NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राज्यसभा में उठी अफ़्सपा वापस लिए जाने की मांग
एनपीएफ का कहना है कि सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार देश के और किसी भी हिस्से में नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि लागू किए जाने के दौरान भी इस कानून का व्यापक विरोध किया गया था।
भाषा
08 Dec 2021
राज्यसभा में उठी अफ़्सपा वापस लिए जाने की मांग

नयी दिल्ली: नगालैंड में सशस्त्र बलों की गोलीबारी में 14 नागरिकों के मारे जाने का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के एक सदस्य ने बुधवार को सरकार से सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफ़्सपा) को वापस लिए जाने की मांग की। 

शून्यकाल के दौरान एनपीएफ के सदस्य के जी केन्ये ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून लाया गया था तब इसके विभिन्न पहलुओं पर इसी सदन में गहन चर्चा हुई थी और चर्चा में भाग लेने वाले सदस्य देश के अलग अलग हिस्सों के थे। उन्होंने कहा कि तब कई सदस्यों ने इस कानून का नागरिकों के खिलाफ दुरूपयोग किए जाने की आशंका जताई थी और कहा था कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। केन्ये ने कहा ‘‘यह आशंका चार दिसंबर को सही साबित हो गई।’       

केन्ये ने कहा कि सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार देश के और किसी भी हिस्से में नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि लागू किए जाने के दौरान भी इस कानून का व्यापक विरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि अगर यह कानून जारी रहता है तो आगे भी इस तरह की घटना हो सकती है इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए।     

गौरतलब है कि चार दिसंबर को नगालैंड राज्य के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में करीब 14 नागरिकों की मौत हो गई। इस घटना के बाद हुई हिंसा में एक सैन्यकर्मी की भी मौत हो गई थी।      

गृह मंत्री अमित शाह ने छह दिसंबर को इस घंटना के संबंध में संसद के दोनों सदनो में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है तथा सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार इस क्षेत्र में स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और वहां शांति एवं अमन सुनिश्चित करने के लिये जरूरी कदम उठाये गए हैं।


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    ...हर एक दिल में है इस ईद की ख़ुशी
    03 May 2022
    हमारे दौर का नज़ीर कहां है...जो जिस शिद्दत से ईद के लिए लिखता है, उसी शिद्दत से झूमकर होली दिवाली के लिए लिखता है। अफ़सोस, नज़ीर का हिन्दुस्तान भी आज कहां है….उसी में तो आग लगाई जा रही है...। फिर भी…
  • Modi
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदीजी, विदेश से क्या नज़र आती है भारत में पसरती नफ़रत, ये सुलगते सवाल
    02 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने आसमान छूती नफ़रती लपटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा, साथ ही गुजरात के युवा-दलित विधायक जिग्नेश मेवानी द्वारा उठाये गये मुद्दों पर चर्चा को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    राजस्थान में मस्जिद पर भगवा, सांप्रदायिक तनाव की साज़िश!
    02 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में अभिसार बात कर रहे हैं Eid से पहले सांप्रदायिक तनाव बनाने की कोशिश की। साथ ही वे बात कर रहे हैं कि क्यों न हमें एक अच्छा नागरिक बनने की कोशिश करनी चाहिए।
  • श्रिया सिंह
    आइएमएफ की मौजूदगी में श्रीलंका के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र को ख़तरा 
    02 May 2022
    जहाँ एक ओर मौजूदा आर्थिक संकट के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है, वहीं दूसरी ओर संभावित आईएमएफ सौदे के हिस्से के तौर पर जिन शर्तों को लागू किया जायेगा उसके चलते दीर्घकालीन ढांचागत…
  • विजय विनीत
    चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप
    02 May 2022
    "यूपी में पुलिस हत्यारी बन चुकी है। निरंतर निर्दोष नागरिकों की बीजेपी सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या हो रही है। चंदौली में घर में घुसकर पुलिसकर्मियों द्वारा दो बेटियों की बर्बर पिटाई में एक बेटी की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License