरह सामान्य हो जाये।

Delhi Violence
Delhi Relief Camps
Idgah Relief Camp
ईदगाह रिलीफ कैम्प
Child friendly corner

Related Stories

उमर खालिद पर क्यों आग बबूला हो रही है अदालत?

जहांगीरपुरी हिंसा : अब 'आप' ने मुख्य आरोपी अंसार को 'बीजेपी' का बताया

दिल्ली हिंसा: उमर ख़ालिद के परिवार ने कहा ज़मानत नहीं मिलने पर हैरानी नहीं, यही सरकार की मर्ज़ी है

दिल्ली हिंसा में पुलिस की भूमिका निराशाजनक, पुलिस सुधार लागू हों : पूर्व आईपीएस प्रकाश सिंह

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस की जांच की आलोचना करने वाले जज का ट्रांसफर

अदालत ने फिर उठाए दिल्ली पुलिस की 2020 दंगों की जांच पर सवाल, लापरवाही के दोषी पुलिसकर्मी के वेतन में कटौती के आदेश

मीडिया लीक की जांच के लिए दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता: आसिफ तन्हा के वकील

दिल्ली दंगे: गिरफ़्तारी से लेकर जांच तक दिल्ली पुलिस लगातार कठघरे में

न्यायपालिका को बेख़ौफ़ सत्ता पर नज़र रखनी होगी


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License